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सरकार के चार वर्ष पूर्ण होने होने के उपलक्ष्य में प्रकाशित ‘‘4 वर्ष की यात्रा अखण्ड….आगे बढ़ता उत्तराखण्ड’’ का विमोचन करते हुए: मुख्यमंत्री श्री रावत

उत्तराखंड
देहरादून: सरकार की सफलता के लिए जनसमर्थन व जनसंवाद आवश्यक है। इसमें सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक व मीडिया से जुड़े लोगों की

महत्वपूर्ण भूमिका होती है। हमारी कोशिश है कि उत्तराखण्ड सबकी परवाह करने वाले राज्य के तौर पर दिखे। सरकार के मूल्यांकन में विकास कार्यों के साथ ही इसका मूल्यांकन भी किया जाना चाहिए कि दूर छोर पर खड़े  गरीब व्यक्ति तक सरकार कितना पहुंच पाई है। न्यू कैंट रोड़ स्थित मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम में राज्य सरकार के चार वर्ष पूर्ण होने के अवसर सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग द्वारा प्रकाशित विकास पुस्तिका ‘‘ 4 वर्ष की यात्रा अखण्ड……..आगे बढ़ता उत्तराखण्ड’’ का विमोचन करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि प्रारम्भ से ही हमारी सरकार की नीतियों का केंद्र बिंदु आम व्यक्ति रहा है। हमने समावेशी विकास की दिशा में मजबूती के साथ कदम बढ़ाए हैं।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने राज्य की जनता, सामाजिक, सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं, प्रबुद्धजनों, विभिन्न राजनीतिक दलों, अपनी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व, पार्टी कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, पार्टी के प्रदेश सह प्रभारी संजय कपूर को पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने राज्य के विकास में सहयोग के लिए शासन-प्रशासन का भी आभार व्यक्त किया। इसके लिए उन्होंने मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह को भी पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया।
 मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि  पिछले तीन वर्षों की भांति इस वर्ष भी हमारे बजट का बड़ा हिस्सा वंचित, पिछड़े, गरीब, दलित, अल्पसंख्यक व जरूरतमंद तबके को समर्पित किया गया है।  सामाजिक सुरक्षा पर बल देने का ही परिणाम है कि 2012 में जहां केवल   1.75 लाख  व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा की पेंशनें मिल रही थीं वहीं अब यह संख्या बढ़कर 6.5 लाख हो गई है। इस वर्ष के बजट के क्रियान्वयन के बाद इसमें 1 लाख का इजाफा और हो जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने राज्य के शानदार बजट के लिए वित्त मंत्री डा. (श्रीमती) इंदिरा हृद्येश को बधाई देते हुए कहा कि बजट में सभी वर्गों का पूरा ध्यान रखा गया है। ज्यों-ज्यों हमारे संसाधन बढ़ते जाएंगे, हम वंचित वर्गों के लिए और अधिक सहायता देंगें। हमारी कोशिश है कि हमारी सहायता उस व्यक्ति तक पहुंच सके जो कि दूर गांव में अपने व अपने बच्चों के सुनहरे भविष्य की आश लगाए बैठा है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हम अपने प्रत्येक कार्यक्रम का मूल्यांकन इस आधार पर भी करते हैं कि इनसे कितने रोजगार के अवसर उत्पन्न कर रहे हैं। इसीलिए ‘‘राजीव गांधी अभिनव प्रशिक्षण कार्यक्रम’’ प्रारम्भ किया जा रहा है। ड्रापआउट बच्चों के लिए स्किल डेवलपमेंट की व्यवस्था की जा रही है। जब ग्रोथ रेट ऊंची होगी, रोजगार के अवसर स्वतः ही उत्पन्न होंगे। इसीलिए हमने पिछले वर्षों के दौरान  न केवल ऊंची ग्रोथ रेट को बनाए रखा है बल्कि इसमें बढ़ोतरी भी की है। 2011-12 में हमारी प्रति व्यक्ति आय 78 हजार रूपए थी जो कि अब बढ़कर 1 लाख 55 हजार रूपए से ज्यादा हो गई है। हमने विषमताओं को भी दूर करने का प्रयास किया है। इन चार वर्षों में नीतियों के क्रियान्वयन का जमीन पर असर दिखाई देने लग गया है। बागेश्वर में प्रति व्यक्ति आय में सर्वाधिक वृद्धि हुई है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमारी कोशिश है कि उत्तराखण्ड की सामूहिक खुशबू के रूप में हम आगे बढ़ें। हम सौभाग्यशाली हैं कि सामाजिक समरसता हमारे राज्य में सर्वाधिक है। देश व राज्य की तरक्की सौहार्द्र होने पर ही हो सकती है। हम राज्य के सामाजिक व सांस्कृतिक समन्वय को और मजबूती देने का प्रयास कर रहे हैं। हमारी कोशिश है कि उŸाराखण्ड सबकी परवाह करने वाले राज्य के तौर पर दिखे। राज्य निर्माण के बाद बहुत सी चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा। वर्ष 2013 मे सबसे गम्भीर चुनौती सामने आई। उत्तराखण्डवासियों की संकल्पशक्ति से हमने इस चुनौती का बखूबी सामना किया। अर्धकुम्भ के अतिरिक्त पूरे प्रदेश में पिछले एक वर्ष के दौरान 1 करोड़ यात्री व पर्यटक उत्तराखण्ड में आए। चारधाम यात्रा पर 10 लाख से अधिक श्रद्धालु आए। सुरक्षित उत्तराखण्ड का संदेश देश विदेश में गया है। तिरूपति की तर्ज पर अपनी मौलिक विशेषताओं को कायम रखते हुए केदारनाथ का सुनियोजित विकास किया जा रहा है। वहां माइनस 6 डिग्री तापमान पर भी काम किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि आज खेती में स्वस्थ लक्षण देखने को मिल रहे हैं। 