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राज्य सरकार उ0प्र0 में स्वच्छ भारत मिशन को पूरी गम्भीरता से लागू करेगी: मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार सभी के सहयोग से उत्तर प्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन को पूरी गम्भीरता से लागू करेगी। स्वच्छता अभियान को उत्तर प्रदेश में सफल बनाने के लिए इसे एक जन आन्दोलन का स्वरूप प्रदान किया जाएगा।

मुख्यमंत्री आज यहां शास्त्री भवन में आहूत एक बैठक में स्वच्छ भारत मिशन को लागू करने के सम्बन्ध में अपने मंत्रिमण्डलीय सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश का कोई भी नगर ओ0डी0एफ0 (खुले में शौच मुक्त) नहीं हैं। लक्ष्य के सापेक्ष मात्र 8 प्रतिशत शौचालय ही निर्मित हुए हैं और ओ0डी0एफ0 हेतु निर्धारित धनराशि का मात्र 21 प्रतिशत ही खर्च हुआ है।

इस पर अपना असन्तोष व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी सम्बन्धित विभागों और सरकारी संस्थाओं को युद्धस्तर पर प्रभावी प्रयास करते हुए सकारात्मक परिणाम दिखाने होंगे। उन्होंने निर्देशित किया कि प्रदेश के 150 नगरों को अगले साल तक ओ0डी0एफ0 (खुले में शौच मुक्त) घोषित करने के लिए अविलम्ब कार्य योजना बनाते हुए कार्रवाई की जाए। शहरी इलाकों में कूड़ा प्रबन्धन पर विशेष ध्यान दिया जाए। घर-घर पहुंचकर कूड़े को इकट्ठा कर उसके वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण की व्यवस्था की जाए। कूड़े से कम्पोस्ट खाद तैयार कराकर कृषि और वन विभाग के माध्यम से उसका उपयोग किया जाए।

श्री योगी ने कहा कि मंत्रियों को जनपदों का प्रभारी बनाया गया है। अपने-अपने जनपद के प्रभारी मंत्री का यह दायित्व होगा कि सम्बन्धित जिले में भ्रमण के दौरान वहां की मलिन बस्तियों का अनिवार्य रूप से निरीक्षण करते हुए उनकी साफ-सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि पाॅलीथीन तथा प्लास्टिक का उपयोग बन्द किया जाए। शादी-विवाह आदि आयोजनों में इस्तेमाल के बाद प्लास्टिक आदि की प्लेट एवं अन्य बर्तनों को नालियों में फेंकने की प्रवृत्ति को तत्काल बन्द कराया जाए। इस व्यवस्था का उल्लंघन करने वालों से जुर्माना वसूलने की कार्रवाई भी की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का यह प्रयास होगा कि देश के सबसे अधिक स्वच्छ 100 नगरों में से 50 नगर उत्तर प्रदेश के हों। उन्होंने निर्देशित किया कि प्रथम चरण में प्रदेश के 30 जनपदों को ओ0डी0एफ0 (खुले में शौच मुक्त) घोषित कराने के लिए कार्रवाई की जाए। द्वितीय चरण में प्रदेश के 44 जनपदों को शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि जनपद शामली के सम्बन्ध में अलग से समीक्षा की जाएगी।

श्री योगी ने कहा कि अधिक से अधिक संख्या में शौचालयों का निर्माण कराने के लिए स्वयंसेवी संगठनों के साथ-साथ काॅरपोरेट जगत का भी सहयोग प्राप्त किया जाए। सी0एस0आर0 (काॅरपोरेट सोशल रिस्पाॅन्सिबिलिटी) के माध्यम से भी शौचालय निर्माण के लिए धनराशि प्राप्त की जा सकती है। इस व्यवस्था का भी भरपूर सदुपयोग किया जाए। उन्होंने रेल पटरियों के किनारे आबादी क्षेत्रों में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराने पर भी बल दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में गंगा नदी के किनारे बसे 1,685 गांवों को 15 मई, 2017 तक ओ0डी0एफ0 (खुले में शौच मुक्त) घोषित किया जाना है। गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने में यह एक महत्वपूर्ण योगदान होगा।

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