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पुलिस ऑफिसर्स मैंस में चतुर्थ उत्तरी क्षेत्रीय समन्वय समिति के शुभारम्भ अवसर पर सम्बोधित करते हुएः सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत

उत्तराखंड

देहरादून: सात उत्तरी राज्य के पुलिस महानिदेशकों एवं CAPFs/CPOs के क्षेत्रीय अधिकारियों की पुलिस ऑफिसर्स मैंस, किशनपुर देहरादून में FOURTH NORTH REGION COORDINATION COMMITTEE  (चतुर्थ उत्तरी क्षेत्रीय समन्वय समिति) की कॉन्फ्रेन्स का शुभारम्भ श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, माननीय मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड द्वारा किया गया।

                   कॉन्फ्रेन्स का उदघाटन करते हुये माननीय मुख्यमंत्री द्वारा बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों का स्वागत करते हुये कहा कि बैठक में पाँच राज्य ऐसे है कि जिनकी अन्तराष्ट्रीय सीमा है, जिससे यह कॉन्फ्रेन्स और अधिक महत्तवपूर्ण हो गई है। आज के इस आधुनिक युग में तकनीक के माध्यम से दूरियां आज कम हो गयी है इसलिये ऐसे परिपेक्ष्य में आपसी समन्वय एवं संवाद की जरुरत दिन-प्रतिदिन बढती जा रही है हमे अपने पुलिस बल को तकनीकी रुप से सृदढ बनाने की आवश्यकता है। राज्य के मध्य समन्वय स्थापित करने के उद्देश्य से कॉन्फ्रेन्स प्रारम्भ करना बहुत ही महत्वपूर्ण एवं दूरदर्शी निर्णय है। क्योकि पुलिस का जनता से सीधा संवाद होता है इस प्रकार के कॉन्फ्रेन्स से बेहतर समन्वय एवं कार्यकुशलता में वृद्धि होगी।

                   श्री अनिल के0 रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड ने कहा कि समय बहुत तेजी से बदल रहा है। आज के युग में संचार में तेजी आयी है जिससे बाहरी एवं आन्तरिक सुरक्षा के खतरे साथ हो गये हैं जो राज्यो के समक्ष चुनौती है। अपने सीमित संसाधनों से देश विरोधी तत्वों एवं अपराधियों के  विरूद्ध राज्य की पुलिस को  तुरन्त कार्यवाही करने की आवश्यकता है। यह कॉन्फ्रेन्स अपने विचारों को अदान-प्रदान करने का एक अच्छा मंच है जिसमें नितिगत निर्णय लेकर अपराध नियंत्रण एवं शान्ति-व्यवस्था बनाने में हम कार्य करेंगे जिसका जनता को इसका फायदा मिलेगा।

श्री अशोक कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था  द्वारा कहा गया कि वर्ष-2015 में माननीय प्रधानमंत्री द्वारा पुलिस महानिदेशक कॉन्फ्रेन्स में राज्यों के पुलिस बलों के मध्य समन्वय स्थापित करने के उद्देश्य से क्षेत्रीय कॉन्फ्रेन्स आयोजित करने का निर्णय लिया गया था जिसके अनुपालन उत्तरी क्षेत्रीय समन्वय समिति का आयोजन किया जाता है, उत्तराखण्ड को प्रथम बार इस बैठक का आयोजित करने का मौका मिला है। इससे पूर्व नई दिल्ली, लखनऊ एवं शिमला में यह कॉन्फ्रेन्स आयोजित हुआ है। आपराधी कोई सीमा नही जानते इसलिए बहुत जरुरी है कि पुलिस भी सीमाओं की बाधाएं तोड़कर आपसी समन्वय बढाए, जिससे अपराधियों पर शिकंजा कसा जा सके।

कॉन्फ्रेन्स में आतंकवाद, अपराध नियन्त्रण, ड्रग्स कन्ट्रोल, आपदा नियन्त्रण, सीमा प्रबन्धन, साईबर क्राईम, मादक पदार्थों की तस्करी, अन्तर्राज्यीय गैंग, ईनामी/वांछित अपराधी, पुलिस कल्याण, पुलिस आधुनिकीकरण आदि बिन्दुओं पर चर्चा हुई।

