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पशुपालन व वन विभाग की संयुक्क बैठक लेते हुएः कैबिनेट मंत्री प्रीतम सिंह पंवार व दिनेश अग्रवाल

उत्तराखंड

देहरादून: विधान सभा स्थित सभाकक्ष में प्रदेश के पशुपालन मंत्री प्रीतम सिंह पंवार एवं वन मंत्री दिनेश अग्रवाल की अध्यक्षता में वन पंचायतों में दो वृहद गोसदन एवं 100 गोसदनों की स्थापना, वन पंचायतों में चारा विकास कार्यक्रम एवं भेड़ प्रवर्जन मार्गों में भेड़ पालकों को चारा-चुगान परमिट के सम्बन्ध वन विभाग, पशुपालन विभाग एवं लोक निर्माण विभाग की एक संयुक्त बैठक बुलाई गई।
वन पंचायतों में वृहद गौसदन एवं सौ गौ सदनों की स्थापना के बारे में पशुपालन व वन मंत्री ने बैठक में उपस्थित विभागों के अधिकारियों से इन सदनों की वर्तमान स्थिति व कार्य प्रगति की विस्तृत जानकारी मंागी। दोनों विभाग गौ सदनों के निर्माण व रख रखाव के सम्बन्ध में स्पष्ट व संतोषजनक उत्तर मंत्रियों को नहीं दे पाये। इस पर वन मंत्री दिनेश अग्रवाल ने वन विभाग व पशुपालन विभाग में से पूछा कौन सा विभाग गौ सदन बनाने के लिए बाध्य है तो इस पर दोनों ही विभागों ने गौ सदन निर्माण व इनके रख, रखाव की बाध्यता होने से इंकार कर दिया। इस रवैय पर मंत्रियों ने दोनों ही विभागों से गौसदन सम्बन्धी कार्यों के अब तक हुए कार्यों का पूर्ण विवरण मांगा। मंत्री ने कहा कि किस आधार पर विभागों द्वारा ये कार्य कराये गये क्यों नहीं विभागीय मंत्री को वास्तुस्थिति से अवगत कराया गया। मंत्री ने गहरी नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को फटकार लगाई। मंत्री ने वन व पशुपालन विभाग द्वारा कुछ जिलों में गौ सदन निर्माण के कार्य कराये भी जा चुके हैं। दोनों विभागों को आधे-अधूरे आदेशों के और असपष्ट स्थिति में कार्य करने की कार्य प्रणाली को तुरन्त बंद कर नये सिरे से गौ सदन स्थापना सम्बन्धी नियमावली तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। मंत्रियों ने दोनों विभागों को आपस में सामंजस्य व समन्वय बनाकर अपने-अपने वित्तीय अधिकार व कार्यों का लिखित ब्यौरा भी तैयार करने के निर्देश दिये।
वन पंचायतों द्वारा चारा विकास की स्थिति की भी समीक्षा की। अधिकारियों ने अवगत कराया कि कुल बारह हजार वन पंचायतों में से 500 में ही चारा विकास किया जा सका है। चारा विकास के लिए वन पंचायतों को वन विभाग ने अधिकृत किया है वन पंचायतों द्वारा इनका प्रबंधन किया जाता है पशुपालन विभाग द्वारा गया है। वन पंचायतों को चारा विकास के लिए 2011 में अंतिम किश्त दे चुका है। जिसके बाद वन पंचायतें न ही प्रर्याप्त न ही उन्नत चारा का विकास कर सकी। पशुपालन विभाग भी इन वन पंचायतों के कार्यों की माॅनीटरिंग भी नहीं कर रहा है कि मंत्री दिनेश अग्रवाल पशुपालन विभाग वन पंचायतों को चारा विकास के लिए धनराशि उपलब्ध कराने के साथ ही कर्यों की माॅनीटरिंग करने के भी निर्देश दिये।
बैठक में भेड़ प्रवर्जन मांगों में भेड़ पालकों द्वारा चारा चुगान के परमिट की सुलभता की जानकारी भी ली गयी। चारा चुगान की वैधानिक व्यवस्था के सम्बन्ध में पशुपालन मंत्री ने निर्देश दिये कि समय-समय पर इनका पुनरीक्षण किया जाये। बढ़ते परिवारों के कारण परिवार के अलग सदस्य को उसके लिए अलग परमिट बनाने में बाधा न पहुचे इसका भी ख्याल रखें। चारा चुगान रूटों का भी पुनरावलोकन किया जाय। लोक निर्माण विभाग द्वारा बतायी जाने वाली सड़कों का कार्य पूर्ण प्रदान वन विभाग व भारत सरकार के स्तर पर सड़क निर्माण के मामलों को भी बैठक में दोनों मंत्रियों ने त्वरित निस्तारण करने के निर्देश प्रमुख व संरक्षक व नोडल अधिकारी को दिये।
मंत्री ने उत्तरकाशी जिले में सैद्धान्तिक स्वीकृति के बाद भी सड़कों का निर्माण न होने पर कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की सुस्ती पर असन्तोष जताया। मंत्री ने निर्देश दिये कि बैठक में उपस्थित लोक निर्माण विभाग व वन विभाग के अधिकरी बैठक में आये क्षेत्रों की सड़कों के निर्माण में वन नियमों की समस्या पर आपस में तालमेल कर समस्याओं का आज ही निस्तारण कर सड़क निर्माण कार्य शुरू करें

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