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वाराणसी में एक बुनकर बालिका को सोलर लाइट का प्रमाण-पत्र एवं किताबों का किट प्रदान करते हुए: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी साथ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

वाराणसी में एक बुनकर बालिका को सोलर लाइट का प्रमाण-पत्र एवं किताबों का किट प्रदान करते हुए: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी साथ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश

लखनऊ: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा है कि भारत विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। केन्द्र की पिछली सरकार सरकारी धन का इस्तेमाल चुनाव जीतने के लिए करती रही, जिससे देश की आर्थिक स्थिति तबाह हो गयी और इसका असर सीधे-सीधे गरीबों पर पड़ा। उन्होंने कहा कि कोई भी गरीब व्यक्ति अपने आने वाली पीढ़ी को गरीबी विरासत में नहीं देना चाहता। वह अपनी भावी पीढ़ी के उत्थान एवं आर्थिक रूप से मजबूती का सपना देखता है। गरीबों के इसी सपने को हकीकत में साकार करने के उद्देश्य एवं संकल्प के साथ केन्द्र की सरकार कार्य कर रही है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी आज वाराणसी में अपने दो दिवसीय दौरे के पहले दिन 305 करोड़ रुपये की लागत के पं0 दीनदयाल हस्तकला संकुल एवं व्यापार केन्द्र का उदघाटन अवसर पर आयोजित समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने लगभग 1000 करोड़ रुपये की सौगात देते हुए 17 परियोजनाओं का लोकार्पण एवं 6 परियोजनाओं का शिलान्यास किया। उन्होंने वड़ोदरा से बनारस के लिए महामना एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इसके अलावा, उन्होंने जल शव वाहिनी, वाॅटर एम्बुलेंस एवं उत्कर्ष स्माॅल फाइनेंस बैंक के वाराणसी में खुले हेड आॅफिस का उद्घाटन किया। उन्होंने बुनकर लड़के-लड़कियों को सोलर लाइट का प्रमाण-पत्र एवं किताबों का किट उपलब्ध कराया।
प्रधानमंत्री जी ने कई-कई वर्षाें से लम्बित परियोजनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि हम जिन योजनाओं का शिलान्यास करते हैं, उनका लोकार्पण भी करते हैं। वाराणसी में सामनेघाट तथा बलुआघाट पर गंगा नदी पर लगभग 12 वर्षाें से निर्माणाधीन सेतुओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जो काम 12 वर्षाें मंे नहीं हो सका, उसे उत्तर प्रदेश की सरकार ने अपने 6 माह के कार्यकाल में ही पूरा कर दिखाया और आज ये दोनों सेतु आवागमन के लिए राष्ट्र एवं जनता को समर्पित किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन सेतुओं एवं अन्य उदघाटन की जाने वाली परियोजनाओं के माध्यम से निश्चित रूप से विकास का रास्ता खुलेगा। उन्होंने कहा कि पं0 दीनदयाल हस्तकला संकुल एवं व्यापार केन्द्र काशी के शिल्पियों एवं बुनकरों के लिए वरदान है। इस केन्द्र के माध्यम से काशी के बुनकरों को अपनी कला कौशल एवं सामथ्र्य को दिखाने का जहां अवसर मिलेगा, वहीं पूरी दुनिया भी इसे देख सकेगी। इससे बुनकरों का आर्थिक विकास होगा और वे स्वावलम्बी होंगे।