श्री अनिल के0 रतूड़ी एवं श्री अशोक कुमार द्वारा बताया गया कि कॉन्फ्रेन्स में निम्न निर्णय लिए गयेः-

1-विभिन्न अन्तराजीय अपराधियों एवं सक्रिय गैगों के सदस्यों पर प्रभावी कार्यवाही हेतु राज्य स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त करने की सहमति बनी।

2-नोडल अधिकारियों के व्हाटसएप्प ग्रुप बनाने का निर्णय लिया गया जिससे वह निरन्तर सम्पर्क में रहे तथा सूचनाओं का अदान प्रदान हो सके।

3-सीमावर्ती जनपदों के राज्यों के पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों की मासिक बैठक तथा पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारियों का त्रैमासिक बैठक करने पर विचार किया गया। साथ ही विभिन्न प्रदेशों की एसटीएफ के अधिकारियों की त्रैमासिक बैठक करने का भी निर्णय लिया गया, जिससे बड़े अन्तर्राज्यीय गैंग के सदस्यों पर शिकंजा कसा जा सके।

4-अज्ञात शवों की शिनाख्त हेतु आधार डाटा बेस से जानकारी प्राप्त करने पर भी चर्चा की गयी।

5-मादक पदार्थों की बरामदगी में अभियुक्तों से संयुक्त पूछताछ हेतु विभिन्न ऐजन्सियों को सम्मिलित किया जाये तथा पूछताछ में प्रकाश में आये महत्तवपूर्ण तथ्यों को सभी के साथ साझा किये जाने का निर्णय लिया गया तथा अन्तर्राज्यीय ड्रग्स तस्करी मार्गों पर भी सतर्क निगरानी रखी जाये।

श्री अनुराग गर्ग, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, हिमाचल प्रदेश द्वारा बताया कि हिमाचल पुलिस को ड्रग कन्ट्रोलर के अधिकारी देने सम्बन्धी प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।

श्री वी0के0 सिंह, स्पेशल पुलिस महानिदेशक, जम्मू एवं कश्मीर द्वारा बताया कि उन्होने केन्द्र सरकार की सहायता से प्रदेश में नशा-मुक्ति केन्द्र स्थापित किये है जिनकों सम्बन्ध में जानकारी लेने हेतु अन्य राज्यों को आमंत्रित किया।

श्री रवि कुमार, सेनानायक एनडीआरएफ द्वारा आपदा के दौरान राज्य पुलिस बल से प्राप्त होने वाली आवश्यकताओं के सम्बन्ध में जानकारी दी गई।

श्री संजय माथुर, संयुक्त निदेशक एनसीआरबी द्वारा अपने प्रस्तुति करण के माध्यम से सीसीटीएनएस में होने वाले अपडेट्स एवं नवीन सॉफ्टवेयर के सम्बन्ध में जानकारी दी गई। जिसमें आदतन अपराधियों एवं सक्रिया गैंग से सदस्यों का राष्ट्रिय डाटाबेस तैयार करने, वाहन चोरी की ऑनलाइन शिकायत एवं चरित्र सत्यापन हेतु ऑनलाइन आवेदन आदि प्रमुख हैं।

कॉन्फ्रेन्स में  श्री एस0एस0 देशवाल, विशेष पुलिस महानिदेशक बीएसएफ, श्री प्रशान्त कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक मेरठ जोन उ0प्र0, श्री आलोक कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक हरियाणा, श्री वी0विनय कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक अभिसूचना एवं सुरक्षा उत्तराखण्ड, श्री राम सिंह मीणा, अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन उत्तरखण्ड सहित पंजाब, दिल्ली, चण्डीगढ़, एनएसजी, सीबीआई, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी, आईटीबीपी, एनसीआरबी, एनआईए, आसूचना ब्यूरो, नारकोटिक ब्यूरो के महानिरीक्षक/उपमहानिरीक्षक/पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी उपस्थित रहे।

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