30 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

20 सैनिकों की शहादत के बाद सेना के कमांडरों ने की LAC पर भारत की स्थिति की समीक्षा

देश-विदेश

नई दिल्ली. भारतीय सेना के शीर्ष नेतृत्व ने गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के वीरगति को प्राप्त होने के बाद पूर्वी लद्दाख में गतिरोध और चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर स्थिति के संबंध में सोमवार को व्यापक चर्चा की. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. दो दिवसीय सम्मेलन के पहले दिन कमांडरों ने लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में एलएसी पर भारत की सुरक्षा तैयारियों की समग्र समीक्षा की. सूत्रों ने बताया कि थलसेना अध्यक्ष जनरल एम एम नरवणे ने कमांडरों को समूची स्थिति से अवगत कराया जिसके बाद मामले पर विस्तृत चर्चा हुई.

साल में दो बार होने वाले कमांडर सम्मेलन का यह दूसरा चरण है. सम्मेलन का पहला चरण पिछले महीने हुआ था. गलवान घाटी की घटना के बाद सरकार ने 3,500 किलोमीटर लंबी एलएसी पर चीन के किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए सशस्त्र बलों को ”पूरी आजादी” दे दी है. वहीं भारत और चीनी सेना के बीच पिछले हफ्ते गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद तनाव कम करने के उद्देश्य से सोमवार को दोनों देशों की सेनाओं के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की दूसरे दौर की वार्ता भी शुरू हुई. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्षों द्वारा छह जून को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की पहले दौर की बातचीत में बनी सहमति को लागू करने समेत विश्वास बहाली के उपायों पर चर्चा किये जाने की उम्मीद है.

तीन बार मेजर जनरल स्तर की हो चुकी है बातचीत

बातचीत में भारतीय पक्ष का नेतृत्व 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह कर रहे हैं जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व तिब्बत सैन्य जिले के कमांडर कर रहे हैं. यह बैठक गलवान घाटी में 15 जून को हुए संघर्ष के बाद दोनों पक्षों में बढ़े तनाव की पृष्ठभूमि में हो रही है. यह बीते 45 सालों के दौरान सीमा पर हुआ सबसे गंभीर टकराव था. गलवान में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत की तरफ चीन द्वारा निगरानी चौकी बनाए जाने का विरोध करने पर चीनी सैनिकों ने पत्थरों, कील लगे डंडों, लोहे की छड़ों आदि से भारतीय सैनिकों पर हमला किया था. झड़प के बाद दोनों पक्षों के बीच तनाव कम करने के लिये कम से कम तीन बार मेजर जनरल स्तर पर बातचीत हो चुकी है.

भारत ने बताया था पूर्वनियोजित कार्रवाई
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ टेलीफोन पर की गई बातचीत में इस झड़प को पीएलए की ‘पूर्वनियोजित’ कार्रवाई बताया था. इस घटना के बाद सरकार ने चीन के साथ लगने वाली 3500 किलोमीटर की सीमा पर चीन के किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने के लिये सशस्त्र बलों को ‘पूरी छूट’ दे दी है.

सेना ने बीते एक हफ्ते में सीमा से लगे अग्रिम ठिकानों पर हजारों अतिरिक्त जवानों को भेजा है. वायुसेना ने भी झड़प के बाद श्रीनगर और लेह समेत अपने कई अहम ठिकानों पर सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर, मिराज 2000 लड़ाकू विमानों के साथ ही अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की तैनाती की है.

पूर्वी लद्दाख के गलवान और कुछ अन्य इलाकों में दोनों सेनाओं के बीच पांच मई से ही गतिरोध बना हुआ है जब पैंगोंग सो के किनारे दोनों पक्ष के सैनिकों में झड़प हुई थी. News18

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More