श्री मोदी जी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की प्रशंसा करते हुए कहा कि योगी सरकार ने 6 महीने के अपने कार्यकाल में उत्तर प्रदेश के विकास के रुके एवं जाम हो चुके पहिये को पूरी रफ्तार दे दी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रधानमंत्री जी का स्वागत करते हुए कहा कि 12-12 वर्षाें से लम्बित परियोजनाओं के कारण जनता और विशेषकर काशीवासी निराश हो चुके थे। वे समझने लगे थे कि सामने घाट और बलुआघाट पर बनने वाले सेतु का निर्माण अब पूरा ही नहीं होगा। लेकिन प्रधानमंत्री जी के निर्देश पर राज्य सरकार ने सत्ता में आते ही कार्रवाई करते हुए इन दोनों सेतुओं को पूरा कराया। साथ ही, अन्य रुकी परियोजनाओं को भी गति से पूरा कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पं0 दीनदयाल हस्तकला संकुल से बुनकरों के जीवन में बदलाव आएगा और उनका आर्थिक विकास होगा। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य, केन्द्रीय वस्तु उद्योग एवं सूचना प्रसारण मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने भी सम्बोधित किया।
इसे बाद प्रधानमंत्री जी ने काशी की सिद्वपीठ दुर्गा मंदिर में मां दुर्गा का दर्शन किया तथा मानस मंदिर में दर्शन के साथ ही रामायण पर डाक टिकट जारी किया।
पूर्व में, बाबतपुर हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री जी के पहुंचने पर राज्यपाल श्री रामनाईक जी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य सहित अन्य लोगों ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया।
प्रधानमंत्री जी द्वारा लोकार्पित एवं शिलान्यास की जाने वाली परियोजनाएं
1-व्यापार सुविधा केन्द्र एवं हस्तकला संग्रहालय, बड़ालालपुर, वाराणसी।
वाराणसी के हथकरघा, हस्तशिल्प एवं सिल्क उत्पाद को विकसित करने एवं बढ़ावा देने के लिए वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा व्यापार सुविधा केन्द्र एवं हस्तकला संग्रहालय, वाराणसी का उत्कृष्ट केन्द्र के रूप में निर्माण कराया गया है। इस केन्द्र से 60000 हथकरघा बुनकरों की आजीविका जुड़ी हुई है। इसका मुख्य उद्देश्य (1) प्राचीन नगरी वाराणसी के समृद्ध क्राफ्ट संस्कृति में वृद्धि करना (2) हथकरघा एवं हस्तशिल्प ब्राण्ड के प्रदर्शन हेतु उचित वातावरण एवं प्लेटफार्म उपलब्ध कराना (3) व्यापार घरेलू केन्द्र में विदेशी क्रयकर्ताओं को व्यापार हेतु विविध एवं वृहद प्लेटफार्म उपलब्ध कराना व (4) घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन का विकास करना है। इस केन्द्र का शिलान्यास दिनांकः 07.11.2014 को हुआ व दिनांकः 28.11.2015 से कार्य प्रारम्भ किया गया। कार्य पूर्णता की निर्धारित तिथि दिनांकः 30 सितम्बर, 2017 है। इस निर्माण परियोजना की प्रस्तावित लागत लगभग 253.00 करोड़ है। दिनांकः 22.12.2016 को मा0 प्रधानमंत्री जी, भारत सरकार द्वारा व्यापार सुविधा केन्द्र के प्रथम चरण के अन्तर्गत स्थापित म्यूजियम, क्राफ्ट बाजार एवं प्रवेश प्लाजा का उद्घाटन किया जा चुका है।
