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राष्‍ट्रपति असम में; नमामि बराक उत्‍सव का समापन किया

देश-विदेश

नई दिल्लीः राष्‍ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद आज असम के सिलचर जिले में नमामि बराक उत्‍सव के समापन समारोह में शामिल हुए और उसे संबोधित किया।

    इस अवसर पर राष्‍ट्रपति ने कहा कि बराक घाटी की भौगोलिक स्थिति उसे अंतर-राज्‍यीय और अंतर्राष्‍ट्रीय व्‍यापार का केंद्र बनाने की संभावना प्रदान करती है। इस संभावना को हासिल करने के लिए संपर्क संबंधी अनेक पहलें की गई  हैं। ‘ईस्‍ट-वेस्‍ट कॉरिडोर’ का पूर्वोत्‍तर भाग जो असम में कच्‍छार से गुजरात में कच्‍छ तक जाता है-सिलचर से शुरू होता है। अगरतला को दिल्‍ली से जोड़ने वाली बड़ी रेलवे लाइन बराक घाटी से गुजरती है। इन सभी उपयों से व्‍यवसाय और पर्यटन को लाभ होता है।

    सीमा पार से होने वाली पहलों के बारे में राष्‍ट्रपति ने कहा कि करीमगंज जिले में स्थित सीमा व्‍यापार केंद्र के जरिए बंगलादेश के साथ व्‍यापार को बढ़ावा दिया जा रहा है। ‘एक्‍ट ईस्‍ट पॉलिसी’ के अंतर्गत असम सहित पूर्वोत्‍तर के भौगोलिक इलाकों का लाभ उठाते हुए भारत को दक्षिण पूर्व एशिया से जोड़ा जा रहा है। उन्‍होंने जोर देकर कहा कि दक्षिण पूर्व एशिया और भारत के पूर्वोत्‍तर क्षेत्र के बीच व्‍यवसाय और व्‍यापार के विकास की अपार संभावनाएं हैं। उन्‍होंने विश्‍वास व्‍यक्‍त किया कि केन्‍द्र और राज्‍य सरकार द्वारा बुनियादी ढांचे के विकास के साथ यह क्षेत्र अंतर्राष्‍ट्रीय व्‍यापार और वाणिज्‍य का केंद्र बन जाएगा।

   बाद में राष्‍ट्रपति गुवाहाटी विश्‍वविद्यालय में आयोजित एक नागरिक समारोह में शामिल हुए। एकत्र जन समूह को संबोधित करते हुए राष्‍ट्रपति ने कहा कि असम भारत के पूर्वोत्‍तर क्षेत्र का द्वार है। उन्‍होंने राज्‍य की समृद्ध भौगोलिक, सामाजिक और सांस्‍कृतिक विविधता की सराहना की। असम ने तेल और प्राकृतिक गैस, चाय और सिल्‍क जैसे उद्योग विकसित किये हैं। आधुनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण से, असम और समूचे पूर्वोत्‍तर क्षेत्र को अधिक संभावनाएं मिलेंगी।

   राष्‍ट्रपति ने कहा कि असम में पर्यटन उद्योग की अपार संभावनाएं हैं। काजीरंगा और मानस राष्‍ट्रीय पार्कों के कारण पर्यटन के नक्‍शे इन्‍होंने अपना महत्‍वपूर्ण स्‍थान बनाया है। उन्‍होंने विश्‍वास व्‍यक्‍त किया कि पर्यटकों को सही पर्यावरण की सुविधा प्रदान करके असम सरकार पर्यटन उद्योग के आर्थिक और सामाजिक लाभों को बढ़ायेगी।

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