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रेल मंत्रालय ने आज साइंस एक्‍सप्रेस ट्रेन के मडगांव चरण का शुभारंभ किया

रेल मंत्रालय ने आज साइंस एक्‍सप्रेस ट्रेन के मडगांव चरण का शुभारंभ किया
देश-विदेशप्रौद्योगिकी

नई दिल्ली: 17 फरवरी, 2017 से संपूर्ण देश की यात्रा कर रही प्रतिष्‍ठित साइंस एक्‍सप्रेस प्रदर्शनी रेल अपनी यात्रा के 9वें चरण में आज दिनांक 11 जुलाई, 2017 को गोवा के मडगांव पहुंची। यात्रा के इस चरण का नाम साइंस एक्‍सप्रेस क्‍लाइमेट एक्‍शन स्‍पेशल (एसईसीएएस) दिया गया है, जो जलवायु परिवर्तन की चुनौती को रेखांकित करता है। रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने आज दिल्‍ली में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सांइस एक्‍सप्रेस के मडगांव चरण का शुभारंभ किया। एसईसीएएस के तहत जलवायु परिवर्तन और विज्ञान व तकनीक पर विशेष बल दिया जा रहा है। यह प्रदर्शनी जलवायु परिवर्तन का संदेश दे रही है और इस विषय पर आपसी बातचीत व चर्चा के लिए अच्‍छा अवसर प्रदान कर रही है। यह प्रदर्शनी ट्रेन आम लोगों के लिए मडगांव रेलवे स्‍टेशन पर 11 से 13 जुलाई, 2017 तक उपलब्‍ध रहेगी। इसके बाद यह रेल अपने तय कार्यक्रम के अनुसार अगले गंतव्‍य की ओर प्रस्‍थान करेगी।

पृष्‍ठभूमि

साइंस एक्‍सप्रेस भारत सरकार के विज्ञान और तकनीकी विभाग का महत्‍वपूर्ण कार्यक्रम है। यह 16 डिब्‍बों वाली वातानुकूलित रेल है, जो अक्‍टूबर, 2007 से पूरे देश का भ्रमण कर रही है। अपने प्रारंभ से लेकर अब तक यह संपूर्ण देश की 8 यात्राएं कर चुकी हैं। अब तक यह कुल 1,53,000कि.मी. दूरी तय कर चुकी है और 495 स्‍थानों पर प्रदर्शनी का आयोजन कर चुकी है। प्रदर्शनी के कुल 1712 दिनों में 1.64 करोड़ लोग प्रदर्शनी देखने आए। साइंस एक्‍सप्रेस सबसे बड़ी और सबसे लंबी गतिशील विज्ञान प्रदर्शनी बन चुकी है और लिम्‍का बुक में इसके नाम से 12 कीर्तिमान दर्ज हैं।

साइंस एक्‍सप्रेस के पहले से चौथे चरण के दौरान विज्ञान व तकनीक में विश्‍व स्‍तरीय शोधों व अनुसंधानों को प्रदर्शित किया गया। पांचवें से लेकर सातवें चरण तक साइंस एक्‍सप्रेस की थीम जैव विविधता थी और इसका नाम साइंस एक्‍सप्रेस जैव विविधता विशेष (एसईबीएस) था। यह भारत के विशाल जैव विविधता और इसके संरक्षण के उपायों पर केंद्रित था। 8वें चरण में इसका नाम सांइस एक्‍सप्रेस जलवायु कार्य योजना विशेष (साइंस एक्‍सप्रेस क्‍लाइमेट एक्‍सन स्‍पेशल, एसईसीएएस) है, जो जलवायु परिवर्तन में वैश्‍विक चुनौती को दर्शाता है।

