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यातायात निदेशालय द्वारा राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह 2021 कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुएः पुलिस महानिदेशक

उत्तराखंड

देहरादून: रिजर्व पुलिस लाईन ,देहरादून में यातायात निदेशालय द्वारा राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह 2021  कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसका शुभारम्भ श्री अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड द्वारा किया गया। उक्त कार्यक्रम के अवसर पर मुख्य अतिथि महोदय द्वारा यातायात जागरुकता पर बनाये गये ऑडियो एवं वीडीयो का विमोचन किया गया।

        सर्वप्रथम श्री केवल खुराना,पुलिस उपमहानिरीक्षक/निदेशक यातायात उत्तराखण्ड द्वारा स्वागत सम्बोधन करते हुए मुख्य अतिथि पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड महोदय, सुनिय उनियाल गामा मेयर देहरादून एवं अन्य उपस्थित अधिकारियों,मीडिया  व गणमान्य व्यक्तियों का धन्यवाद करते हुए बताया कि इससे पूर्व उक्त कार्यक्रम को सड़क सुरक्षा सप्ताह के रुप में मनाया जाता है परन्तु इस वर्ष भारत सरकार के निर्देशों के अनुरुप इस कार्यक्रम को सड़क सुरक्षा माह के रुप में मनाया जा रहा है। इसी से यह आंकलन किया जा सकता है कि सड़क सुरक्षा  एवं सड़क दुर्घटना के प्रति भारत सरकार कितनी गम्भीर है  ।सुप्रीम कोर्ट की रोड सेफ्टी कमेटी की मीटिंग में कमेटी के माननीय चेयरमेन एवं अन्य सदस्यों द्वारा उत्तराखण्ड में पिछले तीन वर्षों के अन्दर सड़क दुर्घटनाएं जो कम हुई है उसकी प्रंशसा की गई है । साथ ही हमें अभी और प्रयास करने है जिससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकें। पुलिस महानिदेशक महोदय के निर्देशन में लगातार यातायात व्यवस्था के सुधार हेतु यातायात निदेशालय द्वारा प्रयास किये जा रहे है। इसमें मुख्यत: ब्लैक स्पॉट जहाँ पर काफी सड़क दुर्घटनाएँ हुई है इनकी संख्या में कमी लाई गयी है जो दुर्घटना संभावित क्षेत्र है उनकी पहचान कर ली गई है उसको गूगल पर मैपिंग करा ली गई है ताकि प्रदेश जो भी यात्री आ रहे है वह यह देख पाये कि किन-किन स्थानों पर सड़क दुर्घटना की संभावना अधिक है । जहाँ तक तकनीकि को बढ़ावा देने की बात है तो यातायात निदेशालय द्वारा पूर्व में 1200 ई-चालान मशींनों को जनपदों एवं यातायात कर्मिंयों को उपलब्ध करायी गई है। इससे प्रर्वतन की कार्यवाही में तेजी आयेगी। यातायात निदेशालय द्वारा Uttarakhand Traffic Eyes App भी चलाया जा रहा है। आमजन से उम्मीद की जाती है कि इस एप के माध्यम से यातायात नियमों को तोड़ने वालों के इमेज या वीडीयो उपलब्ध कर शिकायत करें । यातायात कर्मियों को भी आमलोगों से अच्छे व्यवहार को बेहतर करना है । इसी के साथ गुड स्मार्टियन के तहत एक शुरुआत की गई है कि जो व्यक्ति घायलों की मदद करेगा उससे कोई पूछताछ नहीं की जायेगी इसके लिए पूर्व में ही जनपदों को निर्देशित किया जा चुका है । साथ ही मदद करने वालों को सम्मानित भी किया जायेगा। प्रदेश में एम्बुलेंस की संख्या काफी कम है परन्तु सड़कों जो भी वाहन चल रहे है अगर वह घायलों की मदद के लिए आते है कई एम्बुलेंस हो जाती है ऐसे प्रयासों से कई जिन्दगीयाँ बचाई जा सकती है । इसलिए यातायात निदेशालय की ओर सभी से निवेदन किया जाता है कि सभी लोग घायलों की मदद करें ताकि कई जिन्दगीयाँ बचाई जा सके । भविष्य में हाईवे पैट्रोल की शुरुआत की जा रही है ताकि हाईवे में होने वाले सड़क दुर्घटनाओं को बचाया जा सके। ओवरस्पीडिंग एवं ड्रंकन ड्राईविंग में ज्यादा से ज्यादा प्रर्वतन की कार्यवाही की जायेगी एवं नियम तोड़ने वालों के ड्राईविंग लाईसेंस को कैन्सिलेशन के लिए भेजा जाएगा । ई-चालान एवं Uttarakhand Traffic Eyes App को अन्य पैमेंट एप से जोड़ा जा रहा है। यातायात निदेशालय द्वारा जितने भी सड़क दुर्घटना संभावित क्षेत्र थे उन स्थानों पर कॉनकेव मिरर लगावायें गये है। कोरोना काल आमजनता द्वारा उत्तराखण्ड पुलिस की प्रंशसा की गई जिससे उत्तराखण्ड पुलिस का मनोबल ऊँचा हुआ है औऱ उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा ओर प्रयास किया जा रहा है।