2-कज्जाकपुरा स्थित 33/11 के0वी0ए0 विघुत उपकेन्द्र तथा विभिन्न उपकेन्द्रों में 33/11 के0वी0ए0 के प्रवर्तकों (8 नग) की क्षमता वृद्धि
जनपद-वाराणसी (शहर) – आई0पी0डी0एस0 योजना के अन्तर्गत कज्जाकपुरा में  रू.4.50 करोड़ की लागत से 2ग10 एम0वी0ए0 क्षमता के नये 33/11 के0वी0 उपकेन्द्र, कज्जाकपुरा का निर्माण किया गया है। विद्युत उपकेन्द्र के निमार्ण कार्य माह जून 2017 में प्रारम्भ हुआ था जो दिनांक 15 सितम्बर, 2017 को पूर्ण हो गया है।
3-गरथौली स्थित 33/11 के0वी0ए0-
जनपद-वाराणसी (ग्रामीण) – दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अन्तर्गत गरथौली में रू.1.85 करोड़ की लागत से 1ग5 एम0वी0ए0 क्षमता के नये 33/11 के0वी0 उपकेन्द्र, गरथौली का निर्माण किया गया है, जिससे लगभग 18 ग्रामों को बेहतर विद्युत आपूर्ति प्राप्त होगी तथा लो-वोल्टेज की समस्या का निराकरण हो जायेगा। 33/11 के0वी0 विद्युत उपकेन्द्र, गरथौली का निमार्ण कार्य माह अक्टूबर 2016 में प्रारम्भ हुआ था। जो दिनांक 17 सितम्बर, 2017 को पूर्ण हो जायेगा।
4-जनपद वाराणसी में बी0एच0यू0 के प्रवेश द्वार के सामने रामनगर (सामनेघाट) मार्ग पर गंगा नदी सेतु
जनपद वाराणसी में गंगा नदी सेतु सामनेघाट पर 923.95 मी0 लम्बे सेतु की स्वीकृति शासनादेश दिनांकः 01.02.2006 द्वारा रू0 4508.90 लाख की प्राप्त हुई, जिसमें सेतु अंश रू0 3893.00 लाख था। सेतु का निर्माण कार्य दिनांकः 20.09.2006 को प्रारम्भ किया गया। वन विभाग के साथ समस्याओं के कारण सेतु का निर्माण कार्य एक वर्ष तक बाधित रहा। सेतु के 923.95 मी0 में 264 मी0 लम्बाई में नेवीगेशनल स्पान के सुपर स्ट्रक्चर में स्अील ट्रस का प्राविधान किया गया है। सेतु की पुनरीक्षित स्वीकृति दिनांकः   27.04.2016 को रू0 9772.32 लाख की प्राप्त हुई, जिसमें सेतु अंश रू0 8474.38 लाख एवं पहुॅंच मार्ग अंश रू0 1297.97 लाख है। इस सेतु के निर्माण से रामनगर से वाराणसी आने के लिए यातायात सुगम हो गया है एवं दूरी काफी घट गयी है। सेतु को पूर्ण करने की तिथि माह अगस्त, 2017 है।
5-जनपद वाराणसी में धानापुर-चहनियॉं मार्ग पर गंगा नदी सेतु बलुआघाट का निर्माण
जनपद वाराणसी में धानापुर-चहनियॉं मार्ग पर 981.69 मी0 लम्बे सेतु की स्वीकृति शासनादेश दिनांकः 19.11.2005 द्वारा रू0 3863.81 लाख की प्राप्त हुई, जिसमें सेतु अंश रू0 3664.73 लाख प्राविधानित था। गंगा नदी सेतु बलुआघाट का निर्माण कार्य दिनांकः 19.04.2006 को प्रारम्भ किया गया। सेतु के नैवीगेशनल स्पान के निर्माण हेतु भारतीय अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण, भारत सरकार से अनापत्ति प्रमाण पत्र दिनांकः 19.02.2014 को निर्गत हुआ, जिसके कारण विलम्ब हुआ। सेतु के 981.69 मी0 में 356 मी0 लम्बे नैवीगेशनल पानक े सुपर स्ट्रक्चर में स्अील ट्रस का प्राविधान किया गया है। सेतु की पुनरीक्षित स्वीकृति दिनांकः 27.04.2016 को रू0 9218.38 लाख की प्राप्त हुई, जिसमें सेतु अंश रू0 8513.09 लाख एवं पहुॅंच मार्ग अंश रू0 705.29 लाख है। इस सेतु के निर्माण हो जाने से धानापुर साइड के कईं गांवों की लगभग 10 लाख की आबादी लाभान्वित होगी। सेतु को पूर्ण करने की तिथि माह अगस्त, 2017 है।
