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गांवों में जल्द ही लगेंगे बायो-गैस प्लांट

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: पंचायतीराज विभाग द्वारा स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में बायो-गैस प्लांट लगाए जाने का निर्णय लिया गया है। बायो-गैस प्लांट में उपयोग किए जाने वाले डायजेस्टरों को बनाने के लिए सांचे प्रयोग किए जाते हैं। इस प्रकार के सांचे तथा वाइब्रेटर बनाने के लिए विभाग द्वारा  16 जुलाई, 2015 तक टेण्डर आमंत्रित किए गए हैं।

मण्डल स्तर पर इस प्रकार के एक फैब्रीकेटर का चयन किया जाएगा। आवश्कता पड़ने पर एक फैब्रीकेटर को एक से अधिक मण्डल भी आवंटित किए जा सकते हैं। प्रारम्भ में एक जनपद के लिए दो सांचे तथा एक वाइब्रेटर बनाया जाएगा तथा आवश्कता पड़ने पर और आदेश दिए जा सकते हैं।
प्रस्तावित बायो-गैस प्लांट का माडल बायो-इनर्जी मिशन सेल, उत्तर प्रदेश तथा यूनीसेफ द्वारा विकसित किया गया है। इस माडल की क्रियाशीलता लगभग 20-25 साल तक रहती है। इसके पश्चात सामान्य मरम्मत के पश्चात प्लांट आगे के लिए फिर तैयार किया जा सकता है। प्लांट चलाने के लिए गोबर तथा बचा हुआ घास-पात, सब्जियों की छीलन आदि प्रयोग  किये जाते हैं। यह प्लांट तथा  डाइजेस्टर बनाने के लिए सांचा तथा वाइब्रेटर ग्राम मुल्लाही खेड़ा, विकास खण्ड-सरोजनी नगर (बंथरा थाने के पास) जनपद लखनऊ में देखा जा सकता है। अन्य जानकारी श्री सुरेन्द्र, मोबाइल नं0-9451382333 से अथवा श्री पी0एस0 ओझा मोबाइल नं0-9415004917 अथवा कार्यालय के दूरभाष संख्या-0522-2236213 पर सम्पर्क करके प्राप्त की जा सकती है।
ग्राम पंचायत में बायो-गैस प्लांट के लिए लाभार्थियों का चयन ग्राम पंचायत द्वारा किया जाएगा। लाभार्थी ऐसे व्यक्ति होंगे जो पशु-पालन का कार्य करते हैं तथा जिनके पास प्लांट के लिए अपना स्थान उपलब्ध है।
सांचा बनाने के लिए टेण्डर विभाग की वेबसाइट ूूूण्चंदबींलंजपतंरण्नचण्दपबण्पद पर उपलब्ध है। यह आवेदन पत्र पूरा करके डाक द्वारा जवाहर भवन, लखनऊ में प्राप्त कराया जा सकता है।

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