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विधान सभा में सिंचाई विभाग की समीक्षा बैठक करते हुएः विभागीय मंत्री सतपाल महाराज

उत्तराखंड

देहरादून: प्रदेश के सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण, लघु-सिंचाई, वर्षा जल संग्रहण, जलागम प्रबन्धन, भारत-नेपाल उत्तराखण्ड नदी परियोजनाएं, पर्यटन, तीर्थाटन, धार्मिक मेले एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में विधान सभा स्थित कार्यालय कक्ष में सिंचाई विभाग की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई।

सिंचाई मंत्री द्वारा प्रमुख सचिव सिंचाई आनन्द वर्द्धन को केन्द्र में प्रेषित सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग के लम्बित प्रस्तावों को संकलित कर केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री से तय वार्ता में साथ चलने को कहा। उन्होंने प्रस्तावित जमरानी बांध परियोजना के लम्बित बिन्दु उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड राज्य में एमओयू करना तथा परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना स्वीकृत करने के प्रस्ताव की प्रगति की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान सिंचाई मंत्री को अवगत कराया गया कि दोनों राज्यों के प्रमुख सचिवों के मध्य जमरानी बांध परियोजना के एमओयू ड्राफ्ट पर स्वीकृति हो चुकी है।

     पंचेश्वर बांध की चर्चा के दौरान सिंचाई मंत्री ने प्रमुख अभियन्ता को निर्देश दिये कि परियोजना में विस्थापित परिवारों को भूमि आवंटन/मुआवजा आवंटित करते समय एकरूपता का ध्यान रखा जाय। उन्होंने कहा कि मुआवजा से पूर्व विस्थापित परिवारों का चिन्हीकरण उचित ढंग से किया जाय तथा विस्थापितों का पुनर्वास टाउनशिप विकसित कर किया जाय। उन्होंने केन्द्रीय कपड़ा राज्यमंत्री अजय टम्टा से भी दूरभाष पर वार्ता कर उनसे सुझाव मांगे।

सिंचाई मंत्री ने त्यूनी-प्लासू जल विद्युत परियोजना, सौंग बांध पेयजल परियोजना, हरिपुरा एवं तुमरिया जलाशय के सोलर पावर प्रोजैक्ट की विस्तार से चर्चा की तथा उन्होंने वर्ष 2011-12 से वर्ष 2014-15 तक स्वीकृत सिंचाई योजनाओं को शीघ्रता से पूर्ण करने के निर्देश दिये। उन्होंने लघु सिंचाई की समीक्षा के दौरान प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत 217622.11 लाख के प्रस्ताव के पुनरीक्षण की प्रगति की समीक्षा की तथा केन्द्र पोषित योजना के अन्तर्गत प्रेषित 100 करोड़ के केन्द्रांश आवंटन के प्रस्ताव पर केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री से  होने वाली बैठक  के दौरान उनके समक्ष रखने के निर्देश प्रमुख अभियन्ता को दिये।

बैठक के दौरान मीडिया से चर्चा के दौरान सिंचाई मंत्री ने कहा कि वर्ष भर चार धामों में यातायात सुचारू रखने के लिए आॅल वेदर रोड़ के निर्माण का कार्य आधुनिक तकनीकि से किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए प्रदेश में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का हवाई अड्डा बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि औली में होने वाले शीतकालीन प्रतियोगिता की तैयारी पूरी कर ली गई है। उन्होंने कहा कि पर्यटन के विकास के लिए महाभारत, शैव, शाक्य, सर्किट की योजना प्रस्तावित है।

इस अवसर पर सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव आनन्द वर्द्धन, प्रमुख अभियन्ता ए.के.दिनकर, अपर सचिव देवेन्द्र पालिवाल, मुख्य अभियन्ता दिनेश चन्द्र, लघु सिंचाई के मुख्य अभियन्ता मुहम्मद उमर सहित सिंचाई विभाग के अधीक्षण एवं अधीशासी अभियन्ता उपस्थित थे।

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