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राष्‍ट्रीय कृषि बाजार से जुड़कर कोई भी कृषि उपज मण्‍डी राष्‍ट्रीय व्‍यापार नेटवर्क में भाग ले सकती है: श्री राधा मोहन सिंह

देश-विदेश

नई दिल्ली: केन्‍द्रीय कृषि मंत्री श्री राधामोहन सिंह ने आज यहां राष्‍ट्रीय कृषि बाजार पर एसोचैम द्वारा आयोजित सम्‍मेलन को सम्‍बोधित करते हुए कहा कि एनएएम एक राष्‍ट्रीय स्‍तर का इलेक्‍ट्रॉनिक पोर्टल है, जिसे भारत सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा विकसित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य देश के विभिन्‍न राज्‍यों में स्थित कृषि उपज मंडी श्रृंखला को इन्‍टरनेट के माध्‍यम से जोड़कर एकीकृत राष्‍ट्रीय कृषि उपज बाजार बनाना है। एनएएम के पीछे स्‍थानीय कृषि उपज मंडी रहेगी।

श्री सिंह ने कहा कि एनएएम को समानांतर कृषि विपणन व्‍यवस्‍था के रूप में विकसित नहीं किया जा रहा है। एनएएम से जुड़कर कोई भी कृषि उपज मण्‍डी पहले की भांति काम करती रहेगी। एनएएम से जुड़ कर कोई भी कृषि उपज मण्‍डी राष्‍ट्रीय व्‍यापार नेटवर्क में भाग ले सकती है। किसान जब स्‍थानीय स्‍तर पर अपने उत्‍पाद बेचने के लिए मण्‍डी में लाते हैं तो उन्‍हें स्‍थानीय व्‍यापारियों के साथ-साथ इन्‍टरनेट के माध्‍यम से देश के अन्‍य राज्‍यों में स्थित व्‍यापारियों को भी अपने माल बेचने का विकल्‍प व व्‍यवस्‍था होगी। जहां बेहतर भाव मिलेंगे, किसान वहां बेचने के लिए स्‍वतंत्र होंगे।

कृषि मंत्री ने जानकारी दी कि ”राष्‍ट्रीय बाजार का लक्ष्‍य है कि पूरा देश एक मण्‍डी क्षेत्र बने, जिसमें किसी भी स्‍थान से दूसरे स्‍थान के लिए कृषि उत्‍पाद की आवाजाही तथा विपणन आसानी से व कम समय में हो। इसका सीधा लाभ कृषकों, व्‍यापरियों तथा ग्राहकों को मिलेगा, क्‍योंकि बड़े पैमाने पर कृषि उत्‍पाद का व्‍यापार किसानों को बेहतर दाम देगा, वहीं व्‍यापारियों को भी अधिक अवसर मिलेगा। यह सब करते समय स्‍थानीय कृषि उपज मण्‍डी के हित को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा, क्‍योंकि पूरा व्‍यापार उसके माध्‍यम से ही होगा।”

श्री सिंह ने यह भी जानकारी दी कि ”एनएएम का विकास भारत सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है। इसके लिए इंटरनेट व्‍यापार पोर्टल विकसित किया जाएगा एवं देश की सभी कृषक उपज मण्‍डी को उपलब्‍ध कराया जाएगा। इसके साथ कृषि उपज मण्‍डी के कर्मचारी व व्‍यापारी प्रशिक्षण, आधारभूत संरचना आदि के लिए वित्‍तीय सहायता भी उपलब्‍ध कराई जाएगी जिससे कृषि उपज मण्‍डी इस व्‍यवस्‍था को प्रभावशाली रूप से चलाने के लिए सक्षम हो।”

कृषि मंत्री जी ने बताया कि कृषि उपज मण्‍डी के राष्‍ट्रीय बाज़ार नेटवर्क से जुड़ने से पूर्व उस राज्‍य की मण्‍डी अधिनियम में 3 प्रावधान होना जरूरी है:-

1)         राज्‍य मण्‍डी अधिनियम में इंटरनेट के माध्‍यम से व्‍यापार का प्रावधान होना चाहिए।

2)         राज्‍य मण्‍डी अधिनियम में भारत के अन्‍य राज्‍यों के व्‍यापारियों को लाइसेंस देने का प्रावधान होना चाहिए, जिससे कि वे किसी भी मण्‍डी में एनएएम के माध्‍यम से कृषि व्‍यापार प्रक्रिया में भाग ले सकें।

3)         मण्‍डी अधिनियम में यह प्रावधान भी होना चाहिए कि केवल एक लाइसेंस लेकर व्‍यापारी प्रदेश की सभी मण्‍डी में व्‍यापार कर सकता है तथा मण्‍डी शुल्‍क एक स्‍थान पर अदा किया जा सकता है।

श्री सिंह ने कहा कि ”राष्‍ट्रीय कृषि बाजार (एनएएम) को एक ऐसी व्‍यवस्‍था के रूप में विकसित किया जा रहा है जिससे कि इससे जुड़े हर वर्ग को लाभ मिले। किसान को राष्‍ट्रीय कृषि बाजार के माध्‍यम से कृषि उत्‍पाद के विक्रय में अधिक दाम मिलने की संभावना है। स्‍थानीय व्‍यापारियों को अपने ही प्रदेश के अन्‍य भागों में तथा अन्‍य राज्‍यों में कृषि उत्‍पाद बेचने के मौके मिलेंगे। थोक व्‍यापारियों को, चावल, दाल, दलहन, मिल संचालकों को सीधे राष्‍ट्रीय कृषि बाजार के माध्‍यमों से दूर स्थित मण्‍डी से कृषि उत्‍पाद खरीदने का मौका मिलेगा। ग्राहकों को कृषि उपज आसानी से उपलब्‍ध होगा एवं मूल्‍य भी स्थिर रहेगा। बड़े पैमाने पर खरीदारी होने से गुणवत्‍ता तथा उत्‍पाद खराब होने का अनुपात भी कम होगा। देश की सभी मण्डियों के धीरे-धीरे राष्‍ट्रीय कृषि बाजार नेटवर्क से जुड़ने के फलस्‍वरूप भारत में पहली बार एक राष्‍ट्रीय कृषि उपज बाजार विकसित होगा। इसके फलस्‍वरूप देश में ही नहीं अपितु अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर भी भारत के कृषि उत्‍पादों के विक्रय की सुविधा होगी।”

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