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पीएमएमवीवाई के तहत 1.28 करोड़ लाभार्थियों को 5,280 करोड़ रुपये का प्रत्‍यक्ष लाभ हस्‍तांतरण हुआ: स्‍मृति जुबिन ईरानी

देश-विदेश

नई दिल्ली: केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास तथा वस्‍त्र मंत्री श्रीमती स्‍मृति जुबिन ईरानी ने आज नई दिल्‍ली में आयोजित समारोह में राज्‍यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों और जिलों को सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) पुरस्‍कार प्रदान किये।

एक करोड़ से अधिक आबादी वाले राज्‍यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों को इस योजना की शुरूआत से सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन की श्रेणी में पहला पुरस्‍कार मध्‍य प्रदेश, दूसरा आन्‍ध्र प्रदेश और तीसरा हरियाणा को प्रदान किया गया। इसी श्रेणी में एक करोड़ से कम आबादी वाले राज्‍यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों में दादर एवं नगर हवेली को पहला स्‍थान, हिमाचल प्रदेश को दूसरा और चंडीगढ़ को तीसरा स्‍थान प्राप्‍त हुआ।

एक करोड़ से अधिक आबादी वाले राज्‍यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों के लिए जिला स्‍तर पुरस्‍कारों में पहला स्‍थान मध्‍य प्रदेश के इन्‍दौर, दूसरा स्‍थान आन्‍ध्र प्रदेश के कुर्नूल और तीसरा स्‍थान असम के दक्षिण सलमारा मनकाचार को हासिल हुआ।

एक करोड़ से कम आ‍बादी वाले राज्‍यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों के जिलों में पहला स्‍थान मिजोरम में सेरछिप और दूसरा स्‍थान हिमाचल प्रदेश में ऊना को और तीसरा स्‍थान पुदुचेरी को प्राप्‍त हुआ।

पुरस्‍कार की दूसरी श्रेणी की 2 से 8 दिसम्‍बर, 2019 तक आयोजित मातृ वंदना सप्‍ताह (एमवीएस) के दौरान राज्‍यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों के कार्य प्रदर्शन के लिए घोषणा की गई। एमवीएस मनाने का उद्देश्‍य इस योजना के कार्यान्‍वयन में बढ़ोतरी करना तथा राज्‍यों में स्‍वस्‍थ प्रतियोगिता का सृजन करना था। इस सप्‍ताह का विषय ‘स्‍वस्‍थ राष्‍ट्र के निर्माण की ओर – सुरक्षित जननी, विकसित धारिणी’ था।

एक करोड़ से अधिक आबादी वाले राज्‍यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों में उत्‍कृष्‍ट कार्य प्रदर्शन के लिए पहला स्‍थान आन्‍ध्र प्रदेश को, दूसरा महाराष्‍ट्र को और तीसरा मध्‍य प्रदेश को प्राप्‍त हुआ।

एक करोड़ से कम आबादी वाले उन राज्‍यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों को जिन्‍होंने मातृ वंदना सप्‍ताह के दौरान उत्‍कृष्‍ट कार्य प्रदर्शन के लिए मान्‍यता प्राप्‍त की, उनमें दादर एवं नगर हवेली को पहला, सिक्किम को दूसरा और मणिपुर को तीसरा स्‍थान प्राप्‍त हुआ।

पुरस्‍कार समारोह में अपने संबोधन के दौरान श्रीमती स्‍मृति जुबिन ईरानी ने कहा कि 1.28 करोड़ लाभार्थियों ने 5,280 करोड़ रुपये की राशि अपने बैंक खातों में प्रत्‍यक्ष लाभ हस्‍तांतरण (डीबीटी) द्वारा प्राप्‍त की। तमिलनाडु, असम, त्रिपुरा और मणिपुर राज्‍यों में इस योजना के कार्यान्‍वयन की सफलता ने यह सिद्ध किया है कि अगर जिला प्रशासन, राज्‍य और केन्‍द्र सरकार किसी योजना की पहुंच के लिए मिलकर काम करने का निर्णय लें, तो कुछ भी असंभव नहीं है। उन्‍होंने बताया कि पिछले वर्ष 2 से 8 दिसम्‍बर, 2019 तक आयोजित किये गये मातृ वंदना सप्‍ताह के दौरान एक दिन में ही 2.78 लाख आवेदन प्राप्‍त हुए थे। उन्‍होंने बताया कि 2018 में इस योजना की कार्यान्‍वयन दक्षता 38 प्रतिशत थी, जो 2019 में 90 प्रतिशत के स्‍तर तक पहुंच गई। उन्‍होंने इस योजना के सभी पदाधिकारियों से अनुरोध किया कि 2020 में शत-प्रतिशत लक्ष्‍य हासिल किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी महिला या बच्‍चा इस योजना से वंचित न रह जाए।

