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आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर एशियाई मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (एएमसीडीआरआर) में गृह राज्‍य मंत्री श्री किरेन रिजीजू का स्‍वागत भाषण

देश-विदेश

नई दिल्ली: गृह राज्‍य मंत्री श्री किरेन रिजीजू द्वारा आज यहां आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर एशियाई मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (एएमसीडीआरआर) -2016 में दिए गए स्‍वागत भाषण का मूल पाठ निम्‍नलिखित है-

‘सरकार और भारत के लोगों की ओर से मैं सभी गणमान्‍य प्रति‍निधिमंडलों और प्रतिनिधियों का स्‍वागत करता हूं। 2015 में सेंडाइ, जापान में आपदा जोखिम न्‍यूनीकरण पर विश्‍व सम्‍मेलन में 187 देशों द्वारा आपदा जोखिम न्‍यूनीकरण के लिए सेंडाइ फ्रेमवर्क (2015-2030) अपनाने के बाद आपदा जोखिम न्‍यूनीकरण पर पहले एशियाई मंत्रिस्‍तरीय सम्‍मेलन की मेजबानी करना भारत सरकार के लिए सम्‍मान और सौभाग्‍य की बात है। आपदा जोखिम न्‍यूनीकरण पर एशियाई मंत्रिस्‍तरीय सम्‍मेलन 2016 एशिया में सेंडाइ फ्रेमवर्क के कार्यान्‍वयन और निगरानी को आकार देने का आसाधारण अवसर होगा।

इस सम्‍मेलन को आयोजित करने में लगातार सहयोग देने के लिए भारत सरकार की ओर से मैं संयुक्‍त राष्‍ट्र आपदा जोखिम न्‍यूनीकरण कार्यालय का धन्‍यवाद करता हूं और आपदा जोखिम को कम करने में भारत के प्रयासों को स्‍वीकारने तथा एशिया क्षेत्र के लिए मुझे आपदा जोखिम न्‍यूनीकरण (डीआरआर) चैंपियन नियुक्‍त करने के लिए आभार व्‍यक्‍त करता हूं। पिछले कुछ दशकों में एशिया-प्रशांत क्षेत्रों में घातक आपदाएं बढ़ी है। इनसे अक्‍सर विकास के लक्ष्‍य हासिल करने में बाधा उत्‍पन्‍न होती है। सबसे बुरा प्रभाव कमजोर और वंचित लोगों पर पड़ता है। वैश्विक जनसंख्‍या में बढ़ोतरी, आधुनिकीकरण और सामाजिक-आर्थिक गतिविधियां बढ़ने के कारण प्राकृतिक आपदाओं का बुरा प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। 1970 से आपदाओं की वजह से दस गुना नुकसान हुआ है।

सेंडाइ फ्रेमवर्क एक प्रगतिशील फ्रेमवर्क है और इस महत्‍वपूर्ण फ्रेमवर्क का उद्देश्‍य 2030 तक आपदाओं के कारण होने वाले महत्‍वपूर्ण बुनियादी ढांचे के नुकसान और प्रभावित लोगों की संख्‍या को कम करना है। राष्‍ट्रीय और स्‍थानीय स्‍तर पर सेंडाइ फ्रेमवर्क के सफल कार्यान्‍वयन के लिए इसके मार्गदर्शक सिद्धांतों और सात वैश्विक लक्ष्‍यों पर ध्‍यान देना महत्‍वपूर्ण है। देशों के लिए सात वैश्विक लक्ष्‍य हासिल करने के कार्यों को प्राथमिकता देने के साथ ही मार्गदर्शक सिद्धांतों को अपनाना आवश्‍यक होगा। इससे सभी सरकारों और हितधारकों के साथ सहयोग कर सभी स्‍तर पर सेंडाइ फ्रेमवर्क के प्रभावी और त्‍वरित कार्यान्‍वयन के लिए माहौल बनाने में मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के सक्षम मार्गदर्शन में राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना बनाने वाला भारत पहला देश है। राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना में हमारा प्रयास सभी हितधारकों के साथ मिलकर देश में लचीले तौर-तरीके अपनाना है। हमारा विश्‍वास है कि इस प्रयास में जहां सरकारों की केन्‍द्रीय भूमिका होगी, वहीं सिविल सोसाएटी संगठनों, व्‍यावसायिक निकायों, वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी संस्‍थानों तथा निजी क्षेत्र की महत्‍वपूर्ण भूमिका होगी। हमें इस मुद्दे पर आपदा प्रबंधन से आगे बढ़कर आपदा जोखिम प्रबंधन का रुख अपनाने और इसे एक विकास शासन के रूप में देखने की आवश्‍यकता है। यह सम्‍मेलन आपदा की स्थिति में प्रभावी प्रतिक्रिया के लिए तैयार रहने और जोखिम प्रबंधन के प्रयासों को आकार देने तथा आपदा से उबरने, पुनर्वास और पुनर्निमाण में ‘दोबारा बेहतर निर्माण’ के लिए आसाधारण अवसर होगा। यह सम्‍मेलन उपयोगी जानकारी और विचार साझा करने के साथ ही सभी हितधारकों के बीच सार्थक समन्‍वय स्‍थापित करने का भी एक मंच होगा। मैं सभी हितधारकों से आपदा के जोखिम को कम करने के लिए विचार-विमर्श करने और मिलकर काम करने तथा एशियाई क्षेत्र को सतत विकास के लिए सुरक्षित स्‍थान बनाने का आग्रह करता हूं।

मैं एक बार फिर आप सभी का भारत में स्‍वागत करता हूं और इस सम्‍मेलन की सफलता की कामना करता हूं।’

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