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रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने हादसों की नैतिक जिम्मेदारी ली, पीएम से की इस्तीफे पेशकश

रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने हादसों की नैतिक जिम्मेदारी ली, पीएम से की इस्तीफे पेशकश
देश-विदेश

नई दिल्ली: लगातार हो रहे रेल हादसों के बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने हादसों की नैतिक जिम्मेदारी ली है. इस सिलसिले में प्रभु आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलने पहुंचे. उन्होंने पीएम से इस्तीफे की पेशकश की है. मुलाकात के बाद प्रभु ने बताया कि पीएम ने उन्हें कुछ दिन इंतजार करने को कहा.

सुरेश प्रभु ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर हादसों पर अपना दर्द व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि पिछले करीब 3 साल में रेलवे के सुधार के लिए मैंने अपना खून-पसीना बहाया. पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मैंने दो दशकों से पटरी से उतर चुकी रेलवे में सुधार के लिए कई काम किए. रेल हादसों में लोगों की मौत और घायल होने से मैं बेहद आहत हुआ हूं.

इससे पहले आज ओरैया में हुए रेल हादसे के बाद रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अशोक कुमार मित्तल ने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना इस्तीफा रेल मंत्री सुरेश प्रभु को सौंपा. लगातार हो रहे रेल हादसों के बाद उन्होंने इस्तीफा दिया है. मित्तल को पिछले साल ही दो साल का एक्सटेंशन मिला था.

ओरैया हादसे में 74 घायल

ओरैया हादसे में करीब 74 लोग घायल हो गए. रेल हादसा रात दो बजे हुआ जब कैफियत एक्सप्रेस ट्रैक पर खड़े डंपर से टकरा गई. आजमगढ़ से दिल्ली से जा रही कैफियत एक्सप्रेस ट्रेन के 10 डिब्बे इंजन सहित पटरी से उतर गए.

उत्तर मध्य रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि ट्रेन आजमगढ़ से दिल्ली जा रही थी और तड़के दो बजकर करीब 50 मिनट पर पाटा और अच्छल्दा रेलवे स्टेशन के मध्य एक डंपर इसके इंजन से टकरा गया. ओरैया के पुलिस अधीक्षक संजीव त्यागी ने बताया कि कानपुर से आगे बढ़ने के बाद अच्छल्दा और पाटा रेलवे स्टेशन के बीच यह हादसा हुआ. टक्कर इतनी भीषण थी कि ट्रेन का एक डिब्बा पलट गया जबकि कुछ डिब्बे पटरी से उतर गए.

डंपर कैसे ट्रैक पर पहुंचा और इतनी बड़ी लापरवाही पर किसी का ध्यान क्यों नहीं गया, इसके सवाल मिलने अभी बाकी है. रेलवे की तरफ से विरोधाभासी बयान आ रहे हैं.

खतौली ट्रेन हादसा, 23 की मौत  

4 दिन पहले ही मुजफ्फरनगर के खतौली में बड़ा ट्रेन हादसा हुआ था. बीते शनिवार को उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर के खतौली में कलिंगा उत्कल एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए थे. इस रेल हादसे में 23 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 97 से ज्यादा लोग घायल गंभीर रूप से घायल हो गए थे. कलिंगा उत्कल एक्सप्रेस पुरी से हरिद्वार जा रही थी. शाम 5.45 बजे ये ट्रेन खतौली-मुजफ्फरनगर में पटरी से उतर गई. इस ट्रेन हादसे के बाद रेलवे की बड़ी लापरवाही सामने आई थी. दरअसल जब ये हादसा हुआ उस वक्त पटरी पर काम चल रहा था.

By: india.com

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