उन्‍होंने यह भी जानकारी दी कि पीएमएमवीवाई पिछली योजना से अलग है, क्‍योंकि इस योजना में लाभार्थियों के खाते में सीधे ही धन हस्‍तांतरण हो जाता है और वे इस योजना के लाभ का देश के किसी भी हिस्‍से में दावा कर सकते हैं, क्‍योंकि यह योजना सार्वजनिक वित्‍तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) से जुड़ी है। इससे पहले की योजना में लाभार्थी को धन प्राप्‍त करने में 18 महीने से तीन साल तक का समय लगता था, जबकि पीएमएमवीवाई में यह तुरंत पारदर्शी रूप से होता है और यह सुशासन प्रक्रिया पर आधारित है।

श्रीमती ईरानी ने प्रतिभागियों से मातृत्‍व में प्रवेश करने वाली युवा लड़कियों के सामने आ रहे जोखिमों के बारे में लोगों को जागरूक बनाने के लिए जिलों में जन आंदोलन चलाने का अनुरोध किया। उन्‍होंने बताया कि पोषण माह मार्च, 2020 में मनाया जाएगा। उन्‍होंने पौष्टिक आहार के महत्‍व, खून की कमी के दुष्‍प्रभाव, स्‍वच्‍छता के महत्‍व मां और बच्‍चे की स्‍वच्‍छता और टीकाकरण के बारे में जानकारी देने के लिए हर गांव में पोषण पंचायतें आयोजित करने का भी सुझाव दिया। उन्‍होंने हर सरकारी स्‍कूल में पोषण की निगरानी की संभावना का पता लगाने तथा हर आंगनवाड़ी केन्‍द्र में पोषण गार्डन लगाने का सुझाव दिया।

पीएमएमवीवाई मातृत्‍व लाभ कार्यक्रम है, जो 01 जनवरी, 2017 से देश के सभी जिलों में लागू किया जा रहा है। इस योजना के तहत मातृत्‍व और बाल स्‍वास्‍थ्‍य से संबंधित विशिष्‍ट शर्तों को पूरा करने की शर्त पर परिवार के पहले जीवित बच्‍चे के लिए गर्भवती महिलाओं और दूध पिलाने वाली माताओं के बैंक/पोस्‍ट ऑफिस खाते में 5,000 रुपये की नकद प्रोत्‍साहन राशि सीधे ही उपलब्‍ध कराई जाती है।

यह योजना महिला एवं बाल विकास विभाग और समाज कल्‍याण विभाग के माध्‍यम से लागू करने वाले राज्‍यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों के संबंध में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के तहत आंगनवाड़ी सविसेज स्‍कीम ऑफ अम्‍ब्रेला (आईसीडीएस) के प्‍लेटफॉर्म का उपयोग करके तथा स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण विभाग द्वारा यह योजना लागू किये गये राज्‍यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों के संबंध में स्‍वास्‍थ्‍य प्रणाली द्वारा लागू की जा रही है।

यह योजना एमआईएस सॉफ्टवेयर अनुप्रयोग आधारित केन्‍द्रीय रूप से तैनात वेब के माध्‍यम से लागू की जा रही है और कार्यान्‍वयन का केन्‍द्र बिन्‍दु आंगनवाड़ी केन्‍द्र और आशा/एएनएम है। इस समारोह के दौरान श्रीमती ईरानी ने एफएक्‍यू पर एक पुस्तिका और मातृ वंदना सप्‍ताह 2019 पर एक रिपोर्ट का विमोचन किया। महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव रविन्‍द्र पंवार और नीति आयोग के स्‍वास्‍थ्‍य एवं पोषण सदस्‍य डॉ. विनोद पॉल ने भी इस अवसर पर संबोधित किया।

पुरस्‍कार प्राप्‍त राज्‍यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों ने सर्वश्रेष्‍ठ प्रक्रियाओं के बारे में प्रस्‍तुतियां दीं। मध्‍य प्रदेश सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्री, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, समाज कल्‍याण और स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के वरिष्‍ठ अधिका‍रियों ने भी इस समारोह में भाग लिया।

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