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कैबिनेट ने ऑफ-ग्रिड और विकेंद्रीयकृत सौर पीवी अनुप्रयोग कार्यक्रम के चरण-3 को जारी रखने के लिए दी स्‍वीकृति

देश-विदेशप्रौद्योगिकी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता वाली आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने 2020 तक अतिरिक्‍त 118 एमडब्‍ल्‍यूपी (मेगा वाट पीक) ऑफ-ग्रिड सौर पीवी क्षमता हासिल करने के लिए ऑफ-ग्रिड और विकेंद्रीयकृत सौर पीवी (फोटो वोल्टिक) अनुप्रयोग कार्यक्रम के तीसरे चरण को लागू किए जाने के लिए अपनी स्‍वीकृति दे दी।

ऑफ-ग्रिड और विकेंद्रीयकृत सौर पीवी (फोटो वोल्टिक) अनुप्रयोग कार्यक्रम के तीसरे चरण में निम्‍नलिखित भाग हैं:

1.      सौर स्‍ट्रीट लाइट: ग्रिड पावर के माध्‍यम से देश भर में 3 लाख सौर स्‍ट्रीट लाइट्स लगायी जाएंगी, जिसमें मुख्‍य जोर ऐसे क्षेत्रों पर होगा जहां स्‍ट्रीट लाइटिंग सिस्‍टम की सुविधा नहीं है। इनमें मुख्‍य रूप से पूर्वोत्‍तर राज्‍य और वामपंथी चरमपंथ (एलडब्‍ल्‍यूई) प्रभावित जिले शामिल हैं।

2.      एकल सौर ऊर्जा संयंत्र: ऐसे क्षेत्रों में 25 केडब्‍ल्‍यूपी (किलो वाट पीक) क्षमता तक के सौर ऊर्जा संयंत्रों को बढ़ावा दिया जाएगा, जहां ग्रिड विद्युत की पहुंच नहीं है या विश्‍वसनीय नहीं है। इस भाग का मुख्‍य उद्देश्‍य विद्यालयों, छात्रावासों, पंचायतों, पुलिस थानों और अन्‍य सरकारी संस्‍थानों को बिजली उपलब्‍ध कराना है। इन सौर ऊर्जा संयंत्रों की कुल क्षमता 100 एमडब्‍ल्‍यूपी होगी।

3.      सौर स्‍टडी लैंप –पूर्वोत्‍तर राज्‍यों और एलडब्‍ल्‍यूई प्रभावित जिलों को 25,00,000 सौर स्‍टडी लैंप उपलब्‍ध कराए जाएंगे। 

पूर्वोत्‍तर राज्‍यों, पर्वतीय राज्‍योंऔर संघ शासित द्वीपों को छोड़कर दूसरे क्षेत्रों में सौर स्‍ट्रीट लाइट और सौर ऊर्जा संयंत्रों के लिए बेंचमार्क लागत का 30 प्रतिशत वित्तीय सहयोग उपलब्‍ध कराया जाएगा। वहीं पूर्वोत्‍तर राज्‍यों, पर्वतीय राज्‍योंऔर संघ शासित द्वीपों में इसके लिए बेंचमार्क लागत का 90 प्रतिशत वित्‍तीय सहयोग उपलब्‍ध कराया जाएगा। सौर स्‍टडी लैंप के लिए लाभार्थी विद्यार्थी को लैंप की लागत का सिर्फ 15 प्रतिशत वहन करना पड़ेगा और शेष धनराशि वित्‍तीय सहयोग के तौर पर उपलब्‍ध कराई जाएगी। ये प्रणालियां पिछड़े और दूरदराज के क्षेत्रों के स्‍कूली बच्‍चों को उपलब्‍ध कराई जाएंगी।

चरण – 3 में शामिल इस परियोजना के तीन घटकों पर कुल 1,895 करोड़ रुपये की लागत आएगी, जिसमें से 637 करोड़ रुपये केंद्रीय वित्‍तीय सहायता के तौर पर उपलब्‍ध कराए जाएंगे।

ऑफ ग्रिड सौर प्रणालियों से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में बेहतर आजीविका के  अवसर भी पैदा होंगे, जिससे ऐसे क्षेत्रों में स्‍वरोजगार को बढ़ावा मिलेगा। अनुमान है कि चरण – 3 के लागू होने से स्‍वरोजगार को बढ़ावा मिलने के अलावा कुशल और अकुशल कामगारों के लिए 8.67 लाख कार्यदिवस के बराबर रोजगार के अवसर पैदा होने का अनुमान है।

ऑफ-ग्रिड और विकेंद्रीयकृत सौर पीवी अनुप्रयोग कार्यक्रम का देश के ऐसे ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों पर अच्‍छा प्रभाव पड़ा है, जहां या तो ग्रिड पावर की पहुंच नहीं है या यह विश्‍वसनीय नहीं है। चरण-3 के दौरान इस कार्यक्रम से 40 लाख ग्रामीण परिवारों को फायदा होने का अनुमान है। इसके अलावा, कार्यक्रम में प्रस्तावित ऑफ ग्रिड सौर ऊर्जा संयंत्रों से विद्यालयों, छात्रावासों, पंचायतों, पुलिस थानों और अन्‍य सरकारी संस्‍थानों तक बिजली पहुंचने से आम जनता को व्‍यापक रूप से मदद मिलेगी। साथ ही शैक्षणिक, सामाजिक और आजीविका से संबंधित गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

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