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बीजापुर गेस्ट हाउस में जनता की समस्याओं को सुनते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत।

उत्तराखंड
देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शनिवार को बीजापुर अतिथि गृह में दूरभाष पर जनता की समस्याओं को सुना। आज लगभग 70 से 80 लोगो ने मुख्यमंत्री आवास पर काॅल किया। जिसमें से लगभग 40 से 50 लोगो से मुख्यमंत्री श्री रावत ने बात की। जिन लोगो की मुख्यमंत्री से बात नही हो पायी, उनकी समस्याओं को दर्ज कर लिया गया। दिल्ली निवासी सी0पी0उपाध्याय, सुप्रीडेन्ट इंजीनियर दिल्ली बिजली बोर्ड द्वारा दूरभाष पर मुख्यमंत्री श्री रावत से बात की गई। श्री उपाध्याय ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि प्रदेश में चीड़ के पेड़ों के वृक्षारोपण पर प्रतिबंध लगाया जाय।

इससे पर्यावरण को काफी हानि हो रही है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बांज, बुरांश, भीमल, तिमला सहित अन्य चैड़ी पत्ते वाले वृक्षों के रोपण पर जोर दिया गया है। वीरू बिष्ट, आरकेडिया, प्रेमनगर, देहरादून ने दूरभाष पर बताया कि मोहनपुर स्मितनगर, हेतु 62 लाख रुपये एवं गोरखपुर गाॅव (पित्थुवाला) का स्टीमेट शासन को प्रेषित है अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो पायी है। इस पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने प्रबंध निदेशक जल संस्थान को दूरभाष पर निर्देश दिये कि इस प्रकरण पर तत्काल कार्यवाही की जाय। राजकिशोर आवंलाचैकी, गोलागेट, हल्द्वानी, नैनीताल ने बताया कि उनकी बस्ती में पानी की समस्या और शौचालय नहीं है। इस पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने जिलाधिकारी नैनीताल को निर्देश दिये कि संबंधित प्रकरण पर कार्यवाही की जाय। कै0 पी0एस0रावत, भूतपूर्व सैनिक, नथुवावाला, कृष्णविहार, देहरादून ने शिकायत की कि कृष्ण विहार हेतु सडक बनवाने एवं पानी की लाइन बदलवाने का कार्य अभी तक लंबित है, इस पर मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि संबंधित विभाग को निर्देश जारी कर दिये गये है। श्री देवानन्द, जाखतुरान, पिथौरागढ़ द्वारा बताया गया कि स्वास्थ्य विभाग एम0पी0डब्ल्यू, आयुष विभाग में कार्यरत समस्त कार्मिकों का समायोजन किया जाय। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन स्तर पर इस संबंध में विचार-विमर्श किया जा रहा है। श्री धर्मेन्द्र कुमार, जीवनगढ़, विकासनगर देहरादून द्वारा बताया गया कि जीवनगढ़ विकासनगर हेतु रात्रि 9ः30 के बाद प्राईवेट/सरकारी कोई भी बस नहीं चलती है इस कारण क्षेत्र वासियों को काफी परेशानी रहती है। इस पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने तत्काल आयुक्त परिवहन को निर्देश दिये कि इस रूट पर स्थानीय आवश्यकता को देखते हुए बस संचालन के संबंध में कार्यवाही करे। शिव सिंह रौतेला, ग्राम-बगवाड़ी, पो0 गंजाचोली, रानीखेत द्वारा बताया गया कि वर्ष 2013 से मार्च 2014 तक की विकलांग पेंशन नहीं मिल पायी है, इस पर मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी अल्मोड़ा को निर्देश दिये कि इस प्रकरण पर जांच की जाय कि किस कारण संबंधित को पेंशन नही मिल पायी है। यदि किसी अधिकारी की लापरवाही के कारण पेंशन में विलंब हुआ है, तो संबंधित के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाय। श्री छत्रपाल सिंह आर्य, रूड़की द्वारार बताया गया कि एन0एच0-58 से गुलदासपुर माजरा गाॅव को जोडने वाला सम्पर्क मार्ग पर केवल 200 मीटर कार्य हुआ है 8 महिनाें से कोई कार्य नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री ने मुख्य अभियंता लोनिवि को निर्देश दिये कि प्रकरण पर जांच कर रिपोर्ट उपलब्ध करायी जाय। जी0डी0जोशी, से0नि0 लो0सहायक, वन विकास निगम काशीपुर ने बताया कि वर्ष 2014 मे वन विकास निगम काशीपुर से सेवानिवृत्त हुआ हॅू पौडी में कार्यरत होने के दौरान अभी तक वहाॅ से अदेयता प्रमाण पत्र निर्गत नही किया गया है, जिस कारण पेंशन, ग्रेजुऐटी आदि का भुगतान नही हो पा रहा है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने प्रबंध निदेशक वन विकास निगम को निर्देश दिये कि उक्त कर्मचारी को तत्काल अदेयता प्रमाण पत्र जारी किया जाय। भविष्य में किसी भी कर्मचारी के पेंशन व ग्रेजुएटी संबंधी प्रकरणों में ऐसी शिकायते नही आनी चाहिए। चन्द्र किशोर पुरोहित, ग्राम सांकरी, पो0 कर्णप्रयाग, जिला चमोली द्वारा बताया गया कि पहाड़ों में बंजर-खण्डर, रिहायसी इलाकों में एवं चीड़ के पेड़ों पर बन्दरों का अड्डा बना हुआ है, नजदीक की फसलों को नुकसान पहुचाते हैं। पहाड़ों में सिंचाई का पानी केवल बरसात के पानी पर ही आधारित है,, जबकि जनवरी, फरवरी, मार्च, अप्रैल, मई एवं जून तक सिंचाई का पानी मिलना चाहिए, जिससे एक फसल उगाई जा सके। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा बंदरों के लिए अलग से बाड़े बना रही है। ऐसे क्षेत्रों से बंदर पकड़ कर बाड़ों में रखे जायेंगे। इसके साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में खेती को सिंचाई की सुविधा मिल सके, इसके लिए ठोस कार्ययोजना बनायी जा रही है। चाल-खाल योजना को भी प्रभावी बनाया जा रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में बरसात के पानी को एकत्रित करने वालों को बोनस भी दिया जायेग। हरिमोहन भट्ट, ग्राम व पो0 डूण्डा,जि0 उत्तरकाशी द्वारा बताया गया कि अगस्त 2014 में आई आपदा के दौरान प्रार्थी का मकान एवं बिजली की लाईन क्षतिग्रस्त हो गई थी। प्राथी ने उसके बाद विद्युत वितरण खण्ड चिनियालीसौण में विद्युत लाईन काटने हेतु आवेदन किया था लेकिन बिजली की लाईन अभी तक नहीं काटी गई है। जबकि प्रार्थी द्वारा अन्तिम बिल जमा कर दिया गया। प्रार्थी के बिल लगातार अभी तक आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इस मामले मंे प्रबंध निदेशक ऊर्जा को निर्देश दिये कि मामले की जांच की जाय, यदि मामला सही पाया जाय, तो संबंधित अधिकारी के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाय।

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