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वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ नमाजे जुमा के बाद मजलिसए ओलमाए हिंद का विरोध प्रदर्शन

वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ नमाजे जुमा के बाद मजलिसए ओलमाए हिंद का विरोध प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश

लखनऊ: वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ आज आसफि मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद मजलिसए ओलमाए हिंद की ओर से विरोध प्रदर्शन हुआ।प्रर्दशन में वैश्विक स्तर पर जारी आतंकवाद के खिलाफ विरोध प्रर्दशन करते हुये नारे लगाये गये।वाजह रहे कि हाल के दिनों में दुनिया के कई देशों में आई0एस0 आई0एस0 जैसे आतंकवादी संगठन ने हमले किए जिसमें भारी जानी व माली नुकसान हुआ।इमामे जुमा मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी के नेतृत्व में हुए प्रदर्शन में ईरान के संसद और इमाम खुमैनी के मजार पर हुए आतंकवादी हमले की निंदा की गई , साथ ही बहरीन, यमन, सीरिया, और विश्व स्तर पर हो रही शियों की टारगेट हत्या और जारी अत्याचार का विरोध किया गया।प्रर्दशकारियों ने आतंकवाद के संस्थापक इसराइल,अमेरिका और उसके खरीदी हुई तथाकथित इस्लामी सरकारों के खिलाफ भी विरोध मैं नारे लगाए।
मौलाना सैयद कल्बे जव्वाद नकवी ने कहा कि भारत, यूके, फ्रांस सहित पूरी दुनिया में जहां भी आतंकवादी धटनायें हो रही है वह तीन शैतानों की देन है ,अमरीका बड़ा शैतान है, इसराइल मनझोला शैतान है और सऊदी अरब छोटा शैतान है।मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने ईरान मै हुये हमले की निंदा करतूे हुये कहा कि ईरानी संसद और इमाम खुमैनी के मजार पर आई0एस0 का हमला शिया व सुन्नी एकता को पारा पारा करने की नाकाम कोशिश थी,पुरी दुनिया जान चुकी है कि आई0एस0 की हकीकत किया है और इसकी जन्म दाता कौनसी ताकतें है।ट्रम्प की सऊदी अरब यात्रा के बाद ईरान पर आई0एस0 हमला स्पष्ट करता कि साम्राज्यवादी शक्तियों का गठबंधन ईरान के खिलाफ है।अमरीका और इसराइल इस्लामी देशों को ईरान के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।
मौलाना ने विश्व मीडिया के दोहरे माॅपदंड की निंदा करते हुए कहा कि दुनिया भर में हुई आतंकवादी घटनाओं को मीडिया ने आतंकवाद की घटना लिखा लेकिन ईरान में हुए हमले के लिए लिखा के वहाॅ शूटिंग हुई है,जब तक यह दोहरा माॅपदंड खत्म नहींहोगा आतंकवाद समाप्त नहीं हो सकता। मोलाना ने एक अंग्रेजी अखबार की खबर की निंदा करते हुए कहा कि अंग्रेजी अखबार ने ईरान पर हमला की खबर को शिया व ’सुन्नी बनाम शिया‘की सूरखी के साथलिखा है, इस अखबार के विरुद्ध सभी अहले सुन्नत को विरोध करना चाहिए था क्योंकि इस खबर से यह बताने की कोशिश की जा रही है कि ईरान पर हमला करने वाले आतंकवादी सुन्नी थे।हमने हमेशा कहा है कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, और जो रसूले खुदा स0अ की सुन्नत का पालन करता हो वह कभी आतंकवादी नहीं हो सकता।
मौलाना ने बहरीन में शियों पर हो रहे अत्याचार व हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि आले खलीफा भी आले सऊद की तरह साम्राज्यवादी शक्तियों के गुलाम हैं।इस समय अयातुल्ला शेख ईसा कासिम और उनके साथी विद्वानों को नजरबंद रखा गया है और उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। मौलाना ने कहा कि विश्व स्तर पर शियों का नरसंहार जारी है और विश्व समुदाय मूकदर्शक बना हुआ है ये अफसोसनाक है।बहरीन और नाइजीरिया में शियों का नरसंहार हो रहा है मगर मीडीया भी इस नरसंहार पर चुप्प है।मौलानाने कहा कि यमन और शाम पूरी तरह नष्ट कर दिया गया लेकिन संयुक्त राष्ट्र के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी ,संयुक्त राष्ट्र को चाहिए कि आतंकवाद के नेटवर्क को खत्म करे केवल यमन और शाम के विनाश कासर्वे करने से कुछ हासिल नहीं होगा। अगर संयुक्त राष्ट्र वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ अपनी भूमिका स्पष्ट नहीं कर सकता तो यह दुखद है और दुनिया को आतंकवाद की भट्ठी में झोंकने के बराबर है।
प्रदर्शनकारियों ने विरोध जताते हुए संयुक्त राष्ट्र से मांग कि इसराइल, अमेरिका और उसके गुलाम ऑले सऊद का विश्व समुदाय बहिष्कार करे क्योंकि यह देश आतंकवाद के संस्थापक हैं और आई0एस0 जैसे संगठनों का सहारा लेकर आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं।प्रर्दशन में अमेरिका,इसराइल और आले सऊद के खिलाफ मुरद्वा बाद के नारे लगाये गये।प्रर्दशन मै मौलाना मौ0 मियाॅ आबदी,मौलाना अली अब्बास खान,मौलाना फसाहत हुसैन,मौलाना अदील असगर,मौलाना तसनी मेहंदी,मौलाना जव्वार हुस्ैान,मौलाना शबाहत हुसैन,मौलाना अकील अब्बास,मौलाना हसन जाफर,मौलाना शबाब हैदर, और अन्य ओलमा मौजूद रहे।
माॅगंेरू
प्रदर्शनमें संयुक्त राष्ट्र महासचिव से निम्न मांगंे की गई़।़‘
1. वैश्विक पैमाने पर हो रहे आतंकवाद और उसके नेटवर्क को खत्म करने में संयुक्त राष्ट्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाये ताकि पूरी दुनिया में जारी आतंकवाद पर काबु किय जा सके।
2.बहरीन, यमन, सीरिया और अन्य देशों में जारी आतंकवाद, शियों के नरसंहार और सुन्नी व शियों पर हो रहे अत्याचार पर संयुक्त राष्ट्र त्वरित कार्यवाही करे।
3.बहरीन में आले खलीफा के आतंकवाद पर प्रतिबंध लगाया जाए और आयतुल्लाह शेख ईसा कासिम, शेख अली बिन सलमान और अन्य आलिमों की सुरक्षा सुनिश्चित हो।
4. यमन, बहरीन, सीरिया और अन्य देशों में जारी इजरायली, अमेरिकी और सऊदी आतंकवाद के खिलाफ इन देशों पर विश्व अदालत में मुकदमा चलाया जाए।
5. सऊदी हमलों में नष्ट यमन की पुनर्वास की संयुक्त राष्ट्र जिम्मेदारी ले।

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