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24 व 25 फरवरी से राजभवन में प्रारम्भ हो रहे बसंत उत्सव के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुएः राज्यपाल डाॅ कृष्ण कांत पाल

उत्तराखंड

देहरादून: राजभवन में बसंतोत्सव का कर्टेन रेजर आयोजित किया गया। मीडिया को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत पाल ने इस वर्ष दिनांक 24 व 25 फरवरी से राजभवन में प्रारम्भ हो रहे बसंत उत्सव के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कर्टेन रेजर से पूर्व राज्यपाल ने एवसेकाडो व आम नीलावी पौधों का रोपण भी किया।

   राज्यपाल ने कहा कि राजभवन में आयोजित किया जाने वाला बसंत उत्सव, वर्तमान में देहरादून की पहचान बन चुका है। राजभवन में बसंत उत्सव की परम्परा 2003 से प्रारम्भ की गई। पुष्प प्रदर्शनी के रूप में शुरू हुआ यह आयोजन दिनांे-दिन लोकप्रिय होकर अब एक बडे़ सांस्कृतिक व आर्थिक महोत्सव का रूप ले चुका है। बसंतोत्सव केवल फूलों की प्रदर्शनी मात्र ही नहीं है बल्कि उत्तराखण्ड में फ्लोरीकल्चर की सम्भावनाओं का एक showcase  है। फूल, खुशहाली व समृद्धि का प्रतीक होते हैं। बसंतोत्सव के माध्यम से हमारी कोशिश भी ये ही है कि कैसे उत्तराखण्ड के काश्तकारों विशेष तौर पर पर्वतीय क्षेत्रों के काश्तकारों के जीवन में समृद्धि व खुशहाली लाई जा सकती है।

   उत्तराखण्ड में अधिकांश जोतें लघु व सीमांत जोते हैं। यहां की परिस्थितियां हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश की परिस्थितियों से अलग हैं। इसलिए यहां की परिस्थितियों के अनुकूल ही कृषि व बागवानी की नीति अपनानी होगी। पर्वतीय खेती में अपार सम्भावनाएं मौजूद हैं। हिमालय, उच्च कोटि के औषधीय व सगंध(एरोमेटिक) पौधों के लिए जाना जाता है। बड़े स्तर पर औषधीय व सगंध पौधों की क्लस्टर आधारित खेती, उŸाराखण्ड के लिए वरदान साबित हो सकती है। फल, आॅफ सीजन सब्जियां, फूल, बीज के उत्पादन के लिए यहां की जलवायु अनुकूल है।

    उत्तराखण्ड राज्य के गठन से पूर्व प्रदेश में मात्र 150 हेक्टेयर में पुष्प उत्पादन होता था, जो वर्तमान में बढ़कर 1493 है0 (90 है0 पाॅलीहाउस) क्षेत्रफल हो गया है, जिसमें गुलाब, गेंदा, रजनीगंधा के अतिरिक्त कटफ्लावर के रूप में जरबेरा, कारनेशन, ग्लेडियोलस, लीलियम, आर्किड आदि का प्रमुखता से व्यवसायिक उत्पादन किया जा रहा है। संरक्षित खेती के अन्तर्गत पाॅलीहाउस में नवीनतम तकनीकियों का समावेश करते हुए फूलों की खेती की जा रही है। वर्तमान में कुल 2073 मै0टन लूज फ्लावर (गुलाब, गेंदा, रजनीगंधा एवं अन्य) तथा 15.65 करोड़ कटफ्लावर का उत्पादन हो रहा है।

    उल्लेखनीय है कि कटफ्लावर के उत्पादन के क्षेत्र में प्रदेश का राष्ट्रीय स्तर पर 8 वां स्थान है। यह उत्पादन मुख्य रूप से देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, नैनीताल तथा अल्मोड़ा जनपदों में किया जाता है तथा इन पुष्पों का विपणन स्थानीय बाजार के साथ-साथ दिल्ली, मेरठ, कानपुर, लखनऊ, चण्डीगढ़ आदि महानगरों में किया जाता है। राज्य में लगभग रू0 200 करोड़ के फूलों का व्यापार किया जा रहा है।

