29 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

श्रम दिवस पर पत्रकारों ने निकाला मार्च, उठाई हक की आवाज

श्रम दिवस पर पत्रकारों ने निकाला मार्च, उठाई हक की आवाज
उत्तर प्रदेश

लखनऊ: अंतरर्राष्ट्रीय श्रम दिवस के मौके पर राजधानी लखनऊ में पत्रकारों ने कन्फेडरेशन आफ न्यूजपेपर्स एंड न्यूज एजेंसीज इंपलाइज आर्गेनाइजेशन्स के बैनर तले एकता मार्च निकाला और अपनी समस्याओं को लेकर आवाज बुंलद की. करीब बीस साल बाद मजदूर दिवस पर राजधानी की सड़को पर पत्रकार अपनी आवाज उठाने निकले थे. लखनऊ में यूपी प्रेस क्लब से लेकर जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा तक निकाले गए इस मार्च में इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट(आईएफडब्लूजे), एनयूजे (आई), उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट एसोसियेशन(उपजा), लखनऊ श्रमजीवी पत्रकार यूनियन, आल इंडिया न्यूजपेपर्स एसोसिएशन (आईना), पीटीआई व यूएनआई यूनियनों, जिला मान्यता प्राप्त पत्रकार एसोसिएशन सहित कई पत्रकार संगठनों के सैकड़ों पत्रकार व मीडियाकर्मी शामिल रहे. मार्च का नेतृत्व आईएफडब्लूजे के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हेमंत तिवारी व एनयूजे (आई) के राष्ट्रीय महासचिव रतन दीक्षित ने किया.

पत्रकार एकता मार्च की शुरुआत में शुभकामना देने पहुंचे यूपी के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि बेबाक पत्रकारिता लोकतंत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और यही हमें सही दिशा दिखाते हैं. मेरा पत्रकार साथियों से आग्रह है कि वे सरकार के सकारात्मक कामो को जनता तक पहुंचाएं और यदि कही कोई चूक हो रही है तो उसे भी पुरजोर तरीके से उठायें जिससे सरकार को सही जानकारी मिल सके.

जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा पर पहुंचे पत्रकार एकता मार्च के समापन के अवसर पर कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा की लोकतंत्र का चौथा खम्भा अपनी भूमिका निभाता है तभी बाकी के तीन स्तम्भ बेलगाम नहीं हो पाते. बड़े से बड़ा भ्रष्टाचारी भी मीडिया की पैनी निगाहों से बच नहीं पाता और पत्रकारों के इसी जीवट भरे कामो से ही सरकार बदल जाती है. प्रदेश की योगी सरकार पत्रकारों की सुरक्षा को ले कर बहुत सचेत हैं और यदि कार्य के दौरान किसी भी पत्रकार पर हमला होता है तो पुलिस को तत्काल कार्यवाही करनी ही होगी और पत्रकारों की सुरक्षा हमारा दायित्व है इसके लिए हम अधिकारियों को सख्त निर्देश भी देंगे. श्री पाठक ने कहा कि सरकार पत्रकार सुरक्षा क़ानून पर गंभीरता से विचार करेगी.

स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री अनुपमा जायसवाल ने कहा कि हम पत्रकारों की मेहनत का सम्मान करते हैं जिस दौरान सरकार देर रात तक विभागों का प्रजेंटेशन ले रही थी आप सब हमसे ज्यादा सचेत हो कर देर रात तक उसे जनता को बता रहे थे. हमारी सरकार किसी धर्म और जाति की नहीं है हम सबको साथ ले कर चलते हैं. और हम पत्रकारों की इन सभी मांगों को जायज मानते हुए वादा करते हैं कि सरकार इन सभी मांगो पर सकारात्मक विचार करेगी.

इससे पहले कन्फेडरेशन ने एक बैठक व सांकेतिक धरना जीपीओ पर गांधी प्रतिमा के समक्ष आयोजित किया जिसमें बोलते हुए आईएफडब्लूजे उपाध्यक्ष हेमंत तिवारी ने कहा कि एक ओर जहां लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमलों की घटनाए बढ़ रही हैं वहीं पत्रकारों को अपने वेतन व सुविधाओं को लेकर संघर्ष करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफारिशे लागू करने के लिए छोटे नही बल्कि बड़े अखबार समूह भी हीला-हवाली कर रहे हैं और वेतन मांगने वाले मीडिया कर्मियों का उत्पीड़न किया जा रहा है. तिवारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के कड़े निर्देश के बाद राज्य सरकारों को ऐसे समाचार पत्र समूहों के खिलाफ कारवाई करनी चाहिए.

वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेंद्र शर्मा ने पत्रकार सुरक्षा कानून की तत्काल जरुरत पर बल दिया. उन्होंने कहा कि हाल के दिनों पत्रकारों पर हुए हमलों के मामलों में सरकार से कड़ी कारवाई की मांग की और कहा कि पत्रकार सुरक्षा कानून जल्द से जल्द बनाया जाए. वरिष्ठ पत्रकार रतन दीक्षित और अजय कुमार ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया.

यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन के महामंत्री योगीन्द्र द्विवेदी ने भी पत्रकारों को संबोधित किया. पीटीआई के पूर्व ब्यूरो प्रमुख व एनयूजे (आई) के प्रमोद गोस्वामी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को महाराष्ट्र की तर्ज पर पत्रकारों पर हमले रोकने के लिए कानून बनाना चाहिए. आईएफडब्ल्यूजे के भास्कर दूबे और राष्ट्रीय पार्षद मोहम्मद कामरान एवं उत्कर्ष सिन्हा ने उत्तर प्रदेश के पत्रकारों को कई अन्य राज्यों की तरह ६० वर्ष की आयु के बाद पेंशन की सुविधा दिए जाने का मांग की. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी वरिष्ठ पत्रकारों को पेंशन योजना के दायरे में लाया जाना चाहिए.

पत्रकार एकता मार्च में उपजा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक अग्निहोत्री, अनुभव पाण्डेय (पीटीआई), नरेन्द्र श्रीवास्तव (यूएनआई), अजय वर्मा और अब्दुल वहीद (जिला मान्यता प्राप्त पत्रकार संगठन), प्रदीप शाह (यूपी फोटो जर्नलिस्ट्स एसोसियेशन), एस एम पारी (मीडिया फोटोग्राफर्स क्लब) ने अपने संगठनों का प्रतिनिधत्व किया. मार्च में वरिष्ठ पत्रकार निरंकार सिंह, दयानंद पाण्डेय, दिनेश पाठक, राजेन्द्र कुमार, डाक्टर सुलतान शाकिर हासमी, राजेंद्र गौतम,रजा रिज़वी भी शामिल थे.

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More