32 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

बच्चा गोद लेने के बारे में पूर्वोत्तर राज्यों के क्षेत्रीय सम्मेलन का शिलांग में उद्घाटन करती हुयीः श्रीमती मेनका गांधी

देश-विदेश

नई दिल्ली: केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी ने आज शिलांग, मेघालय में बच्‍चे को गोद लेने के संबंध में पूर्वात्‍तर राज्‍यों के क्षेत्रीय सम्‍मेलन का उद्घाटन किया। इस सम्मेलन का आयोजन केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की केन्द्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (सीएआरए) द्वारा किया गया। पूर्वोत्‍तर राज्‍यों- अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा के सामाजिक कल्‍याण, महिला और बाल विकास मंत्रालयों के प्रभारी मंत्रियों ने इस सम्‍मेलन में भाग लिया।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्रीमती मेनका संजय गांधी ने कहा कि बच्चे मनुष्य मात्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं इसलिये उनके मुद्दों पर सहानुभूतिपूर्वक ध्यान दिए जाने की जरूरत है। इसी कारण से नई सरकार के कार्यभार संभालने के बाद महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने दत्तक ग्रहण सुधारों के लिए सबसे पहले शुरूआत की। श्रीमती मेनका गांधी ने कहा कि इस सुधार प्रक्रिया का किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015 को तैयार करने में उपयोग किया गया है। नए अधिनियम में दत्तक ग्रहण के विभिन्न चरणों के लिए बाल कल्याण समितियों और दत्तक ग्रहण एजेंसियों के लिए समय-सीमा दी गई हैं। यह अधिनियम में बच्चों की देखभाल करने वाले संस्थानों के पंजीकरण और उनके सीएआरए के साथ जुड़ाव को अनिवार्य बनाने का प्रावधान है इससे प्रत्येक बच्चा गोद लेने योग्य बन जाता है। उन्होंने कहा कि इस कानून का अनुपालन न होने के मामले में कड़ा दंड दिए जाने का प्रावधान है। श्रीमती मेनका गांधी ने दत्तक ग्रहण एजेंसियों को बच्चों को तुरंत गोद लेने की स्थिति तक लाने का सुझाव दिया। एजेंसियों को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि बच्चों की मेडिकल रिपोर्ट और गृह अध्ययन रिपोर्ट पूरी करें और उन्हें व्यापक बनाए। उन्होंने गोद लेने के लिए अधिकतम आयु सीमा को पार कर चुके बच्चों के लिए पालक देखभाल की सुविधा का उपयोग करने की भी सलाह दी और उन्हें बच्चों की तस्करी के बारे में सतर्क रहने के लिए भी कहा।

श्रीमती मेनका गांधी ने महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने और उनके सशक्तिकरण के लिए विशेष महिला पुलिस स्वयंसेवी योजनाओं, सेल फोन में पैनिक बटन, जैसे उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने पूर्वोत्तर क्षेत्र की महिलाओं और अन्य महिला श्रम सहायता समूहों से उनके मंत्रालय की डिजिटल विपणन पोर्टल, और महिला ई-हाट का उपयोग करने का अनुरोध किया ताकि उनके सुंदर उत्पादों का विपणन हो और संभावित खरीदारों के साथ सीधा संपर्क स्थापित हो सके।

इस सम्‍मेलन में पूर्वोत्‍तर राज्‍यों में राज्‍य दत्‍तक ग्रहण संसाधन एजेंसियों (सारा), जिला बाल संरक्षण इकाइयों, बाल कल्‍याण समितियों, विशेष दत्‍तक ग्रहण एजेंसियों, बाल देखभाल संस्‍थानों के हितधारकों तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, केंद्रीय दत्‍तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण और इस क्षेत्र की राज्‍य सरकारों के संबंधित विभागों के वरिष्‍ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

इस सम्‍मेलन का आयोजन किशोर न्‍याय (बच्‍चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम-2015 के अधीन बच्‍चे गोद लेने से संबंधित प्रावधानों के बारे में पूर्वोत्‍तर राज्‍यों में दत्‍तक ग्रहण कार्यक्रम से हितधारकों को परिचित कराने, दत्‍तक ग्रहण दिशानिर्देश -2015 के प्रावधानों के साथ-साथ बच्‍चा गोद लेने की संसाधन सूचना एवं मार्गदर्शन प्रणाली के माध्‍यम से ऑन लाइन बच्‍चा गोद लेने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी देने के बारे में किया गया है।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More