   उत्तराखण्ड में ‘बल्गेरियन रोज’ जैसे खूशबूदार गुलाब की खेती को बढ़ावा देकर उसके व्यावसायिक दोहन से बहुत लाभ लिया जा सकता है। इसका तेल बहुत कीमती होता है। भारत में खपत का एक बड़ा भाग बाहर से आयात किया जाता है। उत्तराखण्ड में मृदा, बल्गेरियन रोज के अनुकूल है। इसी प्रकार ‘ट्यूलिप’ जैसे महंगे फूलों के उत्पादन पर भी ध्यान दिया जाना होगा। राजभवन में प्रयोग के तौर पर लगाये गए ‘ट्यूलिप’ के खिले हुए फूलों ने इसकी खेती की अच्छी उम्मीदें जगाई हैं।

  प्रधानमंत्री श्री नरेद्र मोदी जी ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने का लक्ष्य रखा है। राज्य सरकार भी इसके लिए पूरे मनोयोग से जुटी है। ’बसन्तोत्सव’ का प्रयोजन भी, काश्तकारों की आमदनी का जरिया बढ़ाने के लिए, उन्हें आधुनिक तकनीक व बाजार की मांग के अनुरूप उन्नत प्रजातियों के पुष्पोत्पादन के लिए प्रेरित करना है।

     इस वर्ष के बसंत उत्सव की प्रमुख जानकारियां:

*  इस बार बसंतोत्सव दिनंाक 24 व 25 फरवरी को आयोजित किया जा रहा है।

कल दिनांक 24 फरवरी, 2018 को बसन्तोत्सव का उद्घाटन प्रातः 11ः00 बजे किया जायेगा।

* दिनांक 24 फरवरी, 2018 को दोपहर 12ः00 बजे से सांय 06ः00 बजे तक व दिनांक 25 फरवरी, 2018 को प्रातः 10ः00 बजे से सांय 06ः00 बजे तक पुष्प प्रदर्शनी जनसामान्य के लिए खुली रहेगी।

* पुरस्कार वितरण कार्यक्रम दिनांक 25 फरवरी, 2018 को सांय 05ः00 बजे से किया जायेगा।

* जनमानस तथा कृषकों में पुष्प उत्पादन के प्रति अभिरूचि बढ़ाने के लिये बसन्तोत्सव में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है-

  • कट फ्लावर
  • पाॅटेड प्लान्टस प्रबन्धन
  • लूज फ्लावर प्रबन्धन
  • पुष्प के अतिरिक्त पाॅटेड प्लान्टस
  • कैक्टस एवं सकुलेन्ट्स
  • हैंगिंग पाॅटस
  • आॅन द स्पाॅट फोटोग्राफी
  • ताजे पुष्प दलों की रंगोली
  • स्कूल चिन्ड्रन पेंटिंग प्रतियोगिता
  • उपरोक्त 09 मुख्य प्रतियोगिताओं की केटेगरी मंे कुल 51 उपकेटेगरी हैं, जिनमें प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार दिये जायेगें। इस प्रकार कुल 153 पुरस्कार निर्णायक मण्डल के निर्णय के उपरान्त प्रतिभागियों को प्रदान किये जायेगे।

* फूलों तथा प्राकृतिक सौन्दर्य पर आधारित फोटो प्रदर्शनी, पेंटिंग तथा विशेष डाक टिकटों की प्रदर्शनी भी लगायी जायेगी।

* विगत वर्ष की भाॅति संस्कृृति विभाग द्वारा दिनांक 24 फरवरी, 2018 की सांय सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। राज्य के विभिन्न नृृत्यशैलियों का प्रर्दशन दिन के समय राजभवन प्रांगण के लाॅन में किया जाएगा।

* पर्यटन विभाग द्वारा दिनांक 24 एवं 25 फरवरी, 2018 को योगा का कार्यक्रम भी गत वर्ष की भाॅति आयोजित किया जाएगा।

