नई दिल्ली: केन्द्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) की वार्षिक रिपोर्ट क्रमशः 12 और 27 दिसंबर 2018 को लोकसभा एवं राज्यसभा में पेश की गई। वार्षिक रिपोर्ट की प्रमुख बातें इस प्रकार हैं:
- रिपोर्टिंग वर्ष 2017-18 के दौरान, 12.33 लाख आरटीआई आवेदन पंजीकृत केंद्रीय सार्वजनिक प्राधिकरणों (पीए) द्वारा प्राप्त किए गए थे। यह वर्ष 2016-17 के आंकड़े की तुलना में 3,17,458 या 26 प्रतिशत अधिक है।
- केंद्रीय पीए ने वर्ष 2017-18 के दौरान प्रोसेस किए गए कुल आरटीआई आवेदनों में से 4 प्रतिशत (63,206) को खारिज कर दिया। यह खारिज किए गए आवदेनों की संख्या में कमी के रुख को दर्शाता है। इस दौरान इनमें 2.59 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि वर्ष 2016-17 में यह आंकड़ा 6.59 प्रतिशत था।
- आरटीआई आवेदनों को खारिज करने का सर्वाधिक प्रतिशत दिल्ली उच्च न्यायालय (18 प्रतिशत) और गृह मंत्रालय (15.16 प्रतिशत) द्वारा दर्ज किया गया।
- वार्षिक रिपोर्ट 2017-18 पिछले वर्ष की तुलना में केंद्रीय पीए द्वारा प्राप्त प्रथम अपीलों की संख्या में 22प्रतिशत (30,868) की वृद्धि दर्शाती है।
- सीआईसी ने वर्ष 2017-18 में 29,005 द्वितीय अपीलों और शिकायतों के मामलों का निपटान किया, जो इसकी स्थापना के बाद से आयोग द्वारा किया गया दूसरा सर्वाधिक निपटान है। इसी अवधि के दौरान कुल मिलाकर 25,815 मामले दर्ज किए गए। वर्ष के आखिर में आयोग में 23,541 मामले लंबित थे।
- आयोग ने वर्ष 2017-18 के दौरान 33.62 लाख रुपये का जुर्माना लगाया, जबकि पीआईओ से कुल मिलाकर 16.39 लाख रुपये की वसूली की गई।
- कुल मिलाकर 2,079 पीए ने वार्षिक रिटर्न जमा किए हैं जो 100 प्रतिशत के आंकड़े को दर्शाते हैं और जो इसकी स्थापना के बाद से अधिकतम है।
वार्षिक रिपोर्ट की सॉफ्ट कॉपी आयोग की वेबसाइट http://www.cic.gov.in पर अपलोड कर दी गई है।