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एयरो इंडिया ने दुनिया को ‘नए भारत’ के ‘नए रक्षा क्षेत्र’ का प्रदर्शन किया: राजनाथ सिंह

देश-विदेश

वित्तीय वर्ष (एफ़वाई) 2023-24 में रक्षा पूंजी खरीद बजट का रिकॉर्ड 75 प्रतिशत (लगभग एक लाख करोड़ रुपये) हिस्सा घरेलू उद्योग के लिए निर्धारित किया गया है, जो 2022-23 में 68 प्रतिशत था। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 15 फरवरी, 2023 को बेंगलुरु में 14वें एयरो इंडिया के बंधन समारोह के दौरान इसकी घोषणा की थी। वित्त वर्ष 2023-24 में, रक्षा मंत्रालय (एमओडी) को कुल 5.94 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जो कि कुल बजट का 13.18 प्रतिशत (45.03 लाख करोड़ रुपये) है। आधुनिकीकरण और बुनियादी ढांचे के विकास से संबंधित पूंजी परिव्यय को बढ़ाकर 1.63 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है।

श्री राजनाथ सिंह ने इस फैसले को रक्षा क्षेत्र को और मजबूत करने तथा आयात पर निर्भरता कम करने के लिए ‘अमृत काल’ की शुरुआत में सरकार द्वारा उठाया गया एक अभूतपूर्व कदम बताया। श्री राजनाथ सिंह ने कहा, “यदि आप एक कदम उठाते हैं, तो सरकार दस कदम आगे बढ़ने का वादा करती है। आपने धरातल पर विकास के पथ पर आगे बढ़ाने की बात की है। हम आपको पूरा आकाश प्रदान कर रहे हैं। पूंजीगत खरीद बजट का तीन-चौथाई स्थानीय उद्योग के लिए निर्धारित करना उस दिशा में एक कदम है।”

रक्षा मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि इस कदम से भारतीय उद्योग अधिक उत्साह के साथ आगे आएगा और रक्षा क्षेत्र को और अधिक शक्तिशाली और समृद्ध बनाने में योगदान देगा। उन्होंने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि एक मजबूत और आत्मनिर्भर रक्षा उद्योग न केवल देश की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करता है, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करता है। रक्षा मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि, पिछले कुछ वर्षों में, देश में घरेलू उद्योग के अनुकूल वातावरण बनाया गया है, जो स्थानीय कंपनियों को मित्र देशों की सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करते हुए राष्ट्र के समग्र विकास को विकसित करने और सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ की परिकल्पना के अनुरूप एक तेज़ गति का रास्ता प्रदान करता है।

बंधन समारोह में 201 समझौता ज्ञापनों, 53 प्रमुख घोषणाओं, नौ उत्पादों का शुभारंभ और तीन प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण सहित लगभग 80,000 करोड़ रुपये सहित 266 साझेदारियां हुईं।

