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25 मई से आयोजित किये जाने वाले जल संचय/जल संरक्षण दिवस की तैयारियों के संबंध में बैठक लेते हुएः जिलाध्किारी

25 मई से आयोजित किये जाने वाले जल संचय/जल संरक्षण दिवस की तैयारियों के संबंध में बैठक लेते हुएः जिलाध्किारी
उत्तराखंड

देहरादून: 25 मई 2017 को प्रदेश में जल संचय/जल संरक्षण दिवस का आयोजन किया जा रहा है, जिसके तहत जनपद में जल संचय/जल सरंक्षण के लिए सभी उप जिलाधिकारियों/खण्ड विकास अधिकारियों एवं सम्बन्धित जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ जिलाधिकारी एस.ए मुरूगेशन द्वारा विकासभवन सभाकक्ष में समीक्षा बैठक आहूत की गयी।
बैठक में जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि मा मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड सरकार के अनुपालन में 25 मई 2017 से पूरे प्रदेश में में जल संचय/जल संरक्षण दिवस मनाया जा रहा है, जिसके तहत सभी जनपदों में जल संचय/जल संरक्षण के लिए ठोस कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिये गये हैं उन्होने कहा कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जनपद में 135 कच्चे एवं पक्के तालाब निर्मित किये जायेंगे, जिसमें विकासखण्ड चकराता के विभिन्न ग्राम पंचायतों में 30, कालसी के 20 ग्राम पंचायतों में 20, वकासनगर के ग्राम पंचायतों में 5, सहसपुर के 12 ग्राम पंचायतों में , रायपुर की विभिन्न ग्राम पंचायतों में 60 तथा विकासखण्ड डोईवाला के विभिन्न ग्राम पंचायतों में 8 तालाब निर्मित किये जाने का लक्ष्य रखा गया है, इसी प्रकार परम्परागत जल स्त्रोंतों के पुनरूद्धार हेतु विकासखण्ड चकराता में 13, कालसी में 9, विकासनगर में 4, सहसपुर में 8, रायपुर में 16 तथा विकासखण्ड डोईवाला में 1 पारम्परिक जल स्त्रोत के पुरूद्धार करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि सभी विभागीय अधिकारी अपनी विभागों की कार्य योजना तैयार कर 24 मई तक उन्हे अनिवार्य रूप से उपलब्ध करा दें। उन्होने कहा कि जल संचय/जल सरंक्षण के तहत जो भी तालाब निर्मित किये जायेगें उनका कार्य 30 जून 2017 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है, सभी अधिकारी इसी लक्ष्य के अनुरूप कार्य योजना तैयार करें। उन्होने यह भी निर्देश दिये हैं कि योजनाएं इस तरह से तैयार होनी चाहिए कि उसका सीधा लाभ किसानों को प्राप्त हो सके। उन्होने जल संस्थान, जल निगम, सिंचाई विभाग, ग्राम्य विकास, स्वजल के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे जल संवर्द्धन/जल संरक्षण के लिए वाटर हार्वेस्टिंग के तहत भी कार्य करें। उन्होने वन विभाग को निर्देश दिये हैं कि वे अपने मुख्यालय से सम्पर्क करते हुए जो लक्ष्य उन्हे दिया गया है उसका पूरा विवरण उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि जल संवर्द्धन/जल संरक्षण के लिए निबन्ध लेखन/चित्रकला प्रतियोगिताओं के माध्यम से जागरूक करने के भी निर्देश दिये। उन्होने शिक्षा विभाग को यह भी निर्देश दिये हैं कि स्कूलों में बच्चों द्वारा अपने पीने के लिए पानी लाते है तथा जो पानी बच जाता है उसे बच्चे गिरा देते हैं, इस पानी का उपयोग में लाने के लिए स्कूलों में इसके ड्रम या टंकी रखने के निर्देश दिये ताकि सभी बच्चे अपनी बोतल का बचा हुआ पानी उस टंकी/ड्रम में डालें जो पानी स्कूलों के शौचालय एवं हाथ धौने के प्रयोग में लाया जा सके। जिलाधिकारी द्वारा जल संस्थान के अधिकारियों को निर्देश दिये कि पानी के बचाव हेतु लोगों को जागरूक करने के लिए पानी के मूल्य के बारे में जागरूक किया जाये तथा पानी को अनावश्यक बर्बाद न करें, ताकि पानी अनावश्यक बर्बाद न हो।
जिलाधिकारी द्वारा स्वजल की समीक्षा करते हुए उन्होने परियोजना अधिकारी स्वजल को निर्देश दिये कि जनपद को 30 मई 2017 क ओ.डी.एफ (खुले में शौचमुक्त) किया जाना है । इस कार्य की प्रगति की जानकारी ली गई परियोजना निदेशक स्वजल ने बताया कि विकासखण्ड चकराता एवं कालसी के कुछ ग्राम पंचायतों के निर्माण कार्य डाटा फीड किये जा रहे हैं, जिस पर उन्होने तुरन्त कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि उनके अधीनस्थ विकासखण्डों एवं तहसील स्तर पर जो भी निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं वह उनका अपने स्तर से हर माह औचक निरीक्षण करते हुए कार्य की गुणवत्ता का भी संज्ञान लें तथा इसकी जानकारी से उन्हे भी अवगत कराया जाये। जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि स्वच्छ भारत मिशन को सफल बनाने के लिए सभी अधिकारी अपने-2 कार्यालयों की साफ-सफाई का विशेष प्रबन्ध करते हुए स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें ताकि बाहर से आने वाले किसी व्यक्ति को कार्यालय में हो रही गन्धगी के बारे में कोई शिकायत न करें , अपने आस-पास स्वच्छता बनाये रखना हम सभी का दायित्व है तथा जिन कार्यालय परिसर में स्थान है वह अपने कार्यालय परिसर में फूल एवं छायादार वृक्ष भी लगाने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी बंशीधर तिवारी, उप जिलाधिकारी सदर विनीत कुमार, उप जिलाधिकारी मसूरी हरिगिरि, उप जिलाधिकारी विकासनगर, ऋषिकेश एवं डोईवाला, जिला आबकारी अधिकारी, जिला विकास अधिकारी प्रदीप पाण्डेय सहित सभी खण्ड विकास अधिकारी एवं सम्बन्धित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

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