* आई.टी.बी.पी. द्वारा जूडो-कराटेे का प्रदर्शन आयोजित कराया जायेगा।

* भारतीय सैन्य संस्थान ( Indian Military Academy )  इण्डो तिब्बत बार्डर पुलिस ( ITBP ) एवं पी0एस0सी0 के बैंड आकर्षण का मुख्य केन्द्र रहेंगे।

* आई0एच0एम0, जी0एम0वी0एन0 द्वारा फूड कोर्ट लगाया जाएगा। इसमें मुख्यतः उत्तराखण्डी व्यंजन उपलब्घ करवाए जाएंगे।

* बसंतोत्सव में पाॅलिथीन के प्रयोग पर रोक रहेगी। वितरित किए जाने वाले प्रमाण पत्र रिसाईकिल पेपर/हैण्ड मेड पेपर पर बनाये गए हैं।

*  Hobbyist Category में प्रदर्शन हेतु रखे जाने वाले फूलों की संख्या में एक एंट्री के सापेक्ष कट फ्लावर (विशेष रुप से आर्किड, जैनथेडिशिया, लिलियम एवं गुलाब के स्पाईक) की न्यूनतम संख्या पिछली बार 10 थी जिसे कि घटाकर इस बार 03 रखा गया है। इससे, इस वर्ग में अधिक लोग प्रतिभाग कर सकेंगे।

*     बसन्तोत्सव में इस बार विशेष डाक कवर के विमोचन के लिए जम्बू ( Allium wallichii, Kunth ) का चयन किया गया है। यह हिमालय में पाया जाने वाला पौधा है जो कि औषधीय गुणों से भरपूर है। उत्तराखण्ड के उच्च पर्वतीय भागों में स्थानीय लोगों द्वारा इसका उपयोग औषधी के साथ सब्जी व मसालों के रूप में भी किया जाता है।

* इस दो दिवसीय आयोजन में राज्य के 32 विभाग/शोध संस्थान/कृषि विश्वविद्यालय/बोर्ड/निगमों यथा उद्यान विभाग, कृषि विभाग, वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून, जड़ी-बूटी शोध एवं विकास संस्थान, गोपेश्वर, सगन्ध पौंधा केन्द्र, देहरादून, उŸाराखण्ड औद्यानिक विपणन परिशद, जलागम देहरादून, विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा, बांस एवं रेशा बोर्ड, देहरादून, वन विभाग, वाडिया इन्स्टीट्यूट आॅफ

हिमालयन जियोलाॅजी, देहरादून, पर्यटन विभाग, आजीविका परियोजना, देहरादून, गो0ब0पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पन्तनगर, उŸाराखण्ड औद्यानिक एवं वानिकी विश्वविद्यालय, भरसार, उŸाराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय, नेशनल जूट बोर्ड, ओ0एन0जी0सी0, देहरादून आदि मुख्य रूप से सम्मिलित हैं। इन विभागों/संस्थानों द्वारा आयोजन मंे अपना स्टाॅल लगाकर अपने जनोपयोगी कार्यक्रमों/तकनीकियों का उत्कृृष्टता के आधार पर प्रदर्शन किया जायेगा।

* इसके अतिरिक्त इस वर्ष अन्य संस्थानों यथाः- टी0एच0डी0सी0, एन0एच0पी0सी0 एवं व्यवसायिक बैंकों को भी प्रतिभाग हेतु आमन्त्रित किया गया है, जिनके द्वारा किसानों हेतु संचालित किये जा रहे कार्यक्रमांे एवं नीतियों के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान करने हेतु स्टाॅल लगाया जायेगा।

* गत वर्षों की भाॅति इस वर्ष भी राजभवन में रोपित ट्यूलिप पुष्प बसन्तोत्सव के अवसर पर अपनी अनुपम सुन्दरता प्रदर्शित करेगें।

* बसन्तोत्सव में विभिन्न पुष्प उत्पादकों ( Open Cultivation & Protected Cultivation ) तथा पुष्प नर्सरी उत्पादकों द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा।