प्रमुख समझौते

  • हेलीकॉप्टर इंजनों के डिजाइन, विकास, निर्माण और आजीवन समर्थन के लिए संयुक्त उद्यम के गठन के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और फ्रांस के सफरन हेलीकॉप्टर इंजन के बीच वर्क शेयर के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
  • उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) के लिए आईडबल्यूबीसी और अन्य एलआरयूएस पर भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वैमानिकी विकास एजेंसी के बीच समझौता ज्ञापन हुआ।
  • बीएसएस मटेरियल लिमिटेड और एडीयूएसईए इंक. डिवीजन (यूएसए) की एक कंपनी पेगासस इंजीनियरिंग के बीच भारतीय सेना के लिए लॉजिस्टिक ड्रोन के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में अग्रिम चौकियों पर तैनात सैनिकों के लिए तेज़ हवा / झोंके की स्थिति, बारिश / हिमपात आदि में ऑपरेशन की क्षमता के साथ अंतिम मील डिलीवरी के लिए सहयोग किया गया।
  • गोपालन एयरोस्पेस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और ओमनीपोल, चेक गणराज्य को भारत में एक निजी कंपनी द्वारा पहले यात्री विमान (एल 410 यूवीपी-ई20 संस्करण) के निर्माण और संयोजन के लिए के बीच समझौता ज्ञापन।
  • भारतीय नौसेना के लिए आईडीईएक्स चैलेंज “स्वायत्त हथियारबंद नाव झुंड” के लिए सागर डिफेंस इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड (एसडीईपीएल) और इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई) के सहयोग बारे में समझौता ज्ञापन।
  • भारत डायनेमिक्स लिमिटेड और बुल्गारिया के बल्टेक्सप्रो लिमिटेड के बीच भारत में 122 मिली मीटर जीआरएडी बीएम ईआर और एनओएनईआर रॉकेट के लिए विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने और आवश्यकताओं के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (टीओटी सहित) को पूरा करने के लिए समझौता ज्ञापन।
  • भारतीय नौसेना के लिए अगली पीढ़ी के फास्ट अटैक क्राफ्ट पोत के लिए स्वदेशी सामग्री का समर्थन करने के लिए एमएमटीयू 16वी4000एम73एल इंजन के स्थानीयकरण के साथ लाइसेंस उत्पादन के लिए जीआरएसई और रोल्स-रॉयस सॉल्यूशंस जीएमबीएच (एमटीयू) के बीच समझौता ज्ञापन।
  • बीईएमएल ने टी-72/टी-90 टैंकों के लिए ट्रावेल असेंबली के विकास और आपूर्ति के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन-डीआरडीओ के आर एंड डीईई के साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (टीओटी) के लिए लाइसेंस समझौता किया।
  • सभी सिस्टम इकाइयों के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन-डीआरडीओ के डीएलआरएल से बीईएल हैदराबाद यूनिट तक शक्ति ईडब्ल्यू सिस्टम का प्रौद्योगिकी हस्तांतरण-टीओटी, सामग्री का बिल, परीक्षण प्रक्रियाएं, एकीकरण और पेशकश पद्धति।
  • भारतीय प्लेटफार्मों के लिए समुद्री गश्ती रडार (एमपीआर) में भविष्य के व्यापार पर सहयोग के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और इज़राइल के एल्टा सिस्टम्स लिमिटेड के बीच समझौता ज्ञापन।

उत्पाद

  • कम दूरी की ज़मीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल (भारत डायनेमिक्स लिमिटेडकी बड़े पैमाने पर शुरूआत: वीएलएसआरएसएएम एक अगली पीढ़ी, जहाज-आधारित, सभी मौसम, वायु रक्षा हथियार है, जिसका उपयोग नौसेना द्वारा सुपरसोनिक समुद्री स्किमिंग जैसे  विमान और यूएवी लक्ष्य खिलाफ त्वरित प्रतिक्रिया बिंदु रक्षा के रूप में किया जा सकता है। मिसाइल में सभी मौसम की क्षमता के साथ धुआं रहित प्रणोदन प्रणाली है। इसमें अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक काउंटर-काउंटर उपाय सुविधाओं के साथ अत्यधिक चुस्त कॉन्फ़िगरेशन है।
  • बीएमपी II (भारत डायनेमिक्स लिमिटेडके लिए एसएएल सीकर एटीजीएम: बीएमपी-II के लिए सेमी-एक्टिव लेजर सीकर आधारित एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल 4,000 मीटर की रेंज और 25 सेकंड के उड़ान समय के साथ एक सबसोनिक मिसाइल है। प्रक्षेपण के साथ मिसाइल का वजन 23 किलोग्राम है। इसका उपयोग ट्यूब और टैंक और इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स जैसे चलते हुए और स्थिर लक्ष्यों को अक्षम करने के लिए विभिन्न प्रकार के इलाकों में किया जा सकता है।
  • जिष्णु (भारत डायनेमिक्स लिमिटेड): जिष्णु, एक ड्रोन डिलीवरेड मिसाइल, हल्के लक्ष्य के लिए हल्के वजन और छोटी मिसाइल लक्षित है। इसमें 9 सेकंड के उड़ान समय के साथ 1.5 किलोमीटर की रेंज है। सिस्टम कॉन्फ़िगरेशन के आधार पर मिसाइल अर्ध-स्वचालित या पूरी तरह से स्वचालित हो सकती है।
  • स्वदेशी रूप से विकसित प्रोसेसर (एस्ट्रा माइक्रोवेव प्रोडक्ट्स लिमिटेड) पर आधारित सॉफ्टवेयर परिभाषित एनएवीआईसी/जीपीएस रिसीवर मॉड्यूल।
  • रक्षा अनुसंधान और विकास संगठनडीआरडीओ (एस्ट्रा माइक्रोवेव प्रोडक्ट्स लिमिटेड) की तकनीक पर आधारित स्वदेशी निर्मित ‘काउंटर ड्रोन रडार‘।
  • 9 एमएम सबसोनिक गोला बारूद (मूनिशन्श इंडिया लिमिटेड)।
  • आईओएस पर बीएफ़टी (आइडिया फ़ोर्ज टेक्नोलोजीस लिमिटेड): ब्ल्यू फायर टच, ब्ल्यू फायर टच हमारा ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन (जीसीएस) सॉफ्टवेयर, मैपिंग और सर्विलांस मिशन दोनों की योजना बनाने और कमांड करने के लिए बनाया गया है, जिसमें ऑपरेशनल एरिया और वेपॉइंट-आधारित नेविगेशन के साथ टार्गेट लोकेशन के आधार पर मिशन की प्री-प्लान करने की क्षमता है।
  • एचएफ एसडीआर रेडियो (भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड): यह एक उन्नत सॉफ्टवेयर परिभाषित रेडियो है। रेडियो हल्का 20 वॉट ट्रांसमिट सक्षम रेडियो है। यह भीड़भाड़ वाले एचएफ बैंड में कम दूरी की संचार आवश्यकताओं और दृष्टि रेखा से परे लंबी दूरी के संचार के लिए एक पूर्ण समाधान प्रदान करता है।
  • गोनियोमीटर (भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड): यह आर्टिलरी द्वारा दिन के समय या रात के समय उपयोग के लिए किसी भी एकीकृत अवलोकन और अग्नि नियंत्रण निगरानी प्रणाली का हिस्सा है।

