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अर्जुन मुंडा ने फेसबुक के सहयोग से पूरे भारत में आदिवासी युवाओं को डिजिटल कौशल प्रदान करने के लिए जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए कार्यक्रम ‘गोल’ का शुभारंभ किया

देश-विदेश

नई दिल्ली: केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री, श्री अर्जुन मुंडा ने आज नई दिल्ली में एक वेबिनार में फेसबुक की साझेदारी में जनजातीय कार्य मंत्रालय (एमओटीए) के कार्यक्रम “गोल (गोइंग ऑनलाइन ऐज लीडर्स)” की शुरूआत की। वेबिनार के माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम में राज्यमंत्री, जनजातीय कार्य मंत्रालय, श्रीमती रेणुका सिंह सरूता; सचिव, जनजातीय कार्य मंत्रालय, दीपक खांडेकर और जनजातीय कार्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ फेसबुक के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। गोल कार्यक्रम को डिजिटल प्रणाली के माध्यम से आदिवासी युवाओं को मेंटरशिप प्रदान करने के लिए बनाया गया है। डिजिटल रूप से सक्षम यह कार्यक्रम, आदिवासी युवाओं के अंदर छिपी हुई प्रतिभाओं की खोज करने के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में भूमिका निभाने की परिकल्पना करता है, जो उनके व्यक्तिगत विकास में मदद करेगा और साथ ही साथ उनके समाज के सर्वांगीण उन्नयन में योगदान देगा। वेबिनार का लिंक इस प्रकार है:

https://www.facebook.com/arjunmunda/videos/172233970820550/UzpfSTY1Nzg2NDIxNzU5NjMzNDoyODg4MDg1MTAxMjQwODkw/

कार्यक्रम की घोषणा करते हुए, श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि कोविड महामारी से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों को देखते हुए डिजिटल साक्षरता को बहुत महत्व मिला है। उन्होंने कहा कि फेसबुक की साझेदारी में एमओटीए का ‘गोल’ कार्यक्रम, सही समय पर आदिवासी युवाओं और महिलाओं के जीवन को आगे बढ़ाने के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए आया है। मौजूदा चरण में, यह कार्यक्रम 5,000 आदिवासी युवाओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म और उपकरणों की पूर्ण क्षमता का उपयोग करने, व्यापार करने के नए तरीके सीखने, नए अवसरों का तलाश करने और उनके साथ जुड़ने का उद्देश्य रखता है, जैसा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का दृष्टिकोण है। उन्होंने भरोसा जताया कि डिजिटल स्किलिंग और प्रौद्योगिकी उन्हें मुख्यधारा में एकीकृत करेगी। मंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम को जनजातीय युवाओं और महिलाओं की क्षमता को विकसित करने के लिए एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ से तैयार किया गया है, जिससे उन्हें मेंटरशिप के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में कौशल और ज्ञान प्राप्त करने में मदद मिल सके जिसमें बागवानी, खाद्य प्रसंस्करण, मधुमक्खी पालन, जनजातीय कला और संस्कृति, औषधीय जड़ी-बूटियां, दूसरों के बीच उद्यमशीलता की प्राप्ति शामिल है। मंत्री ने कहा कि 5,000 लोगों के साथ इस कार्यक्रम की शुरूआत की जा रही है, इस कार्यक्रम को किसी भी आदिवासी व्यक्ति को समाहित करने के लिए विस्तृत किया जा सकता है, जो अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए उत्सुक हैं।

श्रीमती रेणुका सिंह सरूता ने कहा कि गोल कार्यक्रम का आशय और उद्देश्य अद्वितीय और प्रभावशाली है। यह आदिवासी महिलाओं को डिजिटल दुनिया के साथ जोड़कर सशक्तिकरण बनाने के लिए माहौल तैयार करने की दिशा में बहुत आगे तक जाएगा और उनकी प्रतिभा को संवारने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताया कि यह गोल कार्यक्रम अनुसूचित जनजाति के युवाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने की दिशा में सार्थक प्रभाव देने में सफल रहेगा।

श्री दीपक खांडेकर ने कहा कि यह गोल कार्यक्रम सकारात्मक कार्रवाई को दर्शाता है जो आदिवासी और गैर-आदिवासी युवाओं के बीच की खाई को कम करने की दिशा में एक लंबा रास्ता तय करेगा और राष्ट्र निर्माण में आदिवासी युवाओं की भागीदारी को सूचीबद्ध करेगा।

सुश्री अंखी दास, सार्वजनिक नीति निदेशक, फेसबुक – (भारत, दक्षिण और मध्य एशिया) ने कहा कि वर्तमान वैश्विक महामारी मानव और स्वास्थ्य पर सबसे गंभीर संकट है जिसे हमने देखा है। जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत की जनजातीय संस्कृति के संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए और हमारे जनजातीय समुदायों के बीच प्रतियोगितात्मकता को बढ़ाने के लिए समर्पित है। इस समय, हम मंत्रालय के साथ अपने सहयोग को विस्तार दे रहे हैं जिससे शिक्षा और प्रशिक्षण का एक मंच बनाकर हमारे गोल कार्यक्रम के द्वितीय चरण के माध्यम से अपने जनजातीय युवाओं में ज्यादा उद्यमशीलता क्षमता का निर्माण किया जा सके, जो कि 5,000 जनजातीय शिक्षार्थियों को अनुभवी प्रतिपालकों के साथ जोड़ेगा। हम आशा व्यक्त करते हैं कि यह कार्यक्रम कई जनजातीय उद्यमों को प्रज्वलित करेगा जिसे इस कार्यक्रम के पूर्व छात्रों द्वारा तैयार किया जाएगा।