6-उत्कर्ष बैंक मुख्यालय
उत्कर्ष माइक्रो फाइनेन्स की शुरूवात वाराणसी की 4 शाखाओं से की गयी है। सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हुये वित्तीय एवं गैर वित्तीय सेवाओं के माध्यम से वंचित वर्ग के लोगों का सहयोग करते हुये उत्कर्ष बैंक आज अपनी 400 से अधिक माइक्रो फाइनेन्स व अन्य ऋण केन्द्रों द्वारा 12 लाख से अधिक वर्तमान महिला सदस्यों के साथ है। शत-प्रतिशत महिलायें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, 90 प्रतिशत से अधिक महिलायें एस0सी0/एस0टी0/आ0बी0सी0 वर्ग एवं 70 प्रतिशत से अधिक महिलायें ग्रामीण क्षेत्र से आती हैं। आज उत्कर्ष बैंक 10 राज्यों के 110 जिलों में अपनी 4000 से अधिक कर्मियों के साथ वित्तीय सेवायें प्रदान कर रहा है।
वित्तीय समावेशन को नये आयाम पर पहुॅचाने हेतु भारतीय रिजर्व बैंक ने उत्कर्ष को हाल ही में ’लघु वित्त बैंक स्थापना हेतु लाइसेंस जारी किया है। वाराणसी में प्रधान कार्यालय के साथ उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ राज्यों के क्षेत्र का यह पहला वाणिज्यिक बैंक है। उत्कर्ष बैंक का ध्येय प्रधानमंत्री के डिजिटल एवं जन-जन तक बैंकिंग सेवाओं को पहुॅंचाने के सपन में अपना योगदान अंकित करता है।
7-मालवीय एथिक्स सेन्टर, बी0एच0यू0-
मालवीय एथिक्स सेन्टर, बी0एच0यू0 का निर्माण केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग, वाराणसी द्वारा किया गया है। पूर्ण निर्मित भवन को उप समन्वयक, मालवीय मूल्य अनुशीलन केन्द्र, बी0एच0यू0 को हस्तान्तरित कर दिया गया है। इसके निर्माण की कुल लागत रू0 14.99 करोड़ है व कुल क्षेत्रफल 2702.00 वर्ग मीटर है। यह भवन तीन मंजिला है, जिसमें 218 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता का ऑडिटोरियम, ओपेन थियेटर, क्लास रूम, सेमिनार हॉल एवं लाइब्रेरी है।
8-डी सेन्ट्रलाइज्ड वेस्ट-टू-इनर्जी पहड़िया बायोमेकेनाइजेशन प्लान्ट –
भारत सरकार के स्वच्छ भारत अभियान के तत्वाधान में इंडियन आयल द्वारा वाराणसी में वेस्ट टू फ्यूल संयत्र कंपनी के सी0एस0आर0 योजना के अन्तर्गत संयंत्र लगाने का प्रस्ताव है। प्रत्येक प्लांट की छमता 5 टन जैविक कूड़े से 400 यूनिट कुल बिजली और 400 किग्रा खाद प्रतिदिन बनाने की योजना है। प्लांट में थर्माेफिलिक हाई सोलिड तकनिकी का प्रयोग किया जा रहा है, जिसके कारण सीवरेज/वेस्ट वाटर नहीं बनता है। इस पूरे प्रोजेक्ट की कुल लागत 20 करोड रूप्ये की हैं । पहडिया स्थित यह प्लांट 3000 वर्ग फीट भूमि पर स्थापति है और इसकी कुल लागत 1.57 करोड रूपये है।
9-दुर्गाकुण्ड सौन्दर्यीकरण-