श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि बंधन के दौरान पूरे किए गए सम्झौता ज्ञापन और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण-टीओटी रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश-एफडीआई को बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त करेंगे और इस क्षेत्र में विनिर्माण को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। उन्होंने बंधन को केवल आर्थिक लाभ तक सीमित दो पक्षों के बीच एक समझौता नहीं, बल्कि रक्षा क्षेत्र में राष्ट्र को मजबूत करने के लिए एक नया संकल्प बताया। रक्षा मंत्री ने इस बात पर भी बल दिया कि मित्र देशों के साथ की गई साझेदारी भारत के साथ उनके द्विपक्षीय सहयोग को अगले स्तर तक ले जाएगी।

रक्षा मंत्री ने कहा कि एयरो इंडिया ने दुनिया को ‘नए भारत’ का ‘नया रक्षा क्षेत्र’ दिखाया, जो न केवल पिछले कुछ वर्षों में विकसित हुआ है, बल्कि अब अग्रणी देशों के रक्षा क्षेत्रों के साथ चलने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि इस आयोजन ने भारतीय रक्षा उद्योग को मजबूत करने का नया मार्ग प्रशस्त किया है। श्री राजनाथ सिंह ने इसे ‘आत्मनिर्भरता’ के एक नए युग की शुरुआत बताया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह क्षेत्र नई ऊर्जा और संकल्प के साथ प्रगति के पथ पर मजबूती से आगे बढ़ेगा।

श्री राजनाथ सिंह ने कर्नाटक को उन ऐतिहासिक राज्यों में से एक बताया जो देश की आर्थिक प्रगति में लगातार योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि एयरो इंडिया को आयोजित करने के लिए कर्नाटक से बेहतर जगह नहीं हो सकती है क्योंकि इस राज्य ने अपने मजबूत अनुसंधान और विकास विनिर्माण ईकोसिस्टम के साथ स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय उद्योगों को आकर्षित किया है।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री बसवराज बोम्मई, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, वायु सेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार, थल सेना अध्यक्ष जनरल मनोज पांडे, रक्षा सचिव श्री गिरिधर अरमाने इस अवसर पर उपस्थित थे। समारोह के दौरान रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन-डीआरडीओ के अध्यक्ष श्री समीर वी कामत, कर्नाटक सरकार की मुख्य सचिव श्रीमती वंदिता शर्मा और रक्षा मंत्रालय और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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