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अटल जी ने राजनीति में मूल्यों व आदर्शों की स्थापना की तथा भारत की भावी राजनीति की आधारशिला रखी: मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी राजनीति के ऐसे अजातशत्रु थे, जिनमें सम व विषम दोनों परिस्थितियों में कार्य करने की अद्भुत क्षमता थी। उनके व्यक्तित्व में जनता-जनार्दन को सम्मोहित करने की अद्भुत शक्ति थी। श्रद्धेय अटल जी का व्यक्तित्व ऐसा था, जो घरेलू व वैश्विक मोर्चे पर सफलतापूर्वक अपनी राह बनाता गया। उन्होंने राजनीति में मूल्यों व आदर्शों की स्थापना की।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कन्वेंशन सेण्टर में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयन्ती की पूर्व सन्ध्या पर आयोजित ‘अटल गीत गंगा’ कार्यक्रम के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने श्रद्धेय अटल जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर कवि श्री कुमार विश्वास ने कविता पाठ किया, जिसे मुख्यमंत्री जी सहित सभी लोगों ने सुना। मुख्यमंत्री जी ने अटल जी से जुड़े गणमान्य व्यक्तियों का सम्मान किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत की राजनीति में स्थायित्व कैसे होना चाहिए तथा स्थिर सरकारें देश के लिए किस प्रकार उपयोगी होती हैं, इसकी शुरुआत अटल जी ने वर्ष 1998 से की। वही परम्परा आज भी चल रही है। मूल्यों व आदर्शों के साथ प्रतिबद्धता से जनता-जनार्दन की सेवा की जा सकती है और भारत में विकास के बड़े-बड़े कार्यक्रमों को लागू किया जा सकता है, यह अटल जी ने अपने जीवन में करके दिखाया। अटल जी बहुत संवेदनशील थे। संत तुलसीदास ने कहा था कि ‘प्रभुता पाई काहि मद नाही।’ अटल जी ने कहा था कि ‘हे प्रभु मुझे इतनी ऊँचाई कभी मत देना कि गैरों को गले न लगा सकूं।’
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्रद्धेय अटल जी ने भारतीय राजनीति को दिशा दी। उन्हें राजनीति का एक लम्बा अनुभव था। डॉ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी तथा पं0 दीनदयाल उपाध्याय जी के साथ मिलकर उन्होंने भारत की भावी राजनीति की रूपरेखा तैयार की थी। अटल जी ने सफलतापूर्वक इसकी आधारशिला रखी। वर्तमान में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में इसी आधारशिला पर नए भारत के भव्य भवन का नया स्वरूप हम सभी देशवासी देख रहे हैं। देश में गरीबों के लिए बनने वाली योजनाएं, इन्फ्रास्ट्रक्चर के बड़े-बड़े कार्य, वैश्विक मंच पर भारत को मिल रहा सम्मान या फिर विरासत का सम्मान, यह वही परम्परा और विरासत है, जिसकी आधारशिला श्रद्धेय अटल जी ने रखी थी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्रद्धेय अटल जी की पावन जयन्ती की पूर्व सन्ध्या पर ‘अटल गीत गंगा’ का अभिनव आयोजन अत्यन्त अभिनन्दनीय है। इस वर्ष इसका विशेष महत्व है, क्योंकि जिन मूल्यों और आदर्शों के लिए अटल जी ने अपना जीवन जिया था, उन मूल्यों के मूर्त रूप में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर का आगामी 22 जनवरी को प्रधानमंत्री जी के कर-कमलों से लोकार्पण होना है। यह अद्भुत संयोग है कि यह श्रद्धेय अटल जी की जयन्ती का शताब्दी वर्ष भी है। 25 दिसम्बर, 1924 को उनका जन्म हुआ था। उनके शताब्दी वर्ष के अवसर पर पूरे वर्ष कार्यक्रमों का आयोजन होगा।
मुख्यमंत्री जी ने वर्ष 2018 से लगातार अटल जी की स्मृति में आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम के लिए उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक का आभार व्यक्त किया।  उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ग्राम पंचायत, विकास खण्ड, विधान सभा, मण्डल तथा राज्य स्तर पर अटल जी की जयन्ती के शताब्दी महोत्सव के कार्यक्रमों को भव्यता से आयोजित कराएगी। इसके माध्यम से स्थानीय नये लोगों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा तथा छुपी हुई प्रतिभाओं को एक मंच प्रदान किया जाएगा। गांव से लेकर प्रदेश स्तर पर अटल जी की स्मृति में कवि सम्मेलन प्रारम्भ होने चाहिए। विश्वविद्यालयों में अटल जी पर शोध होना चाहिए। इनके माध्यम से नयी पीढ़ी को अटल जी के व्यक्तित्व से प्रेरणा देने का प्रयास किया जाएगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि अटल जी ने राजनीति में शुचिता स्थापित करने का कार्य किया था। उन्होंने विदेशी ताकतों के आगे भारत को कभी झुकने नहीं दिया। अटल जी का लखनऊ से परिवार का नाता था।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य, मत्स्य मंत्री श्री संजय निषाद, आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, विधान परिषद सदस्य श्री भूपेन्द्र सिंह चौधरी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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