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मुख्यमंत्री ने के0जी0एम0यू0 की लगभग 300 करोड़ रु0 की 35 परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि राज्य में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य की सर्वसुलभ

सुविधा के लिए गम्भीरता से काम किया जा रहा है। चिकित्सकों की संख्या बढ़ाने के लिए जहां नये राजकीय मेडिकल काॅलेजांे की स्थापना की जा रही है, वहीं प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए नये संस्थानों की स्थापना के साथ-साथ पुराने संस्थानों की क्षमता बढ़ायी जा रही है। किंग जाॅर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (के0जी0एम0यू0) को देश एवं दुनिया का बेहतरीन चिकित्सा विश्वविद्यालय बताते हुए उन्होंने कहा कि इसका एक गौरवशाली इतिहास है। यहां से निकले चिकित्सक पूरी दुनिया में संस्थान का नाम रौशन कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री आज यहां साइंटिफिक कनवेंशन सेण्टर में किंग जाॅर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (के0जी0एम0यू0) की लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत की 35 परियोजनाओं के शिलान्यास एवं लोकार्पण के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
श्री यादव द्वारा जिन महत्वपूर्ण परियोजनाआंे का शिलान्यास किया गया उनमें लगभग 105 करोड़ रुपये की लागत से किए जाने वाले कार्डियोलाॅजी वाॅर्ड का विस्तार प्रमुख है। ज्ञातव्य है कि कार्डियोलाॅजी विभाग के भवन का विस्तार पूरा हो जाने पर विभाग में 100 बेड की बढ़ोत्तरी हो जाएगी। कार्डियोलाॅजी विभाग की सेवाओं को साल के सभी दिन 24 घण्टे (24ग्7ग्365) मुहैया कराने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा भवन के विस्तार कार्य का शिलान्यास किया गया। इसके साथ ही, बर्न यूनिट एवं आॅर्गन ट्रांसप्लाण्ट आई0सी0यू0 का भी शिलान्यास किया गया। लोकार्पित की जाने वाली परियोजनाओं में रायबरेली रोड स्थित ट्राॅमा सेण्टर-2 के साथ-साथ इलेक्ट्राॅन माइक्रोस्कोपी, लीनियर एक्सेलरेटर एवं मेमोग्राफी मशीन भी शामिल है।
मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में यह भी कहा कि इस चिकित्सा विश्वविद्यालय में बड़ी संख्या में लोग इलाज के लिए आते हैं। इसलिए राज्य सरकार यहां विश्वस्तरीय सुविधाएं एवं उपकरण उपलब्ध कराने के लिए धन की कमी नहीं होेने देगी और हर जरूरी सहयोग प्रदान किया जाएगा। यहां आने वाले मरीजों में हृदय रोग से पीडि़त मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इसलिए यहां की जरूरतों को देखते हुए काॅर्डियोलाॅजी विभाग के भवन विस्तार का शिलान्यास किया गया है। उन्होंने कहा कि काॅर्डियोलाॅजी विभाग में प्रत्येक जरूरी सुविधाएं शीघ्र उपलब्ध कराने के लिए इस भवन को टर्न-की बेसिस पर बनाया जाएगा, जिससे सारे कार्याें को पूरा करने हेतु एक ही संस्था की जिम्मेदारी निर्धारित की जा सके। उन्होंने भरोसा जताया कि विश्वविद्यालय में आने वाले मरीजों के साथ अच्छा व्यवहार किया जाएगा, जिससे लोगों में संस्था के प्रति भरोसा पैदा हो और मरीज महसूस कर सके कि यहां उन्हें बेहतर इलाज उपलब्ध होगा।
श्री यादव ने कहा कि आजादी के इतने वर्षाें बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सकों की उपस्थिति सोचनीय बनी हुई है। हम सभी को मिलकर इस समस्या के समाधान के लिए प्रयास करना होगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी एवं विश्वसनीय चिकित्सा सुविधा मिल सके। उन्होंने कहा कि विगत चार वर्षाें में राज्य सरकार ने न केवल ऐतिहासिक फैसले लेकर उन्हें जमीन पर उतारने का काम किया है, बल्कि गांव एवं गरीब तक पहुंचने का प्रयास भी किया गया है।
चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में वर्तमान राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्याें का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा विभाग राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप योजनाओं को तेजी से अंजाम देने का काम कर रहा है। जहां राजकीय मेडिकल काॅलेजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई वहीं एम0बी0बी0एस0 की सीटों में भी भारी इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि मेडिकल काउंसिल आॅफ इण्डिया को संतुष्ट करते हुए इन परियोजनाओं को आगे बढ़ाना मामूली कार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि पूर्व राज्य सरकार द्वारा इस क्षेत्र में कोई कार्य नहीं किया गया। राजकीय मेडिकल काॅलेजों की स्थापना गम्भीरता से प्रयास आदरणीय नेताजी द्वारा शुरू किया गया था। जिसे वर्तमान राज्य सरकार ने बढ़ाकर प्रदेश में मेडिकल काॅलेजों की संख्या दोगुनी करने का काम किया है।
पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करने एवं सेहत के लिए फायदेमन्द सवारी साइकिल का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सैफई देश का पहला गांव होगा जहां सुरक्षित एवं आरामदायक साइकिल सवारी के लिए साइकिल ट्रैक बनाया जा रहा है। इसी प्रकार लखनऊ सहित तमाम अन्य शहरों में भी साइकिल ट्रैक बनाए जा रहे हैं। उन्होंने के0जी0एम0यू0 में साइकिल ट्रैक के लिए किए गए शिलान्यास की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार आगरा से लायन सफारी, इटावा तक साइकिल हाईवे का निर्माण कराने जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने विश्वस्तरीय बुनियादी सुविधाओं के निर्माण के लिए जिस पैमाने पर प्रयास किया है, वह अन्य सरकारों के लिए एक उदाहरण है। लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि देश का यह सबसे तेजी से बनने वाला मेट्रो है। इसी प्रकार आगरा से लखनऊ के लिए बनने वाले एक्सप्रेस-वे का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इसी वर्ष अक्टूबर-नवम्बर से इस एक्सप्रेस-वे पर वाहन चलने लगेंगे। उन्होंने कहा कि हम सभी को मिलकर गांव एवं गरीबों के जीवनस्तर में सुधार के लिए संयुक्त प्रयास करना होगा। उन्होंने इस चिकित्सा विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान का आश्वासन देते हुए कहा कि उनकी मांगों पर शीघ्र निर्णय लिया जाएगा।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रवि कान्त ने उपस्थित लोगों का स्वागत करते हुए कहा कि के0जी0एम0यू0 में मरीजों  को सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए गम्भीरता से काम किया जा रहा है। इस वर्ष मेडिकल काउंसिल आॅफ इण्डिया ने विश्वविद्यालय के लिए 250 एम0बी0बी0एस0 की सीटों की अनुमति प्रदान की है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में सुपर स्पेशियलिटी की सुविधा देने के लिए सभी विभागों में आवश्यकतानुसार स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू की जा रही है।
इससे पूर्व, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री अनूप चन्द्र पाण्डेय ने कहा कि पिछले चार वर्षांे में मुख्यमंत्री के प्रयासों से चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में एक खामोश क्रांति को अंजाम दिया जा रहा है। देश की आजादी से लेकर वर्ष 2012 तक जहां राज्य में एम0बी0बी0एस0 की 1140 सीटे थी, वहीं इस वर्ष इनकी संख्या बढ़कर 1740 हो गई है, जो कि आगामी वर्षाें में 03 हजार से अधिक हो जाएंगी। इस वर्ष के बजट में 11 राजकीय मेडिकल काॅलेजों के निर्माण के लिए आवश्यक धनराशि का प्राविधान किया गया है। इसी प्रकार एम0डी0/एम0एस0 की वर्तमान 603 सीटों की संख्या इस वर्ष के अन्त तक बढ़कर करीब 01 हजार हो जाएगी। पैरामेडिकल स्टाफ की उपलब्धता बढ़ाने के लिए भी काम किया जा रहा है। अगले वर्ष से करीब 15 हजार पैरामेडिकल कर्मी उपलब्ध होेने लगेंगे। उन्होंने कहा कि गत वित्तीय वर्ष में चिकित्सा शिक्षा विभाग के लिए जहां 1600 करोड़ रुपये का बजट प्राविधान किया गया था, वहीं इस वर्ष 3600 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
इस अवसर पर प्रो0 मंसूर हसन ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम में बेसिक शिक्षा मंत्री श्री अहमद हसन, राजनैतिक पेंशन मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी सहित बड़ी संख्या में चिकित्सक, प्रोफेसर एवं मेडिकल छात्र-छात्राएं शामिल थीं।

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