दुर्गाकुण्ड एक ऐतिहासिक कुंड है, जो समय पर खराब हो गया था। परियोजना का दायरा तालाब की मरम्मत और सुशोभित करना था तथा जैव चिकित्सा विधि द्वारा जल की गुणवत्ता का इलाज करना था। गुंजाइश में पानी की गुणवत्ता को पांच साल तक बनाये रखना शामिल है। इस परियोजना की लागत रू0 4.3 करोड़ (5 साल के लिए रख-रखाव सहित) है व समापन लागत रू0 2.83 करोड़ (रख-रखाव अवधि के लिए 1.5 करोड़ रू0) है। इस कार्य की समापन तिथि दिनांकः 31.05.2017 है। यह कार्य एन0बी0सी0सी0/ ओ0एन0जी0सी0 द्वारा कराया जा रहा है।
10-लक्ष्मीकुण्ड सौन्दर्यीकरण-
लक्ष्मी कुंड एक ऐतिहासिक कुंड है, जो समय के दौरान खराब हो गया था। परियोजना का दायरा तालाब की मरम्मत और सुशोभित करना था तथा जैव चिकित्सा विधि द्वारा जल की गुणवत्ता का इलाज करना था। गुंजाइश में पानी की गुणवत्ता को पांच साल तक बनाए रखना शामिल है। इस परियोजना की लागत रू0 1.7 करोड़ (5 वर्षों के लिए रख-रखाव सहित) है व कार्य समापन तिथि दिनांकः 20.09.2017 है। इस कार्य को एन0बी0सी0सी0/ओ0एन0जी0सी0 द्वारा कराया जा रहा है।
11-सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र आराजीलाईन में 30 बेड मैटरनिटी विंग-
जनपद वाराणसी के विकास खण्ड आराजी लाईन में 30 शैय्यामुक्त एफ0सी0एच0 विंग का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है तथा यह भवन लोकार्पण योग्य है। यह योजना वर्ष 2012-13 में स्वीकृत हुई थी तथा इसकी स्वीकृत लागत रू0 277.52 लाख है। इस कार्य हेतु कार्यदायी संस्था उ0प्र0 प्रोजेक्ट कारपोरेशन लि0 है।
12-थाना चोलापुर में 80 व्यक्तियों हेतु बैरक निर्माण-
थाना चोलापुर में पुलिस कर्मियों के रहने हेतु 80 व्यक्तियों की क्षमता वाले बैरक का निर्माण कार्य कराये जाने हेतु उ0प्र0 राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्श 2011-12 में कार्यदायी संस्था यू0पी0 प्रोजेक्ट्स कार्पाेरेषन लिमिटेड (न्च्च्ब्स्) को कुल-मु0 125.8 लाख रुपये की धनराशि आवंटित किया गया है। उक्त बैरक का मा0 प्रधानमंत्री, भारत सरकार द्वारा दिनांक 22-09-2017 को उद्घाटन किया जाना प्रस्तावित है।
13-बुद्धा थीम पार्क सारनाथ-
अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध पर्यटन स्थल सारनाथ जहॉ भगवान बुद्ध ने अपने पॉच शिष्यों को प्रथम धर्माेपदेश दिया था। यह स्थल बुद्धिस्ट सर्किट अंतर्गत एक अति महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। यहॉ वर्षपर्यंत लाखों की संख्या में भारतीय एवं विदेशी पर्यटकों का आवागमन होता है। यहॉ भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित म्यूजियम, उत्खनन क्षेत्र, मूलगंध कुटी विहार सहित विभिन्न देशों के बौद्ध मंदिर व मोनस्ट्री स्थित है। वर्ष 2015-16 में पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार  की प्रसाद योजना अंतर्गत बुद्धा थीम पार्क का निर्माण हेतु रू0  256.39 लाख स्वीकृत किया गया था, जिसमें पर्यटकों हेतु एक वृहद पार्क, पार्किंग, पाथवे, लैण्डस्केपिंग, वृक्षारोपण आदि का कार्य कराया गया है, जिससे यहॉ आने वाले भारतीय विदेशी पर्यटक इस पार्क का भ्रमण कर यहॉ उपलब्ध सुविधाओं का लाभ प्राप्त कर सकेगे।
14-सारंग नाथ तालाब सारनाथ सौन्दर्यीकरण-
