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मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:-

मुख्यमंत्री पीडि़त सहायता कोष का उपयोग नेपाल के भूकम्प पीडि़तों की सहायता हेतु करने तथा इसी प्रयोजन के लिए पूर्व में प्रदान की गई सहायता का वहन भी कोष से किए जाने का निर्णय 
मंत्रिपरिषद ने मुख्यमंत्री पीडि़त सहायता कोष का उपयोग नेपाल में आए भूकम्प पीडि़त लोगों की सहायता हेतु आवश्यकतानुसार करने तथा इसी प्रयोजन के लिए जो सहायता पूर्व में प्रदान की जा चुकी है, उसका वहन भी पीडि़त कोष से किए जा सकने का निर्णय लिया है। यह निर्णय नेपाल राष्ट्र की सीमा, उत्तर प्रदेश से लगी होने और नेपाल में भूकम्प के कारण जन-धन तथा सम्पत्ति की अपार हानि के मद्देनजर लिया गया है।
जनपद शामली में ऊन को तहसील बनाने का निर्णय
मंत्रिपरिषद ने जनपद शामली में ऊन को तहसील बनाने के प्रस्ताव को अनुमोदन प्रदान कर दिया है। इसका मुख्यालय कस्बा ऊन होगा। विशेष परिस्थितियों, जनहित एवं प्रशासनिक सुगमता के दृष्टिगत निर्धारित मानकों में शिथिलीकरण करते हुए उच्चस्तरीय समिति की संस्तुति पर मंत्रिपरिषद ने यह निर्णय लिया है। इसके अलावा, ग्राम मालेण्डी को प्रस्तावित तहसील ऊन के स्थान पर तहसील शामली में ही रखे जाने का भी निर्णय लिया गया।
जनपद मैनपुरी में घिरोर को तहसील बनाने का निर्णय
मंत्रिपरिषद ने जनपद मैनपुरी में घिरोर को तहसील बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसका मुख्यालय कस्बा घिरोर होगा। विशेष परिस्थितियों, जनहित एवं प्रशासनिक सुगमता के दृष्टिगत से निर्धारित मानकों में शिथिलीकरण करते हुए उच्चस्तरीय समिति की संस्तुति पर मंत्रिपरिषद ने यह निर्णय लिया है।
उ0प्र0 सरकारी विभाग सहायक लेखा अधिकारी संवर्ग सेवा नियमावली-2015 को मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने ‘उत्तर प्रदेश सरकारी विभाग सहायक लेखा अधिकारी संवर्ग सेवा नियमावली-2015’ के प्रख्यापन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके तहत लेखाधिकारी के पद लेखाकार एवं ज्येष्ठ लेखा परीक्षक से पदोन्नति द्वारा भरे जाएंगे।
इस नियमावली की व्यवस्था में सहायक लेखाधिकारी के पद शत्-प्रतिशत पदोन्नति द्वारा, विभिन्न विभागों के लेखाकार एवं वरिष्ठ लेखा परीक्षकों में से, उनके पदों की संख्या के अनुपात में निर्धारित कोटे के आधार पर भरे जाएंगे। इन पदों पर पदोन्नति की कार्यवाही निदेशक, आंतरिक लेखा एवं लेखा परीक्षा द्वारा की जाएगी और सम्बन्धित विभागों की आवश्यकतानुसार चयनित अभ्यर्थियों का आवंटन किया जाएगा।
19 जनपदों के मत्स्य पालक विकास अभिकरणों के कार्मिकों की अधिवर्षता आयु 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष किए जाने का फैसला
मंत्रिपरिषद ने 19 जनपदों के मत्स्य पालक विकास अभिकरणों में कार्यरत एवं मा0 उच्च न्यायालय के आदेशों से आच्छादित कार्मिकों की अधिवर्षता आयु 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष किए जाने को मंजूरी प्रदान कर दी है। वर्ष 1977 से 1980 के बीच विश्व बैंक योजना के अन्तर्गत 19 जनपदों में मत्स्य पालक विकास अभिकरण की स्थापना हुई थी। वर्ष 2001 से पूर्व इन अभिकरणों के स्टाफ का व्यय 50 प्रतिशत भारत सरकार द्वारा बन्द करने के बाद से वेतन का सम्पूर्ण भार राज्य सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। कार्मिकों की अधिवर्षता आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष किए जाने पर राज्य सरकार को लगभग 9 करोड़ रुपए का व्यय भार वहन करना पड़ेगा।

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