वर्तमान में साइंस एक्‍सप्रेस के 9वें चरण को एसईसीएएस II  का नाम दिया गया है। इसका उद्घाटन रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु, विज्ञान व तकनीक तथा पृथ्‍वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन औरकेंद्रीय पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) स्‍वर्गीय श्री अनिल माधव दवे द्वारा 17 फरवरी, 2017 को दिल्‍ली के सफदरजंग रेलवे स्‍टेशन से किया गया था। एसईसीएएस की वर्तमान यात्रा 17 फरवरी से शुरू होकर 8 सितंबर, 2017 तक जारी रहेगी। इस दौरान यह ट्रेन 68 रेलवे स्‍टेशनों से गुजरते हुए कुल 19,000 कि.मी. की यात्रा तय करेगी। एसईसीएएस जलवायु परिवर्तन और विज्ञान व तकनीक पर केंद्रित है। यह प्रदर्शनी जलवायु परिवर्तन का संदेश देती है और आपसी बातचीत व चर्चा के लिए अच्‍छा अवसर प्रदान करती है।

एसईसीएएस II,  विज्ञान व तकनीक विभाग, पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, जैव तकनीक विभाग, रेल मंत्रालय, भारतीय वन्‍यजीव संस्‍थान (डब्‍ल्‍यूआईआई) और विक्रम ए साराभाई सामुदायिक विज्ञान केंद्र (वीएएससीएससी) का एक अनूठा प्रयास है।

जलवायु परिवर्तन पर्यावरण का एक गंभीर मुद्दा है, जिसके अल्‍पकालिक और दीर्घावधि प्रभाव हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम में परिवर्तन हो रहा है, जो खाद्यान्‍न उत्‍पादन के लिए एक संकट है। जलवायु परिवर्तन की वजह से समुद्र का जल स्‍तर बढ़ रहा है, जिससे विनाशकारी बाढ़ आने का खतरा पैदा हो गया है। जलवायु परिवर्तन का प्रभाव पूरे विश्‍व पर है। गरीब और हाशिए के लोगों पर भी इसका कुप्रभाव पड़ रहा है। हालांकि लोगों की समझ जलवायु परिवर्तन और उसके प्रभावों को लेकर काफी कम है। एसईसीएएस जलवायु परिवर्तन से लड़ने तथा इसके कुप्रभाव को कम करने के लिए समाज के विभिन्‍न वर्गों में जागरूकता फैला रहा है।

4 नवंबर, 2017 को पेरिस समझौते पर हस्‍ताक्षर किये गये। पेरिस समझौते का केंद्रीय भाव है- जलवायु परिवर्तन के संकट के प्रति वैश्‍विक जिम्‍मेदारी को मजबूत बनाना और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का सामना करने के लिए विश्‍व के देशों की क्षमता को शक्‍तिशाली बनाना।

नवंबर, 2016 में माराकेश में हुए पेरिस समझौते ने पूरे विश्‍व को यह दिखा दिया कि पेरिस समझौता सफलतापूर्वक लागू किया जा रहा है और जलवायु परिवर्तन के प्रति बहुपक्षीय सहयोग का रचनात्‍मक भाव जारी है। साइंस एक्‍सप्रेस को एसईसीएएस के तहत फिर से डिजाइन किया गया है ताकि जलवायु परिवर्तन के विज्ञान को और इसके प्रभावों को समझा जाए। साइंस एक्‍सप्रेस के पिछले तीन चरण विज्ञान और तकनीक विभाग तथा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का एक संयुक्‍त प्रयास था, जिसे जैव विविधता विशेष नाम दिया गया था और जो भारत के प्रचूर जैव विविधता को दर्शाता था। जैव विविधता के पश्‍चात जलवायु परिवर्तन एक सामान्‍य व प्राकृतिक चरण है।

एसईसीएएस के 16 कोचों में से 8 कोचों में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने प्रदर्शनी लगाई है जो जलवायु परिवर्तन से संबंधित विज्ञान के विभिन्‍न प्रतिरूपों को दर्शाता है। इसमें जलवायु परिवर्तन का विज्ञान, प्रभाव , प्रभाव कम करने के उपाय, सामना करने के उपाय और नीतिगत दृष्‍टिकोण को इस तरह दिखाया गया है,जिसे स्‍कूली छात्रों के साथ-साथ आम लोग भी आसानी से समझ सकते हैं। शेष तीन कोचों में जैव तकनीक विभाग और विज्ञान व तकनीक विभाग की प्रदर्शनियां हैं।

