21 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

राजनीतिज्ञों के लिए राजनीतिक गीता लिखे जाने की जरूरत: खट्‌टर

देश-विदेश

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि गीता जीवन व मन का सार है तथा 21वीं सदी में गीता डिजिटल युग की है। ऑनलाईन व्यवस्था परिवर्तन के माध्यम से गीता का संदेश हम विश्व में पहुंचा सकते हैं।

हरियाणा में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की हरियाणा सरकार ने आईटी के माध्यम से पहल की है। आज राजनीतिज्ञों के लिए भी राजनीतिक गीता लिखे जाने की आवश्यकता है, जिसे उनके अनुरोध पर महामण्डलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानन्द महाराज ने पूरा किया है और आज अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर इस राजनीतिक गीता का विमोचन किया जा रहा है, जिसे सभी राजनेताओं को पढऩा चाहिए तभी हम सही मायनों में 21वीं सदी के युग में गीता के संदेश को सार्थक कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र के श्रीमदभागवद् सदन में भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा विधिवत रूप से किए गए तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के शुभारम्भ अवसर पर उपस्थित लोगों को सम्बोंधित कर रहे थे। समारोह में हरियाणा के राज्यपाल प्रो० कप्तान सिंह सोलंकी, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत के अलावा हरियाणा सरकार के अनेक मंत्री, विधायक व ग्यारह देशों के गीता मनीषी भी उपस्थित थे। धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर राष्ट्रपति सहित सभी विशिष्ट अतिथियों का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 जब से उन्हें मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य मिला है, उसी दिन उन्होंने संकल्प लिया था कि महाभारत के युद्ध में भी भगवान श्री कृष्ण द्वारा मोहग्रस्त अर्जुन को निष्काम भाव से कर्म करने के दिए गए संदेश को विश्व भर में प्रसारित किया जाए। उसी कड़ी में लगातार तीन वर्षों से गीता महोत्सव को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हरियाणा सरकार मना रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन के माध्यम से भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए हरियाणा सरकार ने 183 सेवाएं ऑनलाईन की है। उन्होंने कहा कि 1150 गांवो में ग्राम सचिवालय संचालित किए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आहवान पर हरियाणा सरकार ने भी ग्रुप सी व डी की भर्तियों में साक्षात्कार खत्म किया है। उन्होंने कहा कि यह अन्याय पर न्याय की जीत है, सत्य की असत्य पर विजय है और यही गीता का संदेश है। उन्होंने कहा कि कानून व दंड से बड़ा भ्रष्टाचार तो समाप्त किया जा सकता है लेकिन आम आदमी अपने मन से गीता के माध्यम से ही इसे खत्म कर सकता है। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि इसी प्रकार का अंतर्राष्टीय गीता महोत्सव अगले वर्ष हर जिला में मनाया जाए। मुख्यमंत्री ने सभी लोगों से आहवान किया कि वे गीता के सार को अपने जीवन में उतारें।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को शॉल भेंट कर तथा राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी को गीता भेंट कर सम्मानित किया। राष्ट्रपति ने अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव स्मारिका का विमोचन भी किया। शिक्षा एवं पर्यटन मंत्री रामबिलास शर्मा ने धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार हरियाणा पंहुचने पर रामनाथ कोविंद का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र भारत की सांस्कृतिक राजधानी है। उन्होंने कहा कि रामनाथ काविंद का जन्म कानपुर के निकट परोखा गांव में हुआ था। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार अमेरिका में अब्राहिम लिंकन गरीबी से उपर उठकर सीधे राष्ट्रपति बनकर व्हाईट हाउस पंहुचे थे, उसी प्रकार रामनाथ कोविंद भी ग्रामीण पृष्टभूमि से सीधे भारत के राष्ट्रपति बने हैं। हालांकि वे दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे और उच्चतम न्यायालय में वकालत भी करते रहे तथा संविधान पीठ के सदस्य भी थे।

समारोह को गीता मनीषी महामण्डलेश्वर स्वामी ज्ञानानन्द जी महाराज, अमेरिका में वैदिक विज्ञान अध्ययन केन्द्र के संस्थापक डेविड फ्रेली, गुरू रामदास संस्थान अमेरिका के अध्यक्ष सतपाल सिंह ने भी सम्बोधित किया और गीता मे महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने गीता किसी एक धर्म का ग्रंथ नही है बल्कि मानवता का संदेश विश्व में शांति और सदभाव के लिए देने वाला ग्रंथ है। उन्होंने कहा कि गीता का ज्ञान पूरे पृथ्वी ग्रह पर प्रसारित करने की आवश्यकता है। विश्व में जितने भी युद्ध एवं संघर्ष हो रहे हैं, उनके से दो तिहाई धर्म के कारण हो रहे हैं परन्तु गीता में किसी धर्म का जिक्र नही है, केवल मानवता व मानसिक शांति से हम इन्हें दूर कर सकते हैं, जो गीता ज्ञान के बिना संभव नही है।इस अवसर पर परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार, सूचना, जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग की मंत्री श्रीमती कविता जैन, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री श्री कृष्ण कुमार बेदी, जनस्वास्थ्य राज्यमंत्री डा० बनवारी लाल, विधायक सुभाष सुधा, बख्शीश सिंह विर्क, डा पवन सैनी, पंजाब एवं हरियाणा के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यामूर्ति राजेश बिंदल, हरियाणा के मुख्य सचिव डी.एस. ढेसी, पुलिस महानिदेशक बी.एस. संधु, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो के.सी. शर्मा, देश व विदेश से आए गीता मनीषी, संकाय सदस्य व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

khaskhabar

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More