*  उक्त के अतिरिक्त औद्यानिक यन्त्र, कृषि रसायन बायोफर्टिलाइजर, हाईब्रिड सब्जी बीज उत्पादन करने वाली विभिन्न फर्मों को आमन्त्रित किया गया है। औद्यानिक गतिविधियों से जुड़े गैर सरकारी संस्थाओं/स्वयं सहायता समूहों/स्थानीय उत्पादक संगठनों द्वारा भी अपने कार्यक्रमों/उत्पादों का प्रदर्शन किया जायेगा।

* स्कूल के विभिन्न आयु वर्गों (05 वर्ष से 18 वर्ष) के बच्चों द्वारा पेन्टिंग व फ्रेश पैटल रंगोली प्रतियोगिता मंे प्रतिभाग किया जायेगा। साथ ही रेग पिकर/दिव्यांग बच्चों द्वारा भी पेन्टिंग प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया जायेगा। इस प्रतियोगिता के अन्तर्गत लगभग एक हजार से अधिक बच्चों द्वारा प्रतिभाग करने की सम्भावना है।

* इस वर्ष प्रत्येक जनपद (विशेषकर पर्वतीय जनपदों) के पुष्प उत्पादकों को पुरूस्कृत करने के उद्देश्य से समस्त पर्वतीय जनपदों के मुख्य/जिला उद्यान अधिकारियों के माध्यम से जनपद के 03 उत्कृष्ठ पुष्प उत्पादकों को पुरूस्कृत करने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।

* इस वर्ष सम्पूर्ण बसन्तोत्सव कार्यक्रम को पाॅलीथीन मुक्त रखा जायेगा।

* इस वर्ष बसन्तोत्सव में ‘वर्टिकल गार्डन’ के माध्यम से नगरीय क्षेत्रों में औद्यानिकी को बढ़ावा देने हेतु नई पहल की गयी है, जिसमें कम स्थान पर विशेषकर घर की छत/बाॅलकनी में पुष्पों एवं जैविक सब्जियों की खेती को प्रदर्शित किया जायेगा।

* बसन्तोत्सव में इस वर्ष भी मौसम से सम्बन्धित जानकारी प्रदान करने हेतु मौसम विभाग द्वारा स्टाॅल लगाया जायेगा।

* इस वर्ष पुष्प उत्पादकों व पुष्प क्रेताओं के मध्य सीधे सामन्जस्य स्थापित करने हेतु उत्तराखण्ड औद्यानिक विपणन बोर्ड द्वारा Buyer-Seller Meet का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें पुष्प विक्रेताओं के साथ-साथ सम्भावित पुष्प क्रेताओं को भी आमन्त्रित किया गया है।

* इस वर्ष बच्चों की चित्रकला प्रतियोगिता में राजकीय बालगृह द्वारा भी प्रतिभाग किया जायेगा।

* आई0टी0बी0पी0 द्वारा आपदा एवं उसके बचाव हेतु विभिन्न प्रबन्धन तकनीकी की जानकारी प्रदान करने हेतु एवं उपयोग में लाये जाने वाले यन्त्रों के प्रदर्शन हेतु स्टाॅल लगाया जायेगा।

* बसन्तोत्सव में गत वर्ष की भाॅंति इस वर्ष भी लोहाघाट (चम्पावत) व पिथौरागढ़ के लोहे के बर्तनों एवं अल्मोड़ा के ताॅंबे के बर्तनों को प्रदर्शित व विक्रय करने हेतु स्टाॅल लगाया जायेगा।

* इस दो दिवसीय आयोजन में लोगों के खान-पान की सुविधा के लिए इन्सटीट्यूटी आॅफ होटल मैनेजमेन्ट एवं गढ़वाल मण्डल विकास निगम द्वारा फूड कोर्ट भी स्थापित किया जायेगा।

* इस वर्ष प्रथमवार बसन्तोत्सव के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु ‘‘फूलों’’ से सजा वाहन देहरादून शहर के विभिन्न मार्गों पर चलाया जायेगा।

 

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