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राष्ट्रधर्म केवल पत्रिका ही नहीं एक विचार भी है: राम नाईक

राष्ट्रधर्म केवल पत्रिका ही नहीं एक विचार भी है: राम नाईक
उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने मासिक पत्रिका ‘राष्ट्रधर्म’ के सिंहावलोकन विशेषांक का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ‘राष्ट्रधर्म’ केवल पत्रिका ही नहीं बल्कि एक विचार भी है।

राजधानी लखनऊ के निराला नगर स्थित माधव सभागार में आयोजित लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि राष्ट्रधर्म देश की पत्रकारिता में एक महत्वपूर्ण मासिक पत्रिका है जिसका सम्पादक देश का प्रधानमंत्री बना। दरअसल पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी राष्ट्रधर्म के सम्पादक रह चुके हैं।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रधर्म पत्रिका के समक्ष कई कठिनाईयाँ आई, लेकिन पत्रिका का निरन्तर प्रकाशन हुआ जो अंततः पत्रिका के लिए मृत्युंजय साबित हुआ। पत्रिका राष्ट्रधर्म बिना रूके सतत चलती रही जिसका अर्थ यह है कि यह एक विचार ही नहीं बल्कि इसमें विचार को आगे ले जाने की शक्ति है। इस दृष्टि से सिंहावलोकन का निर्णय स्वागतयोग्य है।

राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रधर्म के सम्पादकगण की लम्बी श्रृंखला रही है जिन्होंने अपनी लेखनी के आधार पर पत्रिका की पताका केवल देश ही नहीं विदेशों तक फहराई। 70 वर्ष तक किसी पत्रिका को चलाना आसान काम नहीं है। भाऊराव देवरस, पं0 दीनदयाल एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की दूरदृष्टि, योगदान एवं कलम की ताकत से राष्ट्रधर्म की पहचान बनी है।

राम नाईक ने इस अवसर पर सुझाव दिया कि वितरक किसी भी पत्रिका के महत्वपूर्ण घटक होते हैं। इसलिए वितरकों पर आधारित एक विशेष आयोजन राष्ट्रधर्म पत्रिका को करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रिका कुछ लोगों तक सीमित न रहे, इसलिए नित नए नूतन विचार सब तक पहुंचाने के लिए सर्कुलेशन बढ़ाने की जरूरत है। सिंहावलोकन करते समय पत्रिका के भविष्य के लक्ष्य के साथ अधिक विस्तार का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रधर्म केवल पत्रिका नहीं एक विचार भी है।

इस मौके पर उप मुख्यमंत्री डॉ0 दिनेश शर्मा ने कहा कि राष्ट्रधर्म के लेख इतने स्तरीय होते हैं कि लोग उदाहरण के तौर पर उसकी तुलना करते हैं। पत्रिका विभिन्न कठिनाई के दौर से गुजरी लेकिन उसकी लेखनी, लोकप्रियता एवं विश्वसनीयता प्रभावित नहीं हुई। उन्होंने पूर्व सम्पादकों के बारे में चर्चा करते हुए पूर्व सम्पादक अटल बिहारी बाजपेयी एवं वचनेश त्रिपाठी से जुडे़ संस्मरण भी साझा किए। उन्होंने कहा कि ऐसे सम्पादकगण पूरे समर्पण के साथ काम करते थे।

इस अवसर पर डॉ0 (श्रीमती) बिनय षडंगी राजाराम, डॉ0 रामसेनही लाल शर्मा ‘यायावर’, डॉ0 योगेश, डॉ0 नीरजा माधव, डॉ0 राकेश कुमार सिंह, श्री अनूपमणि त्रिपाठी, डॉ0 गीता गुप्त, डॉ0 मंजीरी शुक्ला सहित अनेक साहित्यकारों एवं लेखकों को ‘राष्ट्रधर्म गौरव सम्मान 2017’ से सम्मानित भी किया गया। राज्यपाल और उप मुख्यमंत्री ने इन साहित्यकारों एवं लेखकों को स्मृति चिन्ह, प्रशस्ति पत्र, अंग वस्त्र एवं नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया।

कार्यक्रम का संचालन पत्रिका के प्रबंधक पवनपुत्र बादल ने और धन्यवाद ज्ञापन सम्पादक प्रो0 ओम प्रकाश पाण्डेय ने किया। इस मौके पर क्षेत्र प्रचारक शिवनारायण, प्रान्त प्रचारक कौशल, विद्या भारती के संरक्षक ब्रह्म देव शर्मा, पूर्व महापौर दाऊजी गुप्ता, राष्ट्रधर्म के प्रभारी निदेशक सर्वेश चन्द्र द्विवेदी और पूर्व सम्पादक आनंद मिश्र अभय समेत कई लोग उपस्थित रहे।

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