नई दिल्लीः भारत सरकार ने 7 मई, 2018 को भारत सरकार (व्यवसाय का आवंटन) नियम, 1961 में संशोधन कर वाणिज्य विभाग में ‘डंपिंग रोधी एवं संबद्ध शुल्क महानिदेशालय’ के स्थान पर ‘व्यापार उपाय महानिदेशालय’ का सृजन किया। इससे एकीकृत एकल छत्र (अम्ब्रेला) राष्ट्रीय प्राधिकरण के सृजन का मार्ग प्रशस्त हो गया है जो व्यापार उपाय महानिदेशालय (डीजीटीआर) के नाम से जाना जाएगा। डीजीटीआर का सृजन भारत में व्यापक एवं त्वरित व्यापार सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया है। व्यवसाय आवंटन नियमों में संशोधन से वाणिज्य विभाग को हिफाजती उपायों की सिफारिश करने से संबंधित कार्य करने की भी जिम्मेदारी सौंप दी गई है।
डीजीटीआर नई व्यवस्था के तहत डीजीएफटी के डीजीएडी, डीजीएस और हिफाजत (क्यूआर) से संबंधित कार्यों को अपने दायरे में ला देगा, जो इन सभी का विलय एकल राष्ट्रीय निकाय में करने से संभव होगा। डीजीटीआर डंपिंग रोधी, सीवीडी और हिफाजत संबंधी उपायों से निपटेगा।
डीजीटीआर वाणिज्य विभाग के एक संबद्ध कार्यालय के रूप में काम करेगा। डंपिंग रोधी, प्रतिकारी (काउंटरवेलिंग) एवं हिफाजती शुल्क लगाने के लिए डीजीटीआर द्वारा की जाने वाली सिफारिश पर राजस्व विभाग विचार करेगा।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने इस तथ्य पर संतोष व्यक्त किया कि डीजीटीआर के सृजन के प्रस्ताव को प्रधानमंत्री के नेतृत्व में मंजूरी दे दी गई है। यह प्रस्ताव वर्ष 1997 से ही लंबित था। यह मंजूरी घरेलू उद्योग के हित में एक अत्यंत महत्वपूर्ण फैसला है।