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सीपीडब्ल्यूडी डिजिटल हुआ; सभी 20,000 करोड़ रुपये प्रति वर्ष के भुगतान अब ऑनलाइन

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नई दिल्ली: सरकार का प्रमुख निर्माण विभाग, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्‍लयूडी) 20,000 करोड़ रूपये प्रतिवर्ष का भुगतान इलेक्‍ट्रॉनिक माध्‍यम से कर डिजीटल हो गया है। इसके लिए देशभर के सीपीडब्‍लयूडी के सभी 400 क्षेत्रीय कार्यालयों की नेटवर्किंग कर उनके लिए इस महीने से विशेष एकीकृत पोर्टल के जरिए डिजीटल भुगतान सुनिश्चित किया गया है। इसके साथ ही सीपीडब्‍लयूडी क्षेत्रीय स्‍तर पर डिजीटल होने का पहला संगठन बन गया है।

      सीपीडब्‍लयूडी देशभर में 25,000 से अधिक परियोजना पर कार्य करता है जिसके लिए दूरदराज, पहाड़ी और पूर्वोत्‍तर क्षेत्रों सहित इसके 400 क्षेत्रीय  कार्यालयों द्वारा प्र‍तिवर्ष 20,000 करोड रूपये से भी ज्‍यादा भुगतान किया जाता है। नए डिजीटल भुगतान तरीके से छह लाख से अधिक लेनदेन किया गया है। आवास और शहरी मामले मंत्रालय के मुख्‍य लेखा नियंत्रक (सीसीए) कार्यालय ने सीपीडब्‍लयूडी के लिए यह विशेष लोक वित्‍तीय प्रबंधन (पीएफएमएस) पोर्टल तैयार किया है।

     आवास और शहरी मामले मंत्रालय में सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्रा को इस ऑनलाइन भुगतान प्रणाली के बारे में जानकारी देते हुए सीसीए के श्री श्‍याम दुबे ने बताया कि इससे देशभर की 25,000 परियोजनाओं में से प्रत्‍येक के खर्च की वास्‍तविक समय में निगरानी की जा सकेगी। उन्‍होंने कहा कि इसमें चूंकि कोष की राशि जारी करना कार्य की प्रगति से जुड़ा हुआ है इसलिए डिजीटल भुगतान से निधियों की कुशल उपयोगिता भी सुनिश्चित होती है।

     एक अन्‍य पहल में सीपीडब्‍लयूडी के लिए इलेक्‍ट्रोनिक मापन बुक (ई-एमबी) भी तैयार की गई है जिससे ठेकेदारों के साथ हुए समझौते की अवधि के अनुसार कार्य की प्रगति के बारे में ऑनलाइन जानकारी दी जा सकती है जिसके आधार पर भुगतान किया जाएगा। अगले महीने की पहली तारीख से ई-एमबी को अनिवार्य कर दिया जाएगा जिससे सभी 400 क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा लिखकर रिपोर्ट देना बंद हो जाएगा।

     श्री दुर्गा शंकर मिश्रा ने सीपीडब्‍लयूडी और सीसीए को प्रभावी निगरानी के लिए कार्यों की प्रगति की जियो-टैगिंग सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।

     पीएफएमएस इलेक्‍ट्रोनिक भुगतान प्रक्रिया, निधि के प्रवाह पर नजर रखने, निगरानी, लेखा, सुलह और रिपोर्टिंग आदि के लिए एक उपाय है।

       आवास और शहरी मामले मंत्रालय ने अक्‍टूबर 2015 से पीएफएमएस तरीके को अपनाया, जिसके जरिए 34,000 करोड़ रूपये के आवंटन इलेक्‍ट्रोनिक तरीके से हस्‍तांतरित किए गए। अब  सीपीडब्‍लयूडी के डिजीटल होने से मंत्रालय और सीपीडब्‍लयूडी का ई-भुगतान 2017-18 में लगभग 60,000 करोड़ रूपये होगा। सीपीडब्‍लयूडी में कार्य सौंपने और वित्‍तीय शक्तियों के लिए एक अलग योजना है इसलिए ऑनलाइन लेनदेन के लिए एक विशेष पीएफएमएस ई-मॉडयूल की आवश्‍यकता है।

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