सारनाथ में स्थित सारंगनाथ मंदिर व तालाब एक धार्मिक महत्व का तीर्थस्थल है। यहॉ भगवान शंकर का एक भव्य मंदिर जिसमें वर्षपर्यंत हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते है, विशेषकर श्रावण मास एवं महाशिवरात्र के दिन यहॉ मेले का आयोजन भी होता है। उक्त स्थल पर स्थित तालाब अत्यन्त जीर्ण शीर्ण अवस्था में था। भारत सरकार, पर्यटन मंत्रालय के प्रसाद योजना अंतर्गत यहॉ तालाब का सुन्दरीकरण का कार्य, तालाब के चारों ओर पाथवे, पर्यटकों के बैठने हेतु गैजेबो, तालाब तक पहुंच मार्ग का निर्माण रू0 291.42 लाख की लागत से कार्य कराया गया है।
15-गुरूधाम मन्दिर-
वाराणसी शहर में भेलूपुर दुर्गा मार्ग पर गुरूधाम मंदिर अवस्थित है। यह लगभग 200 वर्ष प्राचीन योग साधना की भाव भूमि पर निर्मित यह विशिष्ट मंदिर है, जिसकी स्थिति दयनीय थी। भारत सरकार, पर्यटन मंत्रालय के प्रसाद स्कीम अंतर्गत वर्ष 2015-16 रू0 82.08 लाख स्वीकृत किया गया था, जिसके सापेक्ष पार्क, पाथवे, स्वागत केन्द्र, शौचालय, विद्युतीकरण आदि का प्राविधान किया गया है। यहॉ पर प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में देशी-विदेशी पर्यटकों का आवागमन होता है।
16-मारकण्डेय महादेव मन्दिर, कैथी/कैथी में गंगा घाट का विकास-
मारकण्डेय महादेव धाम एक ऐतिहासिक एवं पौराणिक शिव स्थल है, जहॉ पर प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर के श्रद्धालुओं का आवागमन होता है। प्रतिदिन हजारों की संख्या  में श्रद्धालु गंगा में स्नान कर मारकण्डेय महादेव का दर्शन करते है। पर्यटकों की सुविधा हेतु भारत सरकार, पर्यटन मंत्रालय के प्रसाद स्कीम अंतर्गत वर्ष 2015-16  पर्यटकों हेतु  रू0 302.71 के लागत से पाथवे, रेलिंग, शेड आदि मूलभूत सुविधाओं का सृजन लोकहित में कराया गया है।
मारकण्डेय महादेव धाम एक ऐतिहासिक एवं पौराणिक शिव स्थल है, जहॉ पर प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर के श्रद्धालुओं का आवागमन होता है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु गंगा में स्नान कर मारकण्डेय महादेव का दर्शन करते है। गंगा में घाट न होने के कारण पर्यटकां/श्रद्धालुओं को स्नान एवं गंगा पूजन में कठिनाइयों का सामना करना पडता था। पर्यटकों की सुविधा हेतु भारत सरकार, पर्यटन मंत्रालय के प्रसाद स्कीम अंतर्गत वर्ष 2015-16  पर्यटकों हेतु  रू0 408.20 लाख की लागत से 40 मी0 लम्बाई में घाट एवं सम्पर्क मार्ग का निर्माण कराया गया है।
17-राजकीय पशुधन एवं कृषि प्रक्षेत्र आराजी लाईन्स, वाराणसी का सुदृढ़ीकरण कार्य-
जनपद वाराणसी के आराजी लाइन्स विकास खण्ड में स्थित ग्राम शहंशाहपुर में गंगातीरी गायों के संवर्धन एवं विकास के लिये 100 गायों का काऊशेड, 200 बछड़ों का काफशेड, पशु चिकित्सालय, मिल्क कलेक्शन सेन्टर, शिरोपरि जलाशय, नलकूप एवं पम्पगृह, बाउण्ड्रीवाल एवं वाह्य स्थल विकास का निर्माण कार्य लागत रू0 3.65 करोड में कराया गया है ।
शिलान्यास की गयी परियोजनाएं
