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विभिन्न देशों के साथ भारत की द्विपक्षीय बैठकों की मुख्य बातें

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नई दिल्ली: डब्‍ल्‍यूएसआईएस फोरम, 2017 को ध्‍यान में रखते हुए श्री मनोज सिन्‍हा ने इथोपिया के संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. डेब्रेस्‍शन मेशो से मुलाकात की। दोनों ही पक्षों ने सूचना व संचार प्रौद्योगिकी अवसंरचना विकास, तकनीकी उन्‍नयन, जीटूसी के लिए सेवा केन्‍द्रों का विकास और भारत द्वारा व्यवहार में लाई जा रही सर्वश्रेष्‍ठ क्रियाकलापों को अमल में लाने से संबंधित सूची बनाने पर सहमति जताई।

ईरान के सूचना तथा संचार प्रौद्योगिकी मंत्री श्री महमूद वेजी के साथ द्विपक्षीय बैठक में दोनों पक्षों ने आपसी सहयोग के संभावित क्षेत्रों, 1995 की संधि को अद्यतन करने, साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग करने तथा ईरान को मध्य एशियाई देशों तथा शेष विश्व के इंटरनेट ट्रैफिक का हब बनाने के लिए एक सयुंक्त कार्यदल बनाने पर सहमति व्यक्त की। ईरान ने आईटीयू परिषद में अपनी उम्मीदवारी के लिए भारत के समर्थन की इच्छा व्यक्त की। बैठक में सहमति प्राप्त कार्यों को पूरा करने के लिए दूरसंचार विभाग के सदस्य (तकनीकी) श्री जी.के उपाध्याय और सलाहकार श्री शिराफत पर विशेष जिम्मेदारी दी गई।

दूरसंचार विभाग के सदस्य (तकनीकी) श्री जी.के उपाध्याय ने जापान के आंतरिक मामलों तथा संयोजन मंत्रालय में नीति संयोजन उप मंत्री श्री शिगेन्की सुजुकी तथा प्रतिनिधिमंडल के अऩ्य सदस्यों के साथ आपसी सहयोग के मामलों पर चर्चा की। जापान ने 5 जी उन्नयन, मशीन से मशीन (एम2एम), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), ज्ञान विकास तथा साइबर सुरक्षा संयोजन आदि क्षेत्रों में सहयोग के प्रति अपनी इच्छा व्यक्त की।

ज़िम्बाब्वे के आईसीटी, डाक व कोरियर सेवाओं के उपमंत्री श्री विन मलेंम्बो ने भारत नेट के समान अपने देश के ग्रामीण क्षेत्रों को आईसीटी अवसंरचना से जोड़ने की इच्छा व्यक्त की। जिम्बाब्वे ऑप्टिक फाइबर बिछाने में तकनीकी, वित्तीय और नियामक विशेषज्ञता का सहयोग चाहता है।

दूरसंचार विभाग के सदस्य (तकनीकी) तथा रूस के सूचना और संचार उप मंत्री श्री रशीद इस्माइलोव ने आईओटी, एम2एम तथा साइबर सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग और सलाह बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की। रूस ने सी-डॉट द्वारा तैयार कई उत्पादों के लिए अपनी इच्छा व्यक्त की जबकि भारत ने प्रौद्योगिकी सूचना साझा करने और इस चर्चा को जारी रखने पर अपनी सहमति व्यक्त की। दूरसंचार विभाग के सदस्य (तकनीकी) श्री जी.के उपाध्याय ने ब्रिक्स इंस्टीट्यूट ऑफ फ्यूचर नेटवर्क की मेजबानी करने के लिए भारत की तैयारियों का ब्यौरा दिया और इस संबंध में रूस के समर्थऩ की इच्छा व्यक्त की।

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