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फोटोग्राफर विश्व के सामने कुम्भ के अद्भुत दृश्य अपने कैमरों में कैद कर प्रस्तुत कर सकते हैं: मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने सरकारी आवास से कुम्भ दर्शन हेरिटेज एण्ड फोटोग्राफी ट्रेल बस को प्रयागराज के लिए झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यद्यपि कुम्भ का आयोजन तीर्थाटन के लिए किया जाता है, लेकिन इस कुम्भ के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देने के दृष्टिगत राज्य सरकार ने पिछले डेढ़ वर्ष से तैयारियां की हैं। इस दौरान कुम्भ क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं जैसे-सेतुओं, आर0ओ0बी0 निर्माण, सड़क चैड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण, इत्यादि का लगातार विकास किया गया, ताकि मेला क्षेत्र आने वाले श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रयागराज कुम्भ-2019 के दौरान मेला क्षेत्र में लगभग दोगुनी वृद्धि हुई है और अब इसका विस्तार 3200 हेक्टेयर क्षेत्र में है। इससे श्रद्धालुओं को आने-जाने, ठहरने में काफी सुविधा होगी। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था 5 किलोमीटर के दायरे में की गयी है, ताकि उन्हें सामान के साथ ज्यादा दूरी पैदल तय न करनी पड़े। मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सड़क मार्गाें का विकास किया गया है और बड़ी संख्या में शटल बसों और ई-रिक्शा की व्यवस्था की गयी है, ताकि उन्हें कोई कठिनाई न हो। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के दृष्टिगत मेला क्षेत्र में एक इण्टीग्रेटेड कमाण्ड सेण्टर भी स्थापित किया गया है। श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत न हो इसके दृष्टिगत मेला क्षेत्र में 1.22 लाख शौचालयों को स्थापित किया गया है। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के दृष्टिगत इस कुम्भ में स्वच्छता पर विशेष बल दिया गया है, ताकि श्रद्धालुओं को कुम्भ में निर्मल अनुभव हो।

मुख्यमंत्री जी ने बताया कि श्रद्धालुओं को इस कुम्भ में 450 वर्षाें के बाद अक्षयवट के दर्शन हो सकेंगे। इसके अलावा, उनके दर्शनार्थ सरस्वती कूप को भी खोल दिया गया है। श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए रैन बसेरों की पर्याप्त संख्या में व्यवस्था की गयी है। राज्य सरकार के प्रयासों से इस कुम्भ में गंगा जी और यमुना जी में पर्याप्त मात्रा में निर्मल जल की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है, ताकि उन्हें स्नान हेतु स्वच्छ और निर्मल जल प्रचुर मात्रा में मिले। इसके अलावा, प्रयागराज की सड़क, रेल तथा हवाई कनेक्टिविटी बेहतर की गयी है, जिससे श्रद्धालुओं को प्रयागराज पहुंचने में कोई असुविधा न हो। आगामी 26 जनवरी से गंगा जी में क्रूज की सुविधा भी मिलने लगेगी।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कुम्भ में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं है। यह एक स्वतः स्फूर्त जनसमागम है। 70 देशों के राजदूतों ने यहां आकर कुम्भ के आयोजन की तैयारियों को देखा तथा उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े संगम का दर्शन किया। प्रधानमंत्री जी के प्रयासों से ही यूनेस्को द्वारा कुम्भ को ‘मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत’ की विश्व धरोहर के रूप में मान्यता मिली है। यह भारत के गौरव एवं आस्था को बढ़ाता है। प्रधानमंत्री जी के मार्ग-दर्शन एवं दिशा-निर्देशन में यह भव्य कुम्भ आयोजित हो रहा है। कुम्भ मेला क्षेत्र में 71 देशों ने अपने ध्वज स्थापित किये हैं। भारत के लगभग 6 लाख गांवों से करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु कुम्भ मेले में आएंगे।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ‘पेंट माई सिटी’ के माध्यम से पूरे प्रयागराज में भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित करते हुए चित्रों को बनाया गया है, जिनकी छटा निराली है। प्रयागराज कुम्भ-2019 के माध्यम से परम्परागत आस्था को सम्मान देते हुए पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है।

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