1-अमृत योजनान्तर्गत नगर निगम के 7 पार्कों यथा नाटी इमली, अशोक विहार, चन्द्रिका विहार, सुन्दरपुर पार्क, तिलभाण्डेश्वर पार्क, रत्नाकर पार्क तथा संजय नगर पार्क का सुन्दरीकरण कार्य-
अमृत योजनान्तर्गत 7 पार्कों क्रमशः नाटी इमली पार्क, तिलभाण्डेश्वर पार्क, चन्द्रिका नगर पार्क, अशोक बिहार पार्क, सुन्दरपुर पार्क तथा संजय नगर पार्क को एस0एल0टी0सी0 द्वारा स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है । वर्तमान समय नगर निगम, वाराणसी द्वारा चयनित संस्थाओं के साथ अनुबन्ध की कार्यवाही पूर्ण कर ली गयी है । संस्थाओं द्वारा दिनांक 30 सितम्बर, 2017 से पूर्व कार्य प्रारम्भ कर लिया जायेगा ।
2-नगर निगम क्षेत्र अन्तर्गत गृह जल संयोजन का कार्य-
अमृत योजना के अंतर्गत वाराणसी महानगर के पांचों जोन में घरेलू गृह जल संयोजन हेतु 50058 कनेक्शन दिया जाना है इसके लिए शासन द्वारा रू0 29.71 करोड़ की धनराशि स्वीकृत है। इसके लिए टेण्डर/कार्यवाही प्रचलित है।
3-श्री अन्न क्षेत्र श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर-
वाराणसी के दशाश्वमेध वार्ड, टेढ़ी नीम, स्थित भवन सं0 डी0 14/51(जम्मू कोठी) का क्षेत्रफल 503.79 वर्ग मी0 है । यह भवन जम्मू-कष्मीर धर्मार्थ ट्स्ट से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद् के अनुमदनोपरान्त उ0 प्र0 शासन की स्वीकृति दिनांक 19 फरवरी 2016 के क्रम में श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर के अन्नक्षेत्र के भवन निर्माण हेतु क्रय किया गया है । भवन निर्माण के लिये शासन से रू0 1310.07 लाख की परियोजना स्वीकृत है । शासन स्तर से उ0प्र0 आवास विकास परिषद को कार्यदायी संस्था नामित किया गया है । इस भवन का शिलान्यास मा0 प्रधानमंत्री, भारत सरकार द्वारा किया जाना प्रस्तावित है।
4-रमना एस0टी0पी0 (नमामि गंगे योजना)-
नमामि गंगे कार्यक्रम के अन्तर्गत रमना में 50 एम0एल0डी0 क्षमता के एस0टी0पी0 के निर्माण की योजना लागत रू0 153.15 करोड स्वीकृत हुई है। स्वीकृत योजना के अनुसार अस्सी नदी, सामनेघाट नाला एवं नक्खा नाला में गिर रहे घरेलू सीवेज को प्रस्तावित एस0टी0पी0 पर प्रत्यावर्तित कर वर्तमान मानक के अनुसार शोधन किया जायेगा तथा शोधित अवजल को सिंचाई में प्रयोग किया जायेगा। एस0टी0पी0 का निर्माण कार्य नवम्बर 2017 में प्रारम्भ कर नवम्बर 2019 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। योजना के पूर्ण होने पर अस्सी नदी, सामनेघाट नाला एवं नक्खा नाले में बह रहे घरेलू सीवेज के माध्यम से गंगा नदी में हो रहे प्रदूषण की रोकथाम हो सकेगी।
5-नगर निगम क्षेत्र अन्तर्गत गृह सीवर संयोजन का कार्य-
