लखनऊः स्वच्छ भारत मिशन(ग्रामीण) के अन्तर्गत ‘‘सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह‘‘ अभियान 13 मार्च, 2018 से 10 अपै्रल, 2018 के दौरान पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा उŸार प्रदेश हेतु 15 लाख व्यक्तिगत शौचालय निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु राज्य स्वच्छता मिशन द्वारा जनपदवार लक्ष्यों का निर्धारण किया गया। मुख्यमंत्री जी द्वारा 27 मार्च, 2018 को प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियो के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से लक्ष्य प्राप्ति के संबंध में समीक्षा की। परिणाम स्वरूप प्रदेश के विभिन्न जनपदों द्वारा सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह अभियान 02 अप्रैल से 10 अप्रैल, 2018 तक के दौरान प्रति घण्टे 2453 एवं प्रतिदिन 58,892 शौचालय निर्माण की दर से कुल 16,48,895 शौचालयों का निर्माण कराया गया है। जिससे अभियान के दौरान प्रदेश का स्वच्छता अच्छादन 59 प्रतिशत से 4 प्रतिशत बढ़कर 63 प्रतिशत हो गया है। जो अब तक के इतिहास में ग्रामीण क्षेत्र में सर्वाधिक है।
यह जानकारी निदेशक पंचायतीराज श्री आकश दीप ने दी। उन्होंने बताया कि इस लक्ष्य की प्राप्ति में मुख्यमंत्री जी, पंचायतीराज राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), मुख्य सचिव, उ0प्र0 शासन, अपर मुख्य सचिव द्वारा वीडियो कान्फे्रन्सिग के माध्यम से प्रभावी मानिटरिंग किया जाना, जनपदों में जिलाधिकारियों, मुख्य विकास अधिकारियों तथा जिला पंचायतराज अधिकारियों द्वारा नियमित किया गया अनुश्रवण एवं क्षेत्र भ्रमण है। इसके अतिरिक्त ‘‘सत्याग्रह से स्वच्छताग्रह‘‘ अभियान में प्राप्त किये गये महत्वपूर्ण लक्ष्यो को हासिल करने में स्वच्छाग्रही एवं राजमिस्त्री की सराहनीय भूमिका रही है।
निदेशक पंचायतीराज श्री आकाश दीप ने बताया कि स्वच्छाग्रही स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) कार्यक्रम की रीढ़ है। स्वच्छाग्रहियों के सहयोग के ग्रामीण समुदाय को स्वच्छ व्यवहार अपनाने तथा शौचालय के प्रयोग हेतु प्रेरित किया जाता है स्वच्छाग्रहियों का मुख्य कार्य अन्र्तव्यक्तिक सम्प्रेषण घर-घर जाकर सम्पर्क करना व अभिप्रेरित करना है। स्वच्छाग्रहियों की प्रमुख भूमिका ट्रिगरिंग एवं नियमित फालोअप में सहयोग प्रदान करना आपूर्ति व्यवस्था सुद्रण कराना समय समय पर रैली एवं जागरूकता शिविर तथा गौरव यात्रा के आयोजन में सहयोग देना होता है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष के प्रारम्भ में प्रदेश में कुल 12511 स्वच्छाग्रही कार्यरत थे जो अब बढ़कर 42744 हो गये हैं इन्ही के कारण विशालकाय लक्ष्य की प्राप्ति सम्भव हो सकी है।
श्री आकाश दीप ने बताया कि राजमिस्त्री स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अन्तर्गत गांव को खुले में शौचमुक्त बनाने हेतु गुणवत्तापूर्ण शौचालय का निर्माण कराया जाना अत्यन्त आवश्यक है किन्तु यह निर्माण प्रशिक्षित राजमिस्त्रियों द्वारा ही कराया जाना सुनिश्चित करने हेतु अबतक 184605 राजमिस्त्रियों को योजना के अन्तर्गत प्रशिक्षित किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि उच्च स्तर से दिये गये निर्देशों के क्रम में वर्ष के अन्त तक प्रदेश को खुले में शौचमुक्त बनाये जाने हेतु निरन्तर प्रयास किये जा रहे है। चलो चम्पारण अभियान में प्रदेश के 6000 स्वच्छाग्रहियों ने बिहार जाकर वहां के 14 जनपदों में सी.एल.टी.एस., ट्रिगरिंग एवं फालोअप का कार्य 02 से 10 अपै्रल, 2018 तक सराहनीय ढ़ग से किया है।