4 जिलों में कृषि की वृद्धि दर काफी उत्साहवर्धक है। पर्वतीय क्षेत्रों में भी खेती में हलचल प्रारम्भ हुई है। किसी भी राज्य के  विकास में केंद्र सरकार का सहयोग जरूरी होता है। हम अपनी योजनाओं का केंद्र की योजनाओं से समन्वय स्थापित कर रहे हैं। बल्कि हम केंद्र की योजनाओं में कुछ जोड़ ही रहे हैं। जैसे कृषक बीमा योजना में किसानों द्वारा देय प्रीमियम का 50 प्रतिशत राशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। इसी प्रकार प्रधानमंत्री जनधन योजना में राज्य में लाभार्थी द्वारा दिए जाने वाले प्रीमियम का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया गया।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य आगे बढ़ेंगे तभी देश आगे बढ़ेगा। हमारी मत भिन्नताएं हो सकती हैं परंतु प्रदेश हित में हम भिन्न नहीं हो सकते हैं। यदि कोई सुविधा राज्य से वापिस ले ली जाती है तो उसे पुनः प्रारम्भ करवाना बहुत मुश्किल होगा। 14 वें वित्त आयोग की संस्तुतियों के बाद उत्तराखण्ड एकमात्र राज्य है जिसे नुकसान हुआ है। राज्य के हितों को बनाए के लिए हमारी सामूहिक आवाज होनी चाहिए। हम अपने राज्य में ग्रीन बोनस व वाटर बोनस दे रहे हैं। 50 हजार किसान दुग्ध बोनस से लाभान्वित हुए हैं।  इससे प्रदेश में दूध उत्पादन में 15 प्रतिशत वृद्धि हुई है। हमारी शक्ति हमारा हिमालय हमारे जंगल व हमारी नदियां हैं। उत्तराखण्ड जितना ग्रीन रहेगा उतना ही हमारी ताकत बढ़ेगी। हम ग्रीन पावर के साथ वाटर पावर भी होंगे। इसके लिए जलाशय विकसित करने व जल संरक्षण की योजना पर काम किया जा रहा है। इस वर्ष हम 500 नई सड़कों पर काम प्रारम्भ करने जा रहे हैं। विकासशील अर्थव्यवस्था में संसाधन जुटाने होते हैं। इसके लिए उधार भी लेना होता है और निजी पूंजी को भी अपने साथ जोड़ना होता है। हमें निजी पूंजी को आकर्षित करने के लिए एक फ्रेंडली डेस्टीनेशन के रूप में दिखना होगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि शहरों में हमें अधिक चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इंट्रा स्टेट व इंटर स्टेट माइग्रेशन से शहरों में जुटाई जा रही सुविधाएं कम पड़ती जा रही हैं। हमें सुविधाएं जुटानें व नए कस्बों का विकास करने के लिए अपनी भूमि के इक्वीटी के रूप में उपयोग की नीति बनानी होगी। तमाम दूसरे राज्यों में ऐसा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि विकास के डेमोके्रटिक सेटअप में घोषणाओं का महत्व होता है। आज मंडुवा की कीमत में जो बढ़ोतरी हुई है, केदारनाथ में चमत्कारिक परिवर्तन हुआ है, 200 से ज्यादा स्कूलों को अनुदान सूची में लिया गया, 6.5 लाख तक सामाजिक पेंशनें दी जा रही है, उनमें घोषणाओं का योगदान है। 75 प्रतिशत से अधिक घोषणाओं अमलीजामा पहना दिया गया है या फिर इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि मातृशक्ति हमारी ताकत है। जन्म से लेकर वृद्धावस्था तक उम्र के हर पड़ाव पर हम किसी न किसी योजना को लेकर मातृशक्ति के सहयोग के लिए खड़े हैं। जिन दम्पत्तियों के लगातार दो लड़कियां होंगी, उनका सार्वजनिक अभिनंदन किया जाएगा। हमने नागरिक सुविधाएं जुटाने व सुशासन के लिए सभी विभागों को व्यवस्थित किया है। जिला योजना में लगभग 100 प्रतिशत राशि का उपयोग किया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग में 2007 में जहां केवल 450 करोड़़ का बजट था , वह अब लगभग 2400 करोड़ का हो गया है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हम अपनी उपलब्धियों को कम करके आंकते हैं। हाल ही में एक प्रतिष्ठित संस्था ने अपने सर्वे में उत्तराखण्ड को लीस्ट करेप्ट स्टेट के तौर पाया है। साथ ही ईज डूईंग बिजनेस में राज्य का 8 वां स्थान रहा है। उत्तराखण्ड आज निरंतर आगे बढ़ रहा है। बिना वजह घपलों के आरोपों से सिस्टम द्वारा निर्णय लेने की क्षमता में कमी आती है। हमने एंटी करेप्शन सेल को सक्रिय किया है। परंतु बिना तथ्यों के आरोप प्रत्यारोप से राज्य का ही अहित होता है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हम अपने पूर्व सैनिकों, स्वतंत्रता संग्राम सैनिकों व राज्य निर्माण आंदोलनकारियों के लिए काफी कुछ करने का प्रयास कर रहे हैं।

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