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अर्जुन मुंडा ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मुंबई में “ट्राइब्स इंडिया शोरूम” का ई-शुभारम्भ किया

देश-विदेश

नई दिल्ली: केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आज इंडियन ग्लोब चैम्बर्स के एलआईसी वेस्टर्न जोनल ऑफिस, फोर्ट, मुंबई में एक ‘ट्राइब्स इंडिया शोरूम’ का ई-शुभारम्भ किया। इस उद्घाटन समारोह में एमओटीए सचिव श्री दीपक खांडेकर, ट्राइफेड चेयरमैन श्री आर. सी. मीणा और ट्राइफेड एमडी श्री प्रवीर कृष्णा उपस्थित रहे। इस वर्चुअल शुभारम्भ में जानी-मानी डिजाइनर रूमा देवी और फिल्म अभिनेत्री पूजा बत्रा ने भी भाग लिया।

इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री अर्जुन मुंडा ने कहा, “हम 50 लाख आदिवासी कारीगरों और वनवासियों की आय, रोजगार और आजीविका को बनाए रखने के लिए उनके पीछे दृढ़ता से खड़े हैं।”

अपने मंत्रालय के दृढ़ संकल्प और ट्राइफेड के आदिवासियों को समर्थन देने की दिशा में ठोस प्रयासों पर विचार रखते हुए श्री मुंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री के ‘स्थानीय के लिए मुखर बनो’ (बी वोकल फॉर लोकल) को बढ़ावा देने और विपणन के माद्यम से आदिवासी लोगों की आजीविका को प्रोत्साहन देने के संदेश के चलते ट्राइफेड, जनजातीय कार्य मंत्रालय ने ऐसी उल्लेखनीय पहल की हैं, जिनका व्यापक प्रभाव होगा। ऐसे मुश्किल दौर में बिक्री बढ़ाने और आदिवासियों की आय में सुधार के उद्देश्य से ट्राइब्स इंडिया ऑन व्हील्स- मोबाइल वैन्स का शुभारम्भ किया गया है, जो वन धन प्राकृतिक उत्पाद, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले उत्पादों और अन्य आदिवासी उत्पादों से भरी होंगी। ये वैन इन उत्पादों को देश के 150 शहरों में सीधे ग्राहकों के दरवाजे तक ले जाएंगी।

श्री मुंडा ने चमक-धमक भरे शहर और देश की वित्तीय राजधानी मुंबई में इस प्रमुख स्टोर में आकर्षक रूप में आदिवासी कलाओं और चरित्र के प्रदर्शन पर भी खुशी व्यक्त की। ट्राइफेड योद्धाओं के दल के अथक प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने आशा व्यक्त की कि इन कारीगरों और समुदायों के हस्तशिल्पों को अब एक बड़ा बाजार मिलेगा, जो निश्चित रूप से दिल से बनाए गए हैं।

उन्होंने कहा कि वर्तमान बुनियादी ढांचे को प्रोत्साहन देने के लिए ट्राइफूड परियोजना के तहत एमओएफपीआई और एनएसटीएफडीसी के सहयोग से अल्प वन उपज के प्रसंस्करण के लिए जगदलपुर (छत्तीसगढ़) और रायगढ़ (महाराष्ट्र) में दो उत्पादन केन्द्रों की स्थापना की जा रही है। इससे हजारों आदिवासियों को रोजगार मिलेंगे।

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फोर्ट जैसे प्रतिष्ठित क्षेत्र में स्थित ट्राइब्स इंडिया आउटलेट मुंबई शहर में तीसरा ऐसा आउटलेट है; पनवेल और जुहू में पहले से दो आउटलेट हैं। इंडियन ग्लोब चैम्बर्स, डी एन रोड, फोर्ट, मुंबई में नव निर्मित आउटलेट देश का 122वां ट्राइब्स इंडिया आउटलेट है। स्टोर में 27 भारतीय राज्यों के कला और शिल्प उत्पाद रखे होने के साथ ही यह ऐसा पहला स्टोर है, जिसमें वन धन वस्तुओं और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले उत्पादों पर ध्यान केन्द्रित किया गया है, जो इस महामारी के दौर में आवश्यक उत्पाद हैं।

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इस अवसर पर, श्री दीपक खांडेकर ने महामारी के इस दौर में ट्राइफेड के पूरे दल को उनके गंभीर प्रयासों के लिए बधाई दी और मंत्रालय के “स्थानीय के लिए मुखर बनो” के संकल्प को दोहराया।