प्रत्‍येक प्रदर्शनी कोच की थीम निम्‍न हैं-

  • कोच 1: जलवायु परिवर्तन की समझ – जलवायु एक प्रणाली के रूप में, ग्रीनहाउस गैसों का प्रभाव, जलवायु परिवर्तन के कारण इस संदेश के साथ की वर्तमान जलवायु परिवर्तन मानव के क्रियाकलापों के कारण हैं।
  • कोच 2 : जलवायु परिवर्तन का प्रभाव – तापमान का बढ़ना, मानसून में बदलाव, समुद्र के जलस्‍तर में वृद्धि, जल, कृषि, वन, जैव विविधता, मानव स्‍वास्‍थ्‍य पर भविष्‍य में पड़ने वाले प्रभाव और इसे कम करने के उपाय।
  • कोच 3 एवं 4 : अनुकूलन की अवधारणा और दैनिक जीवन से लिए गए उदाहरण,अनुकूलन की रणनीति ग्रामीण व शहरी संदर्भ में अनुकूलन के विकल्‍प
  • कोच 5 एवं 6 : शमन- अवधारणा व उदाहरण के साथ परिभाषा, संतुलन बनाने पर जोर, नवीकरणीय ऊर्जा के सहयोग से उत्‍सर्जन में कमी, भारत द्वारा लागू किए गए विभिन्‍न कार्यक्रम, कार्बन उत्‍सर्जन में कमी लाना, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के इस्‍तेमाल को बढ़ावा।
  • कोच 7: जलवायु परिवर्तन पर अंतर्राष्‍ट्रीय सहयोग- यूएनएफसीसीसी,आईपीसीसी,अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर मान्‍य लक्ष्‍य, समानता और साझा जवाबदेही, क्‍योटो प्रोटोकॉल,पेरिस समझौता आदि।
  • कोच 8: सकारात्‍मक कार्य – एक व्‍यक्‍ति स्‍कूल में, घर में, सड़क पर, कार्यालय में क्‍या-क्‍या कर सकता है, जीवन पद्धति के विकल्‍पों की संकल्‍पना, ‘हाथ से कार्य करे,कार्बन पदचिह्न को कम करे’।
  • कोच 9 एवं 10: भारत सरकार के जैव तकनीक विभाग द्वारा जैव संसाधन, संरक्षण की थीम पर प्रदर्शनी, बाघ संरक्षण और रसायनिक पारिस्‍थितिकी पर विशेष जोर, जैव तकनीक के क्षेत्र में भारत के अनुसंधान और विकास के कार्यक्रम ।
  • कोच 11: राष्‍ट्रीय नवाचार फाउंडेशन (एनआईएफ) द्वारा तैयार की गई प्रदर्शनी, कुछ चुने गए नवाचार कार्यक्रम जो सामान्‍य जनों की प्रतिभा दर्शाते हैं, बढ़ी हुई वास्‍तविकता (ऑगमेंटेड रियलिटी) तकनीक के साथ नवाचार योजना, सामाजिक विकास के लिए विज्ञान व तकनीक में नए अनुसंधान, विज्ञान की शिक्षा, तकनीक समाधान आदि।
  • कोच 12: कक्षा 5 व उससे कम के बच्‍चों के लिए एक ‘किड जोन’ जिसमें बच्‍चों के लिए गणित, विज्ञान और पर्यावरण से संबंधित गेम्‍स, पहेली आदि।
  • कोच 13: विज्ञान का आनंद – कक्षा 6 से 10 के बच्‍चों के लिए: बच्‍चे स्‍वयं प्रयोगशाला का अनुभव प्राप्‍त कर सकते हैं, रूचिपूर्ण तरीके से पर्यावरण, विज्ञान और गणित की अवधारणाओं को समझ सकते हैं, शिक्षकों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम।
  • साइंस एक्‍सप्रेस के कोच 11 और 13 के छत पर सौर ऊर्जा के लिए पैनल लगाए गए हैं। यह विज्ञान व तकनीक विभाग तथा सीईएल का संयुक्‍त प्रयास है।

