27 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

राज्यपाल ने 28 शिक्षकों को ‘गवर्नर्स टीचर्स अवार्ड’ से सम्मानित किया

राज्यपाल ने 28 शिक्षकों को ‘गवर्नर्स टीचर्स अवार्ड’ से सम्मानित किया
उत्तराखंड

देहरादून: शिक्षक दिवस के अवसर पर राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत पाल ने प्रदेश के विद्यालयों के चयनित शिक्षकों को ‘गवर्नर्स टीचर्स अवार्ड’ से सम्मानित किया। सम्मानित होने वाले शिक्षकों में प्रत्येक जिले से चयनित माध्यमिक शिक्षा व प्राथमिक शिक्षा के एक-एक शिक्षक जबकि संस्कृत शिक्षा के लिए राज्य स्तर पर चयनित दो शिक्षकों को सम्मानित किया गया। कुल 28 शिक्षकों को शिक्षा में नवाचार, नामांकन, बेहतर परीक्षा परिणाम, सामाजिक कार्यों, विद्यालय में पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता आदि में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। सम्मानित किए गए शिक्षकों को 10-10 हजार रूपए की राशि के साथ ही राज्यपाल की ओर से चार-चार पुस्तकें भी भेंट की गईं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के भाषणों के संकलन ‘मन की बात’, महात्मा गांधी की ‘माई एक्सपेरीमेंट विद ट्रूथ’, प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू की ‘डिस्कवरी आॅफ इंडिया’ व पूर्व राष्ट्रपति डाॅ. एस.राधाकृष्णन की ‘लीविंग विद द परपज’ पुस्तकें भेंट की गईं।

उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों के बेहतरीन काम को सार्वजनिक मान्यता देने व अन्य शिक्षकों को प्रेरणा मिल सके, इस उद्देश्य से वर्ष 2015 में राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत पाल द्वारा ‘गवर्नर्स टीचर्स अवार्ड’ प्रारम्भ किए गए थे। इस वर्ष से संस्कृत शिक्षा के भी दो शिक्षकों को सम्मानित किए जाने की शुरूआत की गई है। राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत पाल व मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ किया गया।

राज्यपाल ने पूर्व राष्ट्रपति व महान शिक्षाविद डाॅ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि डाॅ.राधाकृष्णन एक महान दार्शनिक व नीतिज्ञ थे। वे स्वामी विवेकानंद के बाद दूसरे व्यक्तित्व थे जिन्होंने भारतीय दर्शन व संस्कृति की जानकारी, प्रभावकारी तरीके से पूरे विश्व को प्रदान की।

शिक्षक दिवस की बधाई देते हुए राज्यपाल ने कहा कि शिक्षक शिक्षा देता है जबकि गुरू ज्ञान देता है। प्रत्येक शिक्षक को गुरू बनने का प्रयास करना चाहिए। जब शिक्षक गुरू बनकर अपने विद्यार्थियों को ज्ञान देेंगे तो बच्चे स्वतः ही उनका सम्मान करेंगे और आजीवन उनके प्रति कृतज्ञ रहेंगे। राष्ट्रनिर्माण में सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका शिक्षक की होती है। वर्ष 2030 तक भारत में 40 करोड़ युवा होंगे। इन युवाओं को सही दिशा, शिक्षक ही दिखा सकते हैं। शिक्षकों को किताबी पाठ्यक्रम से ऊपर उठना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए जिला स्तर पर टीचर्स रिफ्रेशर कोर्स या इसी प्रकार की गतिविधियां नियमित रूप से आयोजित की जा सकती हैं जहां कि शिक्षकों को नई शिक्षण विधियों से परिचित कराया जाए। बच्चों में वैज्ञानिक व जिज्ञासु प्रकृति विकसित करने के प्रयास करने चाहिए। शिक्षा को रोचक बनाने के लिए ई-लर्निंग व मल्टीमीडिया एजुकेशन का भी प्रयोग करना चाहिए।

