देहरादून: बीजापुर अतिथि गृह में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कृषि, पशुपालन, डेरी एवं उद्यान विभाग की नई योजनाओं के सम्बन्ध में बैठक की। बैठक के
दौरान मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि कृषकों द्वारा फसलों का बीमा करवाने पर राज्य सरकार द्वारा देय प्रीमियम धनराशि के अतिरिक्त कृषकों द्वारा दिये जाने वाले प्रीमियम का 50 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। साथ ही पशुधन बीमा के लिये बीपीएल परिवारों सहित अनुसूचित जाति के लिये प्रीमियम की पूर्ण राशि राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि स्टेट फूड प्रोसेसिंग मिशन शुरू किया जाएगा। इसके तहत राज्य को फूड प्रोसेसिंग हब के रूप में विकसित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिये ‘वन विलेज वन फार्म‘ योजना चलाई जाएगी। इसके तहत गाँव में क्लस्टर विकसित किए जाएंगे। गाँव की अवस्थिति के अनुसार फसलों का चयन कर उनकी खेती की जाएगी। इसके लिये कार्यशील पूँजी की भी व्यवस्था की जाएगी। छोटे क्षेत्रों के लिए एक लाख तक व बड़े क्षेत्रों के लिए 2 से 3 लाख तक की कार्यशील पूँजी की व्यवस्था की जाएगी। राज्य में खेती की स्थिति को सुधारने के लिए राज्य सरकार कार्य कर रही है। साथ ही, गरीब किसानों को साथ देने के लिए सरकार हमेशा तत्पर है।
उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिए कि वर्मी कम्पोस्ट की योजना तैयार की जाए। इसके लिए बेरोजगार युवाओं को प्रोत्साहित किया जाए। उनके द्वारा बनाई गयी वर्मी कम्पोस्ट खाद सरकार द्वारा खरीदी जाएगी। प्याज, अदरक व हल्दी की क्लस्टर बेस खेती के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाए। योजना को व्यवस्थित तरीके से बनाया जाए। इसके लिए इंश्योरेंस, मशीन की उपलब्धता व खरीद मूल्य की जानकारी की व्यवस्था पहले से कर ली जाए। किसानों को जानकारी भी उपलब्ध कराई जाए। अमेस की खेती को भी प्रोत्साहित किया जाए। अखरोट मिशन लाँच किया जाएगा।
रेशम की खेती को प्रोत्साहित किए जाने की जरूरत है। इसके लिए इसमें महिला स्वयं सहायता समूहों सहित महिला एवं मंगल दलों को भी इसमें शामिल किया जाए। इसके लिए गाँव की खाली पड़ी या बंजर जमीन को उपयोग किया जाए सकता है। इसके वित्तीय पोषण की योजना तैयार की जाए। महिलाओं को निस्बड द्वारा टेªनिंग दी जाए। राज्य में पशुधन को भी प्रोत्साहित किये जाने की जरूरत है। राज्य के पशुपालकों को 5 से 10 गायों को पालने के लिए ब्याजमुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाए। इसके लिए लक्ष्य निर्धारित किया जाना चाहिए। राज्य में 500 डेरियाँ स्थापित करने का लक्ष्य रखा जाए। हमें मौन पालन पर ध्यान देने की जरूरत है। राज्य में मौन पालन के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि कोई भी योजना इस तरीके से बनाई जाए कि जिससे किसानों को शुरू से ही उपकरण, बीज, ऋण, इंश्योरेंस आदि उपलब्ध हो सके।