साइंस एक्‍सप्रेस जिस स्‍थान पर भी रूकेगी वहां विभिन्‍न आयु वर्गों के लोगों को जोड़ने के लिए तथा अपने संदेश को मजबूती से प्रसारित करने के लिए कई योजनाएं बनाई गई हैं। इस तरह के एक कार्यक्रम के अंतर्गत स्‍थानीय स्‍कूलों/संस्‍थाओं के बच्‍चों/लोगों से रेलवे प्‍लेटफॉर्म पर ही विभिन्‍न तरह के क्रियाकलाप करने हेतु प्रोत्‍साहित किया जाता है। विद्यालयों व आगुंतकों के लिए कई प्रकार की सामग्रियां तैयार की गई हैं, जिन्‍हें वे साथ ले जा सकते हैं।

विज्ञान व तकनीक विभाग ने पूरे देश में एसईसीएएस की व्‍यवस्‍था का कार्यभार विक्रम ए साराभाई सामुदायिक विज्ञान केंद्र (वीएएससीएससी) को सौंपा है। वीएएससीएससी की टीम उच्‍च शिक्षित, प्रशिक्षित और प्रतिबद्ध हैं, जो साइंस एक्‍सप्रेस के साथ ही यात्रा कर रही है। टीम के सदस्‍य छात्रों व आगुंतकों के विभिन्‍न प्रश्‍नों का सरल भाषा में जवाब देते हैं और व्‍याख्‍या करते हैं।

प्रदर्शनी सभी के लिए है, लेकिन विशेष बल छात्रों व शिक्षकों पर है। अधिक जानकारी वेबसाईट  www.sciencexpress.in.  पर उपलब्‍ध है। प्रदर्शनी में प्रवेश के लिए कोई भी व्‍यक्‍ति sciencexpress@gmail.com पर एक मेल भेज सकता है या 09428405407 पर फोन करके टीम के सदस्‍य से बातचीत कर सकता है। पूर्व पंजीकरण के आधार पर 20 की संख्‍या में छात्रों का समूह ‘विज्ञान का आनंद’प्रयोगशाला में प्रयोगात्‍मक कार्य कर सकता है।

एसईसीएएस की टीम सभी संबंधित विभागों, मीडिया, संस्‍थानों और व्‍यक्‍तियों से इस  सम्‍मानित पहिए-पर-प्रदर्शनी के प्रचार व प्रसार हेतु आग्रह करती है, ताकि बड़ी संख्‍या में लोग प्रदर्शनी का लाभ उठा सके।

कृपया नोट कीजिए

  • कोई भी व्‍यक्‍ति प्रदर्शनी में प्रवेश पा सकता है।
  • प्रदर्शनी के लिए कोई प्रवेश शुल्‍क नहीं है।
  • साइंस एक्‍सप्रेस पर निम्‍नलिखित चीजें साथ ले जाना वर्जित है- मोबाइल फोन, कैमरा,बैग, माचिस बॉक्‍स, सिगरेट, बीड़ी, तम्‍बाकू, पानी की बोतले, कोई द्रव पदार्थ तथा तेज या नुकीली वस्‍तुएं।
  • आयोजन स्‍थल- संबंधित शहर का रेलवे स्‍टेशन।
  • समय- 10:00 बजे सुबह से शाम 5:00 बजे तक।
  • प्रदर्शनी ट्रेन के स्‍टेशन पर रूकने की समय सारणी निम्‍न तालिका से प्राप्‍त करें:

साइंस एक्‍सप्रेस जलवायु परिवर्तन विशेष (एसईसीएएस II)