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प्रतिष्ठित डिजाइनर और ट्राइब्स इंडिया की गुडविल एम्बेस्डर सुश्री रूमा देवी ने भी लॉकडाउन के दौरान ट्राइफेड द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की, जिससे आदिवासी कारीगरों को सहायता मिली और उन्होंने अपनी तरफ से हर संभव सहयोग व समर्थन की पेशकश की।

इससे पहले, स्वागत भाषण में श्री प्रवीर कृष्णा ने फोर्ट आउटलेट के औपचारिक वर्चुअल शुभारम्भ के अवसर पर उपस्थिति के लिए केन्द्रीय मंत्री को धन्यवाद दिया। आदिवासियों के कल्याण के उद्देश्य से केन्द्रीय मंत्री के निरंतर सहयोग को स्वीकार करते हुए उन्होंने महामारी के दौर में ट्राइफेड की उल्लेखनीय पहलों पर बात करते हुए कहा कि इससे पीड़ित आदिवासियों को अपनी आय एवं आजीविका में सुधार में सहायता मिली है।

अचानक महामारी का प्रकोप और तुरंत लॉकडाउन की घोषणा के चलते जनजातीय कारीगरों के करोड़ों रुपये के शिल्प उत्पाद बिना बिके रह गए। आदिवासी कारीगरों के इन उत्पादों की बिक्री सुनिश्चित करने के क्रम में ट्राइफेड ने अपने प्रयास तीन गुने कर दिए और अपनी टाइब्स इंडिया वेबसाइट (www.tribesindia.com) तथा अमेजन, फ्लिपकार्ट व जीईएम जैसे अन्य रिटेल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से इन सामानों की बिक्री के लिए आक्रामक अभियान का शुभारम्भ किया। इसके साथ ही ग्राहकों को उनके घर तक जंगली शहद, जैविक हल्दी, आंवला, अदरख, काली मिर्च जैसे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले व स्वास्थ्य वर्धक प्राकृतिक आदिवासी उत्पाद उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 19 अगस्त, 2020 से एक नई मोबाइल वैन सेवा ट्राइब्स इंडिया ऑन व्हील्स का शुभारम्भ किया गया। यह वैन सेवा अब देश के 31 शहरों में परिचालन में आ चुकी है।

इसके अलावा ट्राइफेड जल्द ही आदिवासी उत्पादकों- वनवासियों और कारीगरों के लिए एक विशेष ई- मार्केटप्लेस का शुभारम्भ करने जा रहा है, जिससे एमएफपी, हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पाद ऑनलाइन खरीदे जा सकेंगे। ट्राइब्स इंडिया ई-मार्ट प्लेटफॉर्म एक ई-मार्केटप्लेस पर अपनी ई-शॉप के माध्यम से बड़े राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों को अपने सामान बेचने के उद्देश्य से जनजातियों के लिए एक ओम्नी- चैनल फैसिलिटी के रूप में काम करेगा। ट्राइफेड अपने साथ देश भर के लगभग 5 लाख जनजातीय उत्पादकों और अपने प्राकृतिक उत्पाद, दस्तकारी उत्पादों को जोड़ने की प्रक्रिया में हैं।

देश भर में कमजोर आदिवासी लोगों को सशक्त बनाने के लिए उनके समुदायों (विपणन और उनके कौशल में सुधार के माध्यम से) के आर्थिक कल्याण को प्रोत्साहन के द्वारा सशक्त बनाने के अभियान के तहत जनजातीय कल्याण के लिए एक राष्ट्रीय नोडर एजेंसी के रूप में ट्राइफेड ने अपने ट्राइब्स इंडिया नाम के खुदरा आउटलेट के नेटवर्क के माध्यम से आदिवासी कला और शिल्प की खरीद व विपणन शुरू किया है। 1999 में 9, महादेव मार्ग, नई दिल्ली में शुरू हुए पहले फ्लैगशिप स्टोर से अब भारत भर में 122 खुदरा आउटलेट हो चुके हैं।

इन नई और निरंतर पहलों के साथ ट्राइब्स इंडिया/ ट्राइफेड, जनजातीय कार्य मंत्रालय देश भर में आदिवासी समुदायों की रक्षा और हितों को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है।

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