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उ०प्र० सड़क सुरक्षा कार्यशाला-2018 को सम्बोधित करते हुए: सीएम

उत्तर प्रदेश

लखनऊउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि ट्रैफिक के सामान्य नियमों की जानकारी और अनुपालन से बड़ी संख्या में दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। अधिकतर दुर्घटनाओं का कारण असावधानी अथवा मानवीय भूल होती है। सड़क सुरक्षा और यातायात के नियमों के सम्बन्ध में आम नागरिक को जागरूक किया जाना आवश्यक है। इस कार्य में सामूहिक प्रयास अधिक कारगर साबित हो सकता है। परिवहन, गृह, पी0डब्ल्यू0डी0 सहित सभी सम्बन्धित विभागों को मिलकर सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में जन जागरूकता का यह कार्य करना चाहिए।

मुख्यमंत्री जी आज यहां परिवहन निगम द्वारा आयोजित उत्तर प्रदेश सड़क सुरक्षा कार्यशाला-2018 एवं सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित विभिन्न परियोजनाओं के लोकार्पण एवं शिलान्यास कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित 9697.29 लाख रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने ‘स्वच्छ’ मोबाइल एप, ‘ई-गवर्नेंस’ पत्रिका के विशेष संस्करण, स्कूल वाहन नियमावली, चालक हेल्थ कार्ड तथा राज्य स्तरीय भाषण प्रतियोगिता के 57 प्रतिभागियों के भाषणों के संकलन की पुस्तिका का विमोचन भी किया।

मुख्यमंत्री जी द्वारा इस अवसर पर ‘सड़क सुरक्षा-कारण एवं निवारण’ विषय पर राज्य स्तरीय भाषण प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत भी किया गया। प्रतियोगिता का प्रथम पुरस्कार जनपद वाराणसी के श्री रतन कुमार सिंह, द्वितीय पुरस्कार जनपद सुल्तानपुर की कु0 निधि मिश्रा, तृतीय पुरस्कार जनपद बदायूं की कु0 श्रद्धा वाष्र्णेय तथा सांत्वना पुरस्कार कु0 शिप्रा सिंह एवं श्री ध्रुव परमार को प्रदान किया गया। इस मौके पर सड़क दुर्घटना में अपने परिवारीजन को खोने वाले परिवारों पर एक वृत्तचित्र भी प्रस्तुत किया गया।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार सड़क सुरक्षा के प्रति संवेदनशील है तथा इसके लिए आवश्यक कदम उठा रही है। कुशल और प्रशिक्षित वाहन चालकों की उपलब्धता के लिए प्रत्येक मण्डल में ड्राइविंग प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना के लिए कार्य कर रही है। ड्राइविंग हेतु समुचित परीक्षण के लिए आॅटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण भी तेजी से कराया जा रहा है। काॅमर्शियल वाहनों के फिटनेस की समुचित जांच के लिए ‘इंस्पेक्शन एवं सर्टिफिकेशन सेण्टर’ की स्थापना की जा रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा आयोजित किये जाने वाले यातायात सप्ताह में परिवहन, पी0डब्ल्यू0डी0 तथा अन्य सम्बन्धित विभाग भी सम्मिलित हांे।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत डेढ़ वर्षाें में उनके द्वारा सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में कई बैठकें करके सम्बन्धित विभागों को सामान्य जन को सड़क सुरक्षा एवं यातायात के नियमों के विषय में जागरूक करने के लिए कहा गया। क्योंकि प्रतिदिन देश व प्रदेश के सड़क दुर्घटनाओं में जितनी मौतें होती हैं, उतनी किसी अन्य मामले में नहीं होतीं। उन्होंने कहा कि नियंत्रित स्पीड, हेल्मेट और सीट बेल्ट के प्रयोग, चालक के नियमित हेल्थ चेकअप जैसी छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर जन-धन की बड़ी हानि को रोका जा सकता है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सड़क यातायात के नियम पाठ्यक्रम का हिस्सा होना चाहिए। शिक्षा का अर्थ केवल पुस्तकीय ज्ञान प्रदान करना ही नहीं, व्यक्ति का सर्वांगीण विकास करना है। इसलिए शिक्षण, प्रशिक्षण से सम्बन्धित प्रत्येक संस्था का दायित्व है कि विद्यार्थियों को जीवन के लिए उपयोगी नियमों से अवगत कराये। प्रत्येक विद्यालय की असेम्बली में प्रतिदिन विद्यार्थियों को अलग-अलग विषयों पर और उनकी जीवन में उपयोगिता और अनुपयोगिता के बारे में बताया जाना चाहिए।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जी सड़क सुरक्षा के प्रति अत्यन्त संवेदनशील हैं। परिवहन विभाग द्वारा सड़क सुरक्षा के लिए कई कदम उठाये गये हैं। पहली बार 7,000 विद्यालयों तथा 11,000 सार्वजनिक स्थानों पर सड़क सुरक्षा के कार्यक्रम आयोजित किये गये हैं। इन कार्यक्रमों में 14 लाख लोगों ने प्रतिभाग किया है।

भारत सरकार के सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री अभय दामले ने कहा कि सड़क सुरक्षा के लिए हेल्मेट और सीट बेल्ट का प्रयोग, बिना शराब पिये गाड़ी चलाना तथा नियंत्रित गति चार मुख्य आवश्यकताएं हैं। वाहनों की गति नियंत्रित करने के लिए कदम उठाये जा रहे हैं, क्योंकि 60 प्रतिशत दुर्घटनाएं अधिक गति के कारण होती हैं। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत केन्द्र सरकार द्वारा इस क्षेत्र में उत्कृष्टतम को अपनाने के निर्देश दिये गये हैं। वर्तमान में हमारे देश में आॅटोमोबाइल स्टैण्डड्र्स बहुत अच्छे हो गये हैं। दो-पहिया वाहनों के क्षेत्र में सेफ्टी स्टैण्डड्र्स विश्व में सबसे अच्छे हैं। कारों और बसों के सेफ्टी स्टैण्डड्र्स भी लगातार बेहतर हो रहे हैं।

परिवहन विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती आराधना शुक्ला ने अपने स्वागत सम्बोधन में कहा कि इस कार्यशाला में सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित सभी विभागों को आमंत्रित किया गया है। यह कार्यशाला 5 सत्रों में संचालित हुई। इसमें 1,000 से अधिक लोगों ने प्रतिभाग किया। उन्होंने उम्मीद जतायी कि यह कार्यशाला सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी। कार्यक्रम के अन्त में परिवहन आयुक्त श्री पी0 गुरु प्रसाद ने अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।

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