नई दिल्ली : राहुल गांधी ने शनिवार को औपचारिक तौर पर कांग्रेस की कमान संभाल ली. पार्टी मुख्यालय में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी के प्रमुख एम रामचंद्रन ने उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने का सर्टिफिकेट दिया गया. इस मौके पर सोनिया गांधी ने अध्यक्ष के तौर पर आखिरी भाषण दिया. उन्होंने अपने भाषण में अपनी शादी से लेकर कांग्रेस अध्यक्ष बनने तथा अब अध्यक्ष पद को अलविदा करने तक की बातों को शामिल किया. सोनिया गांधी ने राहुल को बधाई देते हुए कहा, मैं उन्हें बधाई और आशीर्वाद देती हूं. ‘आपके सामने अब नया दौर है और आपको एक नई शुरूआत करनी है.’
अपने अध्यक्ष बनने के समय को याद करते हुए उन्होंने कहा, ’20 साल पहले जब आपने मुझे अध्यक्ष पद के लिए चुना और मैं इसी तरह संबोधित करने के लिए खड़ी थी. मुझे घबराहट थी कि कैसे इस संगठन को संभालूंगी. तब मेरे सामने एक कठिन कर्तव्य था. तब तक मेरा राजनीति से बहुत वास्ता नहीं पड़ा था.’ राहुल गांधी के बारे में उन्होंने कहा कि निजी हमलों ने राहुल का निडर बनाया है. उन्होंने कहा, ‘राहुल मेरा बेटा है, उसकी तारीफ करना मुझे अच्छा नहीं लगता. राजनीति में उसने एक ऐसे व्यक्ति का हमला झेला है, जिसने उसे एक निडर इंसान बनाया है.’
गांधी परिवार की भूमिका का जिक्र करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि वह जिस परिवार में शादी करके आईं, वह क्रांतिकारी परिवार रहा है. इस परिवार के सदस्यों ने देश के लिए अपने को बलिदान किया है. उन्होंने कहा, ‘इंदिरा जी ने मुझे अपनी बेटी की तरह प्यार दिया. उनसे मैंने बहुत कुछ सीखा, इस देश की संस्कृति और संस्कारों के बारे में सीखा. जब 1984 में उनकी मृत्यु हुई तो मुझे लगा कि मुझसे मेरी मां छीन ली गई. उनकी मौत के बाद मेरा जीवन ही बदल गया.’ उन्होंने कहा, ‘इंदिरा जी के बाद राजीव जी की हत्या हो गई. मुझ से मेरा सहारा ही छीन लिया.’
सोनिया गांधी ने कहा कि वह राजनीति से अपने बच्चों को दूर रखना चाहती थीं. लेकिन देश के प्रति जिम्मेदारी ने उन्हें ऐसा नहीं करने दिया. देश के प्रति कर्तव्य को समझते हुए वह भी राजनीति में आईं. उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी के लाखों कार्यकर्तागण इस पूरी यात्रा में मेरे हमसफर रहे हैं मैंने आपसे जो सीखा उसकी कोई तुलना नहीं हो सकती.’
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