वाराणसी नगर के ट्रान्स वरूणा क्षेत्र में जे0एन0एन0यू0आर0एम0 के अन्तर्गत स्वीकृत सीवरेज योजना में 142.58 कि0मी0 सीवर लाइन बिछाये जाने का कार्य प्रस्तावित था। जिसके सापेक्ष 142.15 कि0मी0 सीवर लाइन बिछायी जा चुकी है। उक्त योजना के अन्तर्गत बिछायी गयी सीवर लइन से घरेलू सीवर संयोजन का कार्य सम्मिलित नहीं था । वर्तमान में अमृत योजना के अन्तर्गत ट्रांस वरूणा क्षेत्र में घरेलू सीवर संयोजन का कार्य कराया जा रहा है। कार्य की स्वीकृत लागत स्0 16283.25 लाख है। उक्त कार्य को परियोजना क्षे.त्र के 16 वार्डों के आधार पर विभक्त कर के अलग-अलग फर्मों द्वारा कराया जा रहा है। इसमें कुल 50260 नग हाउस कनेक्शन का कार्य प्रस्तावित है। वर्तमान में 13 वार्डों में कार्य प्रगति पर है। 2 वार्डों में कार्य का अनुबंध गठित किया जा रहा है। तथा 1 वार्ड में कार्य की निविदा प्रक्रिया अंतिम चरण में है। वर्तमान तक 50260 नग हाउस कनेक्शन के सापेक्ष 6000 नग हाउस कनेक्शन का कार्य पूर्ण किया जा चुका है।
उल्लेखनीय है कि ट्रांस वरूणा क्षेत्र में उत्पन्न होने वाले समस्त सीवेज का शोधन गोइठहां में निर्माणाधीन 120 एम0एल0डी0 क्षमता के एस0टी0पी0 पर किया जाना प्रस्तावित है। उक्त एस0टी0पी0 का निर्माण कार्य पूर्ण करने की लक्षित तिथि 31 दिसम्बर 2017 है। एस0टी0पी0 की क्रियाशील होने के पश्चात ही बिछाया गया सीवर नेटवर्क क्रियाशील हो सकेगा।
6-अमृत एवं स्मार्ट सिटी-
इसके अन्र्तगत आई0टी0एम0एस0 तथा सिटी कमाण्ड सिस्टम एण्ड कण्ट्रोल एण्ड सर्विलांस सिस्टम, मल्टी लेबल पार्किग एवं व्यावसायिक भवन, स्मार्ट पार्क व स्मार्ट रोड, स्मार्ट वाटर व एन0आर0डब्लू0 कम करने का कार्य, फसाड इन्म्प्रूवमेण्ट व घाटों के जीर्णाेद्धार का कार्य तथा बेनियाबाग पार्क के विकास का कार्य प्रस्तावित है। जलापूर्ति कार्यक्रम के अन्र्तगत 2970.00 लाख रु0 लागत स्वीकृत है, जिसके सापेक्ष एस0एल0टी0सी0 की स्वीकृति अपेक्षित है। सीवरेज एवं सेप्टेज प्रबन्धन के अन्र्तगत 16283.00 लाख रु0 लागत स्वीकृत है, जिसके सापेक्ष 753.00 लाख रु0 व्यय किए जा चुके है। पार्काे के सुन्दरीकरण हेतु 200.00 लाख रु0 स्वीकृत है, जिसके सापेक्ष 17.78 लाख रु0 व्यय किया जा चुका है।
अन्य 
किसान ऋण मोचन योजना-
जनपद में कुल ऋणी कृषकों की संख्या-22678 है, जिसमें से प्रथम चरण हेतु आधार फीडेड कृषकों की संख्या-11528, जिसमें से 4537 कृषक अपात्र पाये गए है, जिन्होने या तो अपना ऋण चुकता कर दिया गया है या तो उनके पास 2 हेक्टेयर से अधिक भूमि है। प्रथम चरण में 4696 कृषक पात्र पाये गये है, जिनके रूपये-257529139.83 संबंधित कृषक के ऋण खाते में प्रदेश सरकार द्वारा भुगतान किया जा चुका है। जिसमे से 2892 को ऋण मोचन प्रमाण पत्र दिया जा चुका है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण)
वर्ष 2016-17 मे 5143 लाभार्थियों का लक्ष्य है, जिसके सापेक्ष 5030 लाभार्थियों को प्रथम किश्त की धनराशि तथा 2081 लाभार्थियों को द्वितीय किश्त की धनराशि अवमुक्त कर दी गयी है। वर्ष 2017-18 मे 2297 लाभार्थियों के लक्ष्य के सापेक्ष 1184 लाभार्थियों को प्रथम किश्त की धनराशि अवमुक्त कर दी गयी है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी)
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) योजनान्तर्गत वर्ष 2017-18 मे 4660 आवासों को स्वीकृत किया जा चुका है।

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