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मन की बात में बोले पीएम मोदी, गोबर के कारोबार के लिए बनेगा ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म

देश-विदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (25 फरवरी) को देशवासियों से ‘मन की बात’ की. पीएम की ‘मन की बात’ का यह 41वां एपिसोड था. पीएम मोदी ने इस बार भारतीय वैज्ञानिकों को याद किया और रोज़गार पर बात की. ‘गोबर धन योजना’ का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा- “इस योजना के तहत ग्रामीण भारत में किसानों, बहनों, भाइयों को प्रोत्साहित किया जाएगा कि वो गोबर और कचरे को सिर्फ वेस्ट (waste) के रूप में नहीं, बल्कि आय के स्रोत के रूप में देखें.”

पीएम मोदी ने कहा, “गोबर धन योजना के सुचारू व्यवस्था के लिए एक ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म भी बनाया जाएगा, जो किसानों को खरीदारों से कनेक्ट करेगा, ताकि किसानों को गोबर और कृषि के अपशिष्ट (Waste) का सही दाम मिल सके.”

क्लीन एनर्जी एंड ग्रीन जॉब्स का बने हिस्सा
मोदी ने कहा, “मैं आपको आमंत्रित करता हूं कि ‘क्लीन एनर्जी एंड ग्रीन जॉब्स’ के इस आंदोलन के भागीदार बनें. अपने गांव में वेस्ट (waste) को वेल्थ (wealth) में परिवर्तन करने और गोबर से गोबर-धन बनाने की दिशा में पहल करें.”

छत्तीसगढ़ के कचरा महोत्सव का किया जिक्र
पीएम मोदी ने छत्तीसगढ़ के रायपुर में आयोजित कचरा महोत्सव का जिक्र किया. उन्होंने कहा- “छत्तीसगढ़ ने एक अनूठा प्रयास करते हुए राज्य का पहला ‘कचरा महोत्सव’ आयोजित किया. रायपुर नगर निगम द्वारा आयोजित इस महोत्सव के पीछे स्वच्छता को लेकर जागरूकता थी, जो एक सराहनीय कदम है.” पीएम ने कहा- “रायपुर से प्रेरित होकर अन्य जिलों में भी अलग-अलग तरह के कचरा उत्सव हुए. हर किसी ने अपनी-अपनी तरफ से पहल करते हुए स्वच्छता को लेकर इनोवेटिव आइडिया शेयर किए हैं.”

भारतीय वैज्ञानिकों को किया याद
पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ की शुरुआत में वैज्ञानिकों को याद किया. उन्होंने कहा- “इस देश ने विज्ञान के क्षेत्र में कई महान वैज्ञानिकों को जन्म दिया है. एक तरफ महान गणितज्ञ बौधायन, भास्कर, ब्रह्मगुप्त और आर्यभट्ट की परंपरा रही है.वहीं, दूसरी ओर चिकित्सा के क्षेत्र में चरक और सुश्रुत हमारे गौरव हैं. सर जगदीश चंद्र बोस और हरगोविंद खुराना से लेकर सत्येंद्र नाथ बोस जैसे वैज्ञानिक भारत के गौरव हैं.”

मोदी ने कहा-“क्या कभी हमने सोचा है कि नदी हो या समुद्र हो, इसमें पानी रंगीन क्यों हो जाता है? यही प्रश्न 1920 के दशक में एक युवक के मन में आया था. इसी प्रश्न ने आधुनिक भारत के एक महान वैज्ञानिक को जन्म दिया.”

मानव कल्याण में हो मशीनों का इस्तेमाल
मोदी ने कहा-“आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से रोबोट्स, बोट्स और स्पेसिफिक टास्क करने वाली मशीनें बनाने में मदद मिलती है. आजकल मशीनें सेल्फ लर्निंग से अपने आप के इंटेलिजेंस को और स्मार्ट बनाती जाती है. विज्ञान और मशीनों का विकास मानव कल्याण में होना चाहिए.”

BIMSTEC का दिया उदाहरण
BIMSTEC का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा-“बांग्लादेश, भारत, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, भूटान और नेपाल, इन देशों ने एक संयुक्त आपदा प्रबंधन अभ्यास किया. ये अपने आप में एक पहला और बड़ा मानवीय प्रयोग था.”

नारी शक्ति को किया नमन
प्रधानमंत्री ने नारी शक्ति को भी नमन किया. उन्होंने कहा, “नारी शक्ति ने खुद को आत्मनिर्भर बनाया है. उन्होंने खुद के साथ ही देश और समाज को भी आगे बढ़ाने और एक नए मुकाम पर ले जाने का काम किया है.” मोदी ने कहा, “आखिर हमारे ‘New India’ का सपना यही तो है. हम उस परंपरा का हिस्सा हैं, जहां पुरुषों की पहचान नारियों से होती थी. यशोदा-नंदन, कौशल्या-नंदन, गांधारी-पुत्र, यही पहचान होती थी किसी बेटे की.”

पीएम ने कहा, “8 मार्च को ‘अंतरराष्ट्रीय महिला-दिवस’ मनाया जाता है. इस दिन देश में ‘नारी शक्ति पुरस्कार’ से ऐसी महिलाओं को सत्कार भी किया जाता है, जिन्होंने भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में अनुकरणीय कार्य किये हों.”

वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में शामिल हुईं एलीफेंटा की गुफाएं
पीएम मोदी ने कहा कि एलीफेंटा द्वीप के तीन गांवों में आज़ादी के 70 वर्ष बाद बिजली पहुंचने से वहां के लोगों में हर्ष और उत्साह है. यहां के तीन गांव राजबंदर, मोरबंदर और सेंतबंदर के लोगों की जिंदगी में जो अंधेरा छाया था वह अब छठ चुका है. उन्होंने कहा, “एलीफेंटा की गुफाओं को यूनेस्को (UNESCO) की वर्ल्ड हेरिटेज साइट ने शामिल किया है. मुझे खुशी है कि अब एलीफेंटा के गांव और एलीफेंटा की गुफाएं बिजली से रोशन होंगे. ये विकