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मसूरी में सहायक निदेशक तथा नोडल अधिकारी फिल्म विकास परिषद श्री के. एस. चैहान प्रसिद् फिल्म अभिनेत्री दिया मिर्जा के साथ फिल्म नीति पर समीक्षा करते हुए।

उत्तराखंड
देहरादून: उत्तराखण्ड के धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों से जन सामान्य शीघ्र ही रू-ब-रू होगा। जी. इंटरटेंनमेंट लि. द्वारा बनाये जा रही डाक्यूमेंट्री कार्यक्रम **Ganga : Soul of India** आजकल उत्तराखण्ड के

 विभिन्न स्थानों पर शूटिंग की जा रही है। जिसका मकसद यहां के धार्मिक स्थानों व पर्यटक स्थलों की जानकारी जनता तक पहुंचाना है। इस डाक्यूमेंट्री में लीड रोल प्रख्यात कलाकार दिया मिर्जा कर रही है। विगत दिवस मसूरी में शूटिंग के दौरान सूचना विभाग के सहायक निदेशक तथा नोडल अधिकारी, फिल्म विकास परिषद श्री के.एस.चैहान ने उत्तराखण्ड आने पर कलाकार दिया मिर्जा का स्वागत किया। श्री चैहान ने इस दौरान दिया मिर्जा व उनकी टीम से भी मुलाकात की। श्री चैहान ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा नई फिल्म नीति लागू की गई है। 10 अगस्त 2015 को लागू हुई नई फिल्म नीति सरल व आकर्षक बनायी गई है। नई फिल्म नीति के लागू होने के बाद से फिल्म निर्मार्ताओं व निर्देशकों को काफी सुविधा हुई है। माह अगस्त, 2015 से अब तक लगभग 8 फिल्म निर्माता व निर्देशकों को शूटिंग की अनुमति प्रदान की गई है। इनमें बड़े बैनर की फिल्में भी शामिल है। उन्होंने बताया कि फिल्म नीति के तहत अनुमति प्रक्रिया को सिंगल विंडो सिस्टम बनाया गया है। फिल्म निर्माताओं को किसी भी प्रकार की कोई असुविधा न हो, इसका पूरा ध्यान रखा गया है।
प्रसिद्ध अभिनेत्री दिया मिर्जा ने कहा कि जी. इंटरटेंनमेंट लि. द्वारा बनायी जा रही इस डाक्यूमेंट्री के कारण उन्हें उत्तराखण्ड को देखने और समझने का अवसर मिला है। उत्तराखण्ड प्राकृतिक रूप से अदभुत है। यहां की मनोहारी प्राकृतिक सुन्दरता किसी को भी अपनी ओर आकर्षित कर लेती है। फिल्म शूटिंग के लिहाज से यह एक बेहतरीन स्थान है। उनका प्रयास होगा कि मुम्बई जाकर वे अन्य फिल्म निर्माताओं को भी उत्तराखण्ड में शूटिंग के लिए प्रेरित करेंगी। यहां के लोग सीधे एवं सरल है। ^^Ganga : Soul of India** एक ट्रेवलिंग शो है, जिसमें उत्तराखण्ड के खूबसूरत स्थानों को दिखाया जायेगा। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से गंगा पहाड़ों में जहां से निकलती है, व होकर चलती है, उन स्थानों का महत्व, वहां के व्यंजन व स्थान की विशेषता के बारे में बताया जायेगा।
फिल्म विकास परिषद के नोडल अधिकारी श्री चैहान ने राज्य सरकार द्वारा बनायी गई नई फिल्म नीति के संबंध में बताया कि इसमें नये शूटिंग स्थलों के सुनियोजित विकास तथा फिल्म सिटी की स्थापना करते हुए राज्य को फिल्म निर्माण के एक महत्वपूर्ण केन्द्र के रूप में विकसित करना है। फिल्म निर्माण एवं प्रदर्शन के क्षेत्र में आवश्यक अवस्थापना सुविधाओं को विभिन्न वित्तीय संस्थानों एवं निजी निवेश के माध्यम से विकसित करना है। स्थानीय युवाओं को फिल्म निर्माण एवं प्रदर्शन के क्षेत्र में सम्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था करते हुए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। क्षेत्रीय फिल्मों के निर्माण को प्रोत्साहित किया जायेगा। फिल्म के माध्यम से प्रदेश में पर्यटन, सांस्कृतिक विरासत एवं पुरातात्विक धरोहर आदि के महत्व को बढ़ाने के साथ-साथ इनका प्रचार-प्रसार भी सुनिश्चित करना है। विभिन्न वित्तीय संस्थानों/निजी पूंजी निवेशकों से फिल्म निर्माण के क्षेत्र में वित्तीय सहयोग प्राप्त करना है। राज्य सरकार द्वारा निजी पूंजी निवेश एवं ऋण आदि के द्वारा स्टूडियो एवं प्रयोगशालाओं की स्थापना को प्रोत्साहित किया जायेगा। बंद छविगृहों को पुनर्जीवित किया जायेगा। प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में सहित महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में बहुउद्देशीय मनोरंजन गृहों (जिसमें डी.वी.डी. गृहों के साथ ही फूड कोर्ट, हस्तशिल्प हाट आदि सम्मिलित होंगे) की स्थापना को प्रोत्साहन दिया जायेगा। क्षेत्रीय फिल्मों को अनुदान उपलब्ध कराना है। उत्तराखण्ड की क्षेत्रीय भाषा/बोली में बनने वाली फिल्मों की शूटिंग के लिये एक मुश्त 15,000/- रुपये प्रतिमाह तथा अन्य फिल्मों के लिये 10,000/- रुपये प्रति दिन शूटिंग शुल्क लिया जा रहा, जो फिल्म विकास निधि में जमा किया जायेगा। उत्तराखण्ड की क्षेत्रीय भाषाओं/बोलियों में बनने वाली फिल्मों को फिल्म प्रोसेसिंग लागत का 30 प्रतिशत अथवा अधिकतम रुपये 25 लाख तक का अनुदान उत्तराखण्ड स्थित लैब हेतु तथा 25 प्रतिशत अथवा अधिकतम 20 लाख रुपये तक का अनुदान प्रदेश से बाहर स्थित लैब के लिये प्रदान किया जायेगा। यह अनुदान संबंधित फिल्म प्रोसेसिंग लैब को स्वीकृत किया जायेगा। यह अनुदान सेंसर प्रमाण-पत्र प्राप्त होने के उपरान्त ही प्रदान किया जायेगा। इन फिल्मों के लिए फिल्म का 75 प्रतिशत फिल्मांकन (अर्थात् कुल शूटिंग दिवसों का 3/4 भाग) राज्य में ही करना होगा। राज्य फिल्म व्यवसाय के समेकित विकास के लिए दूसरे राज्यों के फिल्म निर्माताओं को शूटिंग के लिए राज्य में आकर्षित किया जायेगा। इसके लिए अन्य राज्यों की क्षेत्रीय फिल्मों को, जो 75 प्रतिशत उत्तराखण्ड में शूटिंग की गई हो, को फिल्म प्रोसेसिंग लागत का 30 प्रतिशत अथवा अधिकतम रुपये 15 लाख तक का अनुदान उत्तराखण्ड स्थित लैब हेतु तथा 25 प्रतिशत अथवा अधिकतम 10 लाख रुपये का अनुदान प्रदेश से बाहर स्थित लैब प्रदान किया जायेगा। यह अनुदान फिल्म को सेन्सर प्रमाण-पत्र प्राप्त हाने के उपरान्त संबंधित फिल्म प्रोसेसिंग लैब्स को स्वीकृत किया जोयगा।

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