राज्यपाल ने कहा कि आज इंटरनेट तक बच्चों की आसान पहुंच है। इस बात पर नजर रखनी चाहिए कि बच्चे इंटरनेट का किस प्रकार प्रयोग कर रहे हैं। ब्लू-व्हेल जैसे इंटरनेट गेम्स पर चिंता व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने कहा कि इन घटनाओं पर रोक के लिए जरूरी है कि शिक्षकों का बच्चों के साथ निरंतर संवाद हो। बच्चे अपने आप को अकेला महसूस न करें। शिक्षक बच्चों की मनोदशा की जानकारी रखें।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि समाज को नई दिशा दिखाने में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। आज आवश्यकता है कि छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास के लिए पुस्तकीय ज्ञान के अतिरिक्त भी विभिन्न गतिविधियों के बारे में जानकारी प्रदान की जाए।। गवर्नर्स अवार्ड में संस्कृत शिक्षकों को भी पहली बार पुरस्कार की श्रेणी में शामिल किये जाने पर मुख्यमंत्री ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि संस्कृत संस्कारों को प्रदान करने वाली एक सात्विक भाषा है। इस अवसर पर पूर्व राष्ट्रपति श्री एस.राधाकृष्णन को स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि श्री राधाकृष्णन ने 40 वर्षों तक शिक्षक के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया। आज आवश्यकता है कि शिक्षक अपने ज्ञान के भण्डार में वृद्धि करते रहें। जिससे नव भारत निर्माण के लिए युवाओं को अच्छी शिक्षा और संस्कार मिले।

कार्यक्रम में अल्मोड़ा जिले से रा0उ0प्रा0वि0 गाड़ी, ताड़ीखेत की सहायक अध्यापिका श्रीमती विनीता खाती व रा0आ0इ0का0 हवालबाग के प्रवक्ता श्री शंकर दत्त भट्ट, बागेश्वर जिले सेे रा0जू0हा0 पिगलो के सहायक अध्यापक श्री सुरेश चंद्र सती व रा0बा0इ0का0 पाये की सहायक अध्यापक श्रीमती दया रावत, चमोली जिले से रा0प्रा0वि0 कुहेड़ की प्र0अ0 श्रीमती सरला चैहान व राजीव गांधी नवोदय विद्यालय गैरसैंण के प्रवक्ता श्री गजेंद्र सिंह बिष्ट, चम्पावत जिले से रा0आ0प्रा0वि0 गागर के प्र0अ0 श्री खड़क सिंह बोरा व रा0इ0का0 सिप्टी के प्रवक्ता श्री सामाश्रवा आर्य, देहरादून जिले से रा0प्रा0वि0 चोई बस्ती की स0अ0 श्रीमती प्रीती शर्मा व रा0बा0इ0का0 राजपुर रोड़ की स0अ0 श्रीमती अनीता नेगी, हरिद्वार जिले से रा0प्रा0वि0 टांटवाला के स0अ0 डाॅ0 शिवा अग्रवाल व रा0उ0मा0वि0 पीतपुर के प्रधानाचार्य श्री अनिल कुमार पाण्डेय, नैनीताल जिले से रा0आ0उ0प्र0वि0 पापड़ी के स0अ0 श्री महेन्द्र सिंह सैनी व रा0इ0का0 अमिया के प्रधानाचार्य श्री त्रिलोचन उपाध्याय, पौड़ी गढ़वाल जिले से रा0प्रा0वि0 बैजरो की प्र0अ0 श्रीमती नीलम जोशी व रा0इ0का0 सुमाड़ी के स0अ0 श्री अखिलेश चन्द्र चमोला, पिथौरागढ़ जिले से रा0आ0प्र0वि0 मानले के स0अ0 श्री चन्द्रशेखर शर्मा व रा0इ0का0 नारायणनगर की स0अ0 श्रीमती राजेन्द्री कन्याल, रूद्रप्रयाग जिले से रा0उ0प्रा0वि0 कोटी-मदोला के स0अ0 श्री श्याम लाल भारती व रा0क0उ0मा0वि ऊखीमठ की स0अ0 श्रीमती आशा बंगवाल, टिहरी जिले से रा0उ0प्रा0वि0 उलाणा कीर्तिनगर के प्र0अ0 श्री उत्तम सिंह राणा व रा0बा0इ0का थत्यूड़ की प्रवक्ता श्रीमती ऊषा मेहरा, उत्तरकाशी जिले से रा0क0उ0प्रा0वि0 खरवां की स0अ0 श्रीमती रोशनी व रा0इ0का0 कवां एटहाली के प्रवक्ता श्री मदन लाल जबकि ऊधमसिंह नगर जिले से रा0क0उ0प्रा0वि0 उमरूखुर्द खटीमा की प्र0अ0श्रीमती पार्वती जोशी व रा0इ0का0 महवाडावरा,जसपुर के प्रवक्ता श्री तजम्मुल हसन को सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त राजकीय संस्कृत महाविद्यालय चंबा टिहरी गढ़वाल के स0अ0 श्री राकेश कुमार व श्री रामानुज श्री वैष्णव संस्कृत महाविद्यालय, भूपतवाल,हरिद्वार के प्रवक्ता डाॅ0 प्रकाश चन्द्र जोशी को भी सम्मानित किया गया।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More