इस कार्यक्रम में, 5,000 अनुसूचित जनजाति के युवाओं (जिन्हें ‘मेंटीज’ कहा जाता है) को विभिन्न विषयों और क्षेत्रों के विशेषज्ञों (जिन्हें ‘मेंटर्स’ कहा जाता है) द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त करने का एक उत्कृष्ट अवसर मिलेगा। 2 मेंटीज के लिए 1 मेंटर होगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य दूरस्थ क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति (एसटी) युवाओं को अपने प्रतिपालकों के साथ अपनी आकांक्षाओं, सपनों और प्रतिभाओं को साझा करने के लिए डिजिटल प्लेटफार्मों का उपयोग करने में सक्षम बनाना है।

● गोल (गोइंग ऑनलाइन ऐज लीडर्स), जनजातीय कार्य मंत्रालय के साथ फेसबुक इंडिया की संयुक्त पहल

● 5,000 युवा आदिवासी उद्यमियों, पेशेवरों, कारीगरों और कलाकारों को डिजिटल उद्यमिता कार्यक्रम के अंतर्गत डिजिटल कौशल के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा

● इच्छुक अभ्यर्थियों को आमंत्रित किया जाता है कि वे ऑनलाइन पोर्टल “goal.tribal.gov.in” पर जाकर आवेदन करें

● आवेदन 4 मई, 2020 से 3 जुलाई, 2020 की मध्यरात्रि तक खुला रहेगा।

● उद्योग और शिक्षा जगत के दिग्गजों को मेंटर के रूप में पंजीकृत कराने के लिए “goal.tribal.gov.in” पर आमंत्रित किया जाता है

फेसबुक द्वारा स्वयं इस परियोजना को फरवरी 2019 से लेकर अक्टूबर 2019 तक 5 राज्यों में 100 मेंटीज और 25 मेंटर्स के साथ पायलट परियोजना के रूप में चलाया था; जिसे उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया मिली थी। अपनी सफलता के आधार पर, सकारात्मक कार्रवाई के अंतर्गत फेसबुक ने एक एक संयुक्त पहल के लिए और कार्यक्रम के अंतर्गत मेंटीज, डिजाइन पाठ्यक्रम और विभिन्न गतिविधियों के चयन में फेसबुक की मदद करने के लिए एमओटीए से संपर्क किया।

मेंटीज और मेंटर्स को पोर्टल (goal.tribal.gov.in) पर पंजीकरण कराना होगा, जो 4 मई 2020 से 3 जुलाई तक 2 महीने के लिए खुला रहेगा। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से अनुरोध किया गया है कि वे अनुसूचित जनजाति के युवाओं को पोर्टल के साथ पंजीकरण करने में सहायता प्रदान करने के लिए उन्हें सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) के साथ संबद्ध करें।

मेंटीज और मेंटर्स का चयन, उनके इनपुट के आधार पर, इस प्रकार से किया जाएगा कि वे विभिन्न व्यवसायों में लगे आदिवासी युवाओं का प्रतिनिधित्व करते हों और पूरे भारत में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र से प्रतिनिधित्व करते हों। आईटी आधारित प्रणाली को मेंटीज और मेंटर्स से मिलान करने के लिए तैयार किया गया है जिससे कि वे एक समान व्यवसाय से जुड़े हुए हों और प्राथमिकता के आधार पर एकसमान भाषा ही बोलें। चयनित मेंटीज नौ महीने या 36 सप्ताह तक इस कार्यक्रम से जुड़े रहेंगे, जिसमें 28 सप्ताह के मेंटरशिप के बाद आठ सप्ताह की इंटर्नशिप कार्यक्रम होगा। यह कार्यक्रम तीन मुख्य क्षेत्रों पर केंद्रित होगा – डिजिटल साक्षरता, जीवन कौशल और नेतृत्व एवं उद्यमशीलता, जिसमें कृषि, कला और संस्कृति, हस्तशिल्प और वस्त्र, स्वास्थ्य, पोषण जैसे क्षेत्र भी शामिल होंगे। कम से कम 250 फैलो, जो जनजातीय कार्य मंत्रालय से राष्ट्रीय छात्रवृत्ति और फैलोशिप योजना के अंतर्गत छात्रवृत्ति प्राप्त कर रहे हैं और आदिवासी प्रतिभा पूल का हिस्सा हैं, को भी कार्यक्रम के माध्यम से प्रतिपालक बनाया जाएगा।

सभी चयनित मेंटीज को फेसबुक द्वारा स्मार्टफोन और इंटरनेट उपलब्धता (एक वर्ष के लिए) के साथ-साथ विभिन्न बाहरी फोरमों तक संपर्क प्रदान किया जाएगा, जो प्रतिभागियों को अपने उद्यमशीलता कौशल और नेतृत्व क्षमताओं को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करेगा। इस कार्यक्रम के माध्यम से जनजातीय लाभार्थियों के बीच केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा जनजातियों के कल्याण के साथ-साथ उनके मौलिक कर्तव्यों के लिए शुरू की गई विभिन्न योजनाओं के बारे में जागरूकता उत्पन्न किया जाएगा। इस कार्यक्रम को अन्य सरकारी योजनाओं जैसे मुद्रा योजना, कौशल विकास योजना, जन धन योजना, कौशल भारत, स्टार्ट अप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया और अन्य के साथ एकीकृत करने का प्रयास किया जाएगा। यह प्रतिभागियों को इन सरकारी योजनाओं के अंतर्गत प्रदान किए जाने वाले अवसरों का लाभ उठाने में सक्षम बनाएगा।

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