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मार्च 2018 में सीबीडीटी द्वारा 16 एपीए पर हस्‍ताक्षर किये जाने के साथ ही भारतीय अग्रिम मूल्‍य निर्धारण समझौता व्‍यवस्‍था और आगे बढ़ी

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नई दिल्लीः केन्‍द्रीय प्रत्‍यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने मार्च, 2018 के दौरान 14 एकपक्षीय अग्रिम मूल्‍य निर्धारण समझौतों (यूएपीए) और 2 द्विपक्षीय अग्रिम मूल्‍य निर्धारण समझौतों (बीएपीए) पर हस्‍ताक्षर किए। 2 द्विपक्षीय एपीए संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका के साथ किये गये हैं। इन अग्रिम मूल्‍य निर्धारण समझौतों (एपीए) पर हस्‍ताक्षर किये जाने के साथ ही सीबीडीटी द्वारा किये गये एपीए की कुल संख्‍या बढ़कर 219 हो गई है। इसमें 199 एकपक्षीय एपीए और 20 द्विपक्षीय एपीए शामिल हैं। वित्‍त वर्ष 2017-18 के दौरान कुल मिलाकर 67 एपीए (9 द्विपक्षीय और 58 एकपक्षीय) पर हस्‍ताक्षर किये गये हैं।

मार्च 2018 के दौरान हस्‍ताक्षरित किये गये 16 एपीए अर्थव्‍यवस्‍था के विभिन्‍न क्षेत्रों जैसे कि दूरसंचार, सूचना प्रौद्योगिकी, ऑटोमोबाइल, फार्मास्‍यूटिकल, पेय पदार्थ (बीवरेज), व्‍यापार (ट्रेडिंग), विनिर्माण और बैंकिंग, वित्‍त एवं बीमा से संबंधित हैं। इन समझौतों के दायरे में आने वाले अंतर्राष्‍ट्रीय लेन-देन में रॉयल्‍टी शुल्‍क का भुगतान, कारोबार सहायता सेवाओं का प्रावधान, कॉरपोरेट गारंटी का प्रावधान, ठेके पर विनिर्माण, विपणन सहायता सेवाओं का प्रावधान, इंजीनियरिंग डिजाइन सेवाओं का प्रावधान, इंजीनियरिंग सहायता सेवाओं का प्रावधान, कृषि जिन्‍सों का वाणिज्यिक व्‍यापार, कलपुर्जों का आयात/निर्यात, आईटी सेवाओं का प्रावधान, आईटी आधारित सेवाओं का प्रावधान, निवेश परामर्श सेवाओं का प्रावधान, तकनीकी सेवाओं का उपयोग करना इत्‍यादि शामिल हैं।

अग्रिम मूल्‍य निर्धारण (एपीए) योजना की अच्‍छी प्रग‍ति से देश में एक गैर-प्रतिकूल कर व्‍यवस्‍था को बढ़ावा देने संबंधी सरकारी संकल्‍प और सुदृढ़ होता है। भारतीय एपीए कार्यक्रम की सराहना राष्‍ट्रीय एवं अंतर्राष्‍ट्रीय दोनों ही स्‍तरों पर की गई है, क्‍योंकि यह निष्‍पक्ष एवं पारदर्शी ढंग से ट्रांसफर प्राइसिंग से जुड़े जटिल मसलों को सुलझाने में सक्षम है।

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