        श्री अशोक कुमार, पुलिस  महानिदेशक, उत्तराखण्ड द्वारा बताया सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक कंट्रोल की बात करें तो हम दो फ्रंट पर काम करते है। एक फ्रंट है ट्रैफिक को Smoothly चलाना, जिससे जाम ना लगे और लोगों को असुविधा ना हो और Traffic Smooth चले।दूसरा फ्रंट है सड़क सुरक्षित हो और लोग अपनी जान कम गवायें। हमें दो दिशाओं में काम करना है। ये काम बहुत बड़ा है इसका अंदाजा आप इस तरह लगा सकते हैं जब उत्तराखण्ड बना तो 4 लाख वाहन थे( दोपहिया और चारपहिया वाहन) आज 20 साल बाद वाहन 30 लाख हो चुके है।

        सड़क सुरक्षा सम्बन्धित कार्यों को किसी एक विभाग द्वारा ही सफल नहीं बनाया जा सकता इसमें सभी विभागों के समन्वय और जनमानस  की सहभागिता जरुरी है। साथ ही सर ने बेहतर भविष्य के लिए बताया कि स्कूलों के पाठ्यक्रम में भी एक अध्याय ट्रैफिक का सम्मिलित होना चाहिए, जिससे बच्चों को भी इसकी पूरी जानकारी अच्छे से हो ।

        सर ने सड़क दुर्घटना के सबसे बड़े कारणों Drunk & Drive, Over Loading, Over Speeding, Mobile पर बात करने तथा Stunt Biking के विरुद्ध कार्यवाही करने पर जोर दिया कहा कि अगर कोई ट्रैफिक पुलिसकर्मी इन पर कार्यवाही नहीं करता है तो उस पर कार्यवाही की जायेगी। साथ ही TRAFFIC EYE APP की जानकारी दी। अन्त में सर के द्वारा पुलिस तथा आमजनमानस से अपेक्षा, अनुरोध तथा अपील की गई कि उत्तराखण्ड और देहरादून को Traffic की दृष्टि से और सुरक्षित बनाना है तो हम सभी को मिल कर Traffic नियमों का पालन करना होगा।

        श्री योगेन्द्र सिंह रावत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक  देहरादून द्वारा मुख्य अतिथि पुलिस महानिदेशक महोदय व गणमान्य व्यक्तियों के साथ ही छात्र-छात्राओं का धन्यवाद देते हुए मुख्य अतिथि पुलिस महानिदेशक महोदय को फ्लैग ऑफ कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया।

        कार्यक्रम के अन्त में पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड महोदय द्वारा सड़क सुरक्षा रैली को हरी झण्डी दिखाते हुए रवाना कर कार्यक्रम का समापन किया गया।

        उक्त कार्यक्रम  अवसर पर मा0 मेयर देहरादून श्री सुनिय उनियाल गामा एवं श्री पी0वी0के0 प्रसाद अपर पुलिस महानिदेशक(पीएसी),श्री अभिनव कुमार ,अपर पुलिस महानिदेशक(प्रशासन), श्री अमित सिन्हा, पुलिस महानिरीक्षक(पी0एण्ड0एम0),श्री वी0मुरुगेशन पुलिस महानिरीक्षक(अ0 एवं का0),श्री संजय गुंज्याल पुलिस महानिरीक्षक (कुम्भ मेला) ,श्री ए0पी0अंशुमान पुलिस महानिरीक्षक(अभिसूचना), श्री पी0एस0रावत पुलिस महानिरीक्षक (अपराध एवं अनुसंधान), श्री पुष्पक ज्योती(कार्मिक) पुलिस मुख्यालय उत्तराखण्ड के अतिरिक्त अन्य उच्च पुलिस अधिकारीगण उपस्थित रहें।

 मोडिफॉईड साईलेंशर एवं प्रेशर हॉर्न पर चलाया गया रोडरोलर

मोडिफॉईड साईलेंशर एवं प्रेशर हॉर्न से ध्वनि प्रदूषण अधिक होता है जो सभी के लिए कष्टकारी है विशेषकर गर्भवती महिलाओं,बुर्जुगों एवं ह्रदय सम्बन्धी बीमारियों वालों के लिए घातक हो सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए यातायात निदेशालय द्वारा पूर्व में 03 जनवरी 2021 से 15 दिवस का अभीयान भी चलाया गया  था जिसमें 4736 वाहनों का चालान एवं 350 वाहनों को सीज किया गया है। मोडिफॉईड साईलेंशर/ प्रेशर हॉर्न  वालों के मोडिफॉईड साईलेंशर/प्रेशर हॉर्न को निकाला गया है ।

इन पर उक्त कार्यक्रम में रोडरोलर चलाया गया है इसका मुख्य उद्देश्य है कि भविष्य में इनका प्रयोग न करें क्योंकि यह किसी के जीवन के लिए घातक हो सकता है और यह प्राकृतिक जीवों पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है।

उक्त कार्यक्रम में FIRST AID का प्रर्दशन किया गया जिसमें यह दर्शाया गया किया घायल व्यक्ति की मदद कैसे कि जाए एवं उसकों कैसे प्राथमिक उपचार दिया जाता है ताकि गोल्डन ऑवर में उसकी जान को बचाया जा सकें।

कार्यक्रम में यातायात पुलिस के प्रदशनी लगायी गई जिसमें निम्न उपकरणों को दिखाया गया-

1.रडारगन

2.एल्कोमीटर

3.बाडी वार्न कैमरा

4.ई-चालान मशीन

5.नेक बैण्ड पीए सिस्टम

6.हैण्डगल्बस

7.हेलमेट

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