समय सारणी

17 फरवरी– 8 फरवरी, 2017

क्र.सं. स्‍टेशन प्रदर्शनी के दिन
1 दिल्‍ली सफदरजंग(शुभांरभ) 17 फरवरी,  2017
2 दिल्‍ली कैंट 18- 19 फरवरी, 2017
3 हिसार 20- 23 फरवरी, 2017
4 धुरी 24- 26 फरवरी, 2017
5 तरन तारन 27- 28 फरवरी, 2017
6 श्री माता वैष्‍णो देवी कटरा 1- 02 मार्च, 2017
7 उधमपुर 3- 04 मार्च, 2017
8 नांगल डैम 6- 07 मार्च,2017
9 सरहिन्‍द 8- 10 मार्च, 2017
10 चंडीगढ़ 12& 14 मार्च,2017
11 रामपुर 15- 17 मार्च,2017
12 कासगंज सिटी 18- 20 मार्च, 2017
13 खलीलाबाद 22- 25 मार्च, 2017
14 मऊ 26- 29 मार्च, 2017
15 गया 30- 31 मार्च, 2017
16 पटना 1- 02 अप्रैल, 2017
17 किऊल 3- 04 अप्रैल, 2017
18 सीतामढ़ी 05 अप्रैल, 2017
19 समस्‍तीपुर 06 अप्रैल,2017
20 सालमारी 7- 08 अप्रैल, 2017
21 फकीरग्राम 9- 10 अप्रैल, 2017
22 लुमडिंग 11- 12 अप्रैल, 2017
23 अगरतल्‍ला 13-14 अप्रैल, 2017
24 बदरपुर 15- 17 अप्रैल, 2017
25 उत्‍तर लखीमपुर 19- 21 अप्रैल, 2017
26 रंगपाड़ा उत्‍तर 22- 24 अप्रैल, 2017
27 बागडोगरा 25- 26 अप्रैल, 2017
28 धनबाद 28- 30 अप्रैल,2017
29 बैरकपुर 1- 02 मई, 2017
30 कल्‍याणी 3- 05 मई,  2017
31 चांडिल 6- 08 मई,  2017
32 भद्रक 09, 11 & 12 मई,  2017
33 पुरी 13- 16 मई,  2017
34 छत्रपुर 17- 19 मई,  2017
35 कोटवलसा 20- 23 मई,  2017
36 गुडीवाडा 24- 26 मई,  2017
37 मिरीलगुडा 27- 30 मई, 2017
38 गुलबर्गा 31 May – 2 जून, 2017
39 कल्‍लुरु 3- 05 जून, 2017
40 वाइटफील्‍ड 6- 08 जून, 2017
41 केंगेरी 9- 11 जून, 2017
42 कोडुरु 12- 14 जून, 2017
43 पुदुचेरी 15- 16 जून, 2017
44 अतुर 17- 19 जून, 2017
45 करूर 20- 22 जून, 2017
46 कोडईकनाल रोड 24 जून, 2017
47 विरूधूनगर 25- 27 जून, 2017
48 अरूमुगानेरी 28- 30 जून, 2017
49 कयनकुलम 1- 04 जुलाई, 2017
50 गुरूवयुर 5- 07 जुलाई,2017
51 कन्‍नूर 8- 10 जुलाई, 2017
52 मडगांव 11- 13 जुलाई, 2017
53 रत्‍नागिरी 14- 17 जुलाई, 2017
54 मुंबई सीएसटी 19- 22 जुलाई, 2017
55 नासिक रोड 24- 26 जुलाई, 2017
56 मुर्तजापुर 27- 29 जुलाई, 2017
57 नागपुर 30 जुलाई – 02 अगस्‍त, 2017
58 अमला 3- 06 अगस्‍त, 2017
59 हबीबगंज 7- 09 अगस्‍त,2017
60 बीना 10- 12 अगस्‍त, 2017
61 खजुराहो 13- 14 अगस्‍त, 2017
62 मारवाड़ 17- 18 अगस्‍त, 2017
63 बलोत्रा 19- 21 अगस्‍त,2017
64 डेसा 22- 24 अगस्‍त,2017
65 भुज 25- 27 अगस्‍त,2017
66 भक्‍तिनगर 28- 31 अगस्‍त, 2017
67 गोंडल 1- 04 सितंबर, 2017
68 गांधी नगर राजधानी 5- 08 सितंबर,  2017

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