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भारत में असफल रहा दलित मुस्लिम एकता का प्रयास: बाबूलाल गौतम

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: बाबा साहब डा. भीमराव आम्बेडकर और जोगेन्द्रनाथ मण्डल का समान निर्माण में योेगदान विषय पर मंगलवार को प्रेसक्लब में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता बाबू लाल गौतम ने कहा कि भारत में दलित मुस्लिम एकता प्रयास असफल रहा। दलित मुस्लिम राजनीतिक गठजोड़ का हश्र जनता देख चुकी है फिर भी कुछ लोग दलित मुस्लिम एकता के नाम पर लोगों को गुमराह करते हैं। उन्होंने कहा कि जोगेन्द्रनाथ मंडल दलित नेता थे। भारत विभाजन के बाद वह पाकिस्तान चले गये।
पाकिस्तान बनने के बाद वहां गैर मुस्लिमों के हालात बदतर होने लगे। मुसलमान अनुसूचित जाति के लोगों से द्वेष रखते थे। धर्मान्तरण के लिए हिन्दुओं को बाध्य किया जाने लगा। मंडल ने इसके खिलाफ आवाज उठाई। जवाब में उनकी देशभक्ति पर सवाल उठाया जाने लगा। अंतत: उन्होंने लियाकत अली मंत्रिमण्डल से इस्तीफा दे दिया।

बाबूलाल गौतम ने बताया कि हिन्दू होने के कारण जोगेन्द्रनाथ मण्डल के साथ पाकिस्तान में भेदभाव हुआ जिसके कारण उन्हें मुल्क छोड़कर भारत वापस आना पड़ा।
बाबूलाल ने कहा कि जोगेन्द्रनाथ मण्डल के नाम से परहेज क्यों? जोगेन्द्रनाथ मंडल के कारण ही बाबा साहब संविधान सभा में प्रवेश कर पाये थे। यदि जोगेन्द्रनाथ मण्डल बाबा साहब को बंगाल से संविधान सभा में नहीं भेजते तो आज जो संविधान में दलित शोषित पीड़ितों को जो अधिकार मिला है वह शायद नहीं मिल पाता। डा. अम्बेडकर की ख्याति के पीछे योगेन्द्रनाथ मंडल का अहम योगदान है। उनके इस योगदान के लिए समाज हमेशा योगेन्द्रनाथ मंडल का कृतज्ञ रहेगा।

बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ के समाज शास्त्र विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. अजय कुमार कुमार ने कहा कि कांग्रेस की दलित विरोधी नीति के कारण जोगेन्द्रनाथ मंण्डल मुस्लिम लीग से जुड़े थे। वहीं बाबा साहब सारा दुख कष्ट और उपेक्षा को सहन करते हुए सिद्धान्तों पर अडिग रहे। उन्होंने कहा कि बाबा साहब की पूरी कोशिश रही कि समाज में विभाजन न हो। हिन्दू धर्म में सुधार के सारे प्रयत्न निष्फल होने के बाद उन्होंने बौद्ध धर्म स्वीकार किया।

भारत विभाजन के विरोध में थे अंबेडकर व जोगेन्द्रनाथ मण्डल
विषय प्रस्तावना करते हुए बृजनन्दन राजू ने कहा कि साहब अम्बेडकर व जोगेन्द्रनाथ मण्डल भारत विभाजन के विरोध में थे। दोनों ने भारत विभाजन रोकने का पूरा प्रयत्न किया। भारत विभाजन से पूर्व दोनों नेताओं ने कंधे से कंधा मिलाकर समाज के लिए काम किया था लेकिन विभाजन का सर्वाधिक दंश दलितों को झेलना पड़ा।
बृजनन्दन ने कहा कि विभाजन के बाद बाबा साहब भारत में रहकर संविधान निर्माण और अविकसित वर्गों के उत्थान में लगे रहे लेेकिन मंडल भूलवश मुस्लिम राजनीति के शिकार हो गये। पाकिस्तान में दलितों पर हुए सामूहिक नरसंहार से उनका ह्रदय चीत्कार उठा। अंतत: उन्हें भारत वापस लौटना पड़ा।

वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि योगेन्द्रनाथ मंडल के कहने पर जो दलित पाकिस्तान चले गये थे आज  अत्यंत दीन हीन अवस्था में जीवन यापन कर रहे हैं। यहां तक कि वह अपनी बहू—बेटियों को भी सुरक्षित नहीं पा रहे हैं।

भगवान बुद्ध के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया।
कार्यक्रम को पत्रकार अरमान मलिक,सुभम कश्यप ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर सिद्धार्थ,अभीष्ठ,प्रशान्त कुमार,सुरेश कुमार,विजय मिश्र और विजय प्रकाश राय प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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