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रेल मंत्री भारतीय रेल के ‘मिशन विद्युतीकरण’ और ‘प्रथम ईपीसी’ के संबंध में हितधारकों के साथ समझौते के आदान-प्रदान के अवसर पर मुख्य अतिथि थे

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नई दिल्ली: रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु भारतीय रेल के ‘मिशन विद्युतीकरण’ और ‘प्रथम ईपीसी’ (इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट कन्सट्रक्शन) के संबंध में हितधारकों के साथ समझौते के आदान-प्रदान के अवसर पर मुख्य अतिथि थे।

रेल राज्य मंत्री एवं संचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री मनोज सिन्हा इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित थे। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष श्री ए. के. मित्तल, सदस्य (ट्रैक्शन) श्री घनश्याम सिंह सहित रेलवे बोर्ड के अन्य सदस्य तथा वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा कि भारतीय रेल संरचना निर्माण और विद्युतीकरण पर जोर दे रही है। पिछले चार वर्षों के दौरान 16,815 रूट किलोमीटर पर कुल 103 विद्युतीकरण परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है, जिसकी अनुमानित लागत 17,615 करोड़ रुपये है। भारतीय रेल ने पहली बार विद्युतीकरण परियोजनाओं के लिए एजेंसिओं के साथ साझेदारी की है। इस तरह इरकॉन, राइट्स और पीजीसीआईएल को 1735 रूट किलोमीटर परियोजनाएं सौंपी गई हैं।

इस अवसर पर रेल राज्य मंत्री श्री मनोज सिन्हा ने कहा कि रेलवे ने श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु के नेतृत्व में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। परियोजनाओं को तेजी के साथ कार्यान्वित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मिशन विद्यतीकरण रेलवे में आमूल बदलाव लाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे ट्रैक्शन बिल में कमी आयेगी और रेलवे का संचालन बेहतर तरीके से होगा। 4000 रूट किलोमीटर के विद्युतीकरण की महत्वाकांक्षी योजना से उत्सर्जन में कमी आएगी और पर्यावरण की रक्षा होगी।

रेलवे बोर्ड के सदस्य (ट्रैक्शन) श्री घनश्याम सिंह ने कहा कि भारतीय रेल भारत सरकार की कार्बन को कम करने की नीति के तहत काम कर रही है। अगले पांच वर्षों के दौरान लगभग सभी बड़ी लाइनों का विद्युतीकरण कर लिया जाएगा। इस तरह 2020-21 से ईंधन बिल में 3300 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष की कमी आ जाएगी।

पृष्ठभूमिका :

भारतीय रेल ने रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु के मार्गदर्शन में 3 नवम्बर, 2016 को मिशन विद्युतीकरण शुरू किया था, जिसके तहत 24,400 रूट किलोमीटर के विद्यतीकरण की योजना है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना को सफल बनाने के लिए भारतीय रेल ने रेल विकास निगम लिमिटेड, इरकॉन और राइट्स के अलावा पॉवरग्रिड कॉरपोरेशन इंडिया लिमिटेड को भी विद्युतीकरण का काम सौंपा है। कम समय में ही मिशन विद्युतीकरण के अंग के रूप में हाल में 10 विभिन्न विद्युतीकरण परियोजनाएं शुरू कर दी गई हैं। इनके तहत 2797 करोड़ रुपये की लागत से 2516 रूट किलोमीटर का विद्युतीकरण किया जाना है।

रेल विद्युतीकरण परियोजनाओं के संबंध में समझौतों का आदान-प्रदान 

क्र. स. परियोजना समझौते का आदान-प्रदान
1 प्रथम  ईपीसी अनुबंध (“दिल्ली सराय रोहिल्ला–रेवाड़ी और अलवर-बांदीकुई-जयपुर-फुलेरा-मदार)

(353 रूट किलोमीटर, लागत 594 करोड़ रुपये)

 

श्री राजीव ज्योति, मुख्य कार्यकारी  (रेलवे व्यापार), लार्सन एंड टुब्रो

एवं

श्री एस. पी. त्रिवेदी,

महाप्रबंधक,

सीओआरई/इलाहाबाद

2 द्वितीय ईपीसी अनुबंध  (“कोंकण रेलवे का रोहा-वर्ना सेक्शन”)

(428 रूट किलोमीटर, लागत 456 करोड़ रुपये)

श्री राजीव ज्योति, मुख्य कार्यकारी  (रेलवे व्यापार), लार्सन एंड टुब्रो

एवं

श्री राजेन्द्र कुमार,

निदेशक, वे एंड वर्क्स

कोंकण रेलवे

3 पुणे-मिराज-कोल्हापुर

(326 रूट किलोमीटर, लागत 513.07 करोड़ रुपये)

श्री आई. एस. झाअध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक/पीजीसीआईएल

एवं

श्री डी के शर्मा,

महाप्रबंधक,

मध्य रेलवे

4 छिंदवाड़ा-नैनपुर-मंडला फोर्ट

(183 रूट किलोमीटर, लागत 90.71 करोड़ रुपये)

श्री आई. एस. झाअध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक/पीजीसीआईएल

एवं

श्री एस. एस. सोइन,

महाप्रबंधक,

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे

5 मानसी-सहरसा-दौराम मधेपुरा

(63 रूट किलोमीटर, लागत 65.55 करोड़ रुपये)

श्री आई. एस. झाअध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक/पीजीसीआईएल

एवं

श्री डी के गायेन,

महाप्रबंधक,

पूर्व मध्य रेलवे

6 लोंडा-मिराज

(189 रूट किलोमीटर, लागत 208.15 करोड़ रुपये)

श्री आई. एस. झाअध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक/पीजीसीआईएल

एवं

श्री ए. के. गुप्ता,

महाप्रबंधक,

दक्षिण पश्चिमी रेलवे

7 विजयपुर-मक्सी

(188 रूट किलोमीटर, लागत 141.25 करोड़ रुपये)

श्री राजीव मेहरोत्राअध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक/ राइट्स

एवं

श्री गिरिश पिल्लई,

महाप्रबंधक,

पश्चिम मध्य रेलवे

8 रिंगस-जयपुर-सवाई माधोपुर

(188 रूट किलोमीटर, लागत 163.73 करोड़ रुपये)

श्री राजीव मेहरोत्राअध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक/ राइट्स

एवं

श्री गिरिश पिल्लई,

महाप्रबंधक,

उत्तर पश्चिम रेलवे

9 मथुरा-कासगंज-कल्याणपुर

(338 रूट किलोमीटर, लागत 305.90 करोड़ रुपये)

श्री एस. के. चौधरीअध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक/इरकॉन

एवं

श्री एस. पी. त्रिवेदी,

महाप्रबंधक,

उत्तर पूर्व रेलवे

10 कटनी-सिंगरौली

(260 रूट किलोमीटर, लागत 258.33 करोड़ रुपये)

श्री एस. के. चौधरीअध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक/इरकॉन

एवं

श्री गिरिश पिल्लई,

महाप्रबंधक,

पश्चिम मध्य रेलवे

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