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सभी अखाडों, गंगा सभा एवं साधू सन्ताें के साथ अर्द्धकुम्भ 2016 की व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में विचार विमर्श करते हुए मुख्यमंत्री

उत्तराखंड
हरिद्वार/देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शनिवार को डाम कोठी हरिद्वार में राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक से पूर्व सभी अखाडों, गंगा सभा एवं साधू सन्ताें के साथ अर्द्धकुम्भ 2016 की व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में विस्तृत रूप से विचार विमर्श किया। उनके सुझावों का सम्मान करते हुए मुख्यमंत्री ने सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराने का भरोसा दिया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज सत्ता के साथ धर्म सत्ता का मार्गदर्शन आवश्यक है। साधु सन्तों के साथ ही सभी के सहयोग से आगामी अर्द्धकुम्भ मेले को सम्पन्न कराने के लिए राज्य सरकार द्वारा स्थाई प्रकृति के निर्माण कार्य आरम्भ करा दिये गये है। उन्होंने कहा कि वर्ष भर हरिद्वार की यातायात व्यवस्था को सुविधाजनक बनाने के लिए परिकर्मा मार्ग तैयार किया जायेगा। हरिद्वार बाई पास मार्ग एवं जिला मार्ग के लिए धनराशि स्वीकृत कर दी गई हैं। ये मार्ग वर्ष भर यातायात के लिए सुलभ रहे, इसके लिए भी प्रयास किये जा रहे। हरिद्वार में वर्ष भर होने वाले विभिन्न स्नान पर्वो पर यहाॅ आने वाले श्रद्धालुओं को इससे सुविधा मिलेगी।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि ललतारा पुल का निर्माण आरम्भ हो गया है। मोतीचूर में भी पुल तथा भोपतवाला क्षेत्र में अस्पताल का निर्माण किया जायेगा। हरकी पैडी पर श्रद्धालुओं को स्नान व पूजन आदि की बेहतर व्यवस्था के लिए हरकी पैड़ी क्षेत्र का विस्तार किया जाना आवश्यक है, इसके लिए उन्हांेने साधू सन्तांे, आश्रमों व गंगा सभा से सहयोग की अपेक्षा की। साधु सन्तों के इस आग्रह पर कि सभी घाटों में गंगा जल का प्रभाव हो, मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि यदि सहयोग मिले तो बिशनपुर कुण्डी से बालावाली तक गंगा में आये गाद को निकालने का कार्य किया जाये। साधु सन्तो नें बताया कि हरकी पैड़ी पर होने वाली भीड़ को कम करने के लिए 1992 में आश्रमों के किनारें घाट बनाने की अनुमति दी गई थी। वर्तमान में घाट तो हैं लेकिन गंगा का प्रवाह नहीं है। बताया गया कि सप्तर्शि से घाट नं0-1 तक गंगा में 15 फीट तक सिल्ट जमा है। यदि इसे निकाला जाये तो सभी घाटों तक गंगा का जल प्रवाह पहले की तरह बरकारर रखा जा सकता है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि कनखल में इसी साल घाट का निर्माण किया जायेगा और दक्ष मंदिर में नया घाट बनाया जायेगा। उन्हांेने मेलाधिकारी को बडे़ अस्थाई अस्पताल के निर्माण और पथ प्रकाश व्यवस्था को बेहतर बनाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश में स्वार्गाश्रम, त्रिवेणी घाट आदि स्थानों पर गिर रहे नालो को अर्द्धकुम्भ से पहले रोक दिया है। उन्हांेने साधु सन्तों से अपील की कि वे प्लास्टिक के प्रयोग को त्याज्य घोषित करें। राज्य सरकार इसके लिए जन जागरूकता अभियान चलायेगी और पुरे कुम्भ क्षेत्र को प्लास्टिक मुक्त बनायेगी। केदारनाथ के दर्शन कर वापस आये कुछ सन्तों ने मुख्यमंत्री को केदारनाथ के पुनर्निर्माण में हो रहे कार्यो के लिए बधाई दी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने उपस्थित साधु सन्तो का सम्मान कर उनसे अर्द्धकुम्भ-2016 के सफल आयोजन के लिए आशिर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री को जयराम आश्रम द्वारा 5 लाख, गंगा सभा द्वारा   2.51 लाख, स्वामी चिन्मान्यानंद द्वारा 1.11 लाख, स्वामी सत्यमित्रानंद द्वारा 1 लाख, सतपाल ब्रह्यचारी, शिवानंद जी महाराज, हरिचन्द्रानंद एवं उमा भारती महाराज ने 51-51 हजार रूपये के चैक नेपाल में आये भूकम्प पीडितों की सहायता के लिए भेंट किया ।
इस अवसर पर केबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, प्रितम सिंह, प्रितम सिंह पंवार, मुख्य सचिव एन0 रवि शंकर के साथ ही शंकराचार्य राजराजेशवरानंद, संजय महन्त, बाबा हठयोगी, महामण्डलेश्वर, माता संताषी, पुरूषोत्तम शर्मा, स्वामी मोहनदास, स्वामी देवानंद, हरिचित्रानंद, स्वामी चिन्मियानंद, ब्रह्यस्वरूप ब्रह्यचारी, सहित बडी संख्या संत महात्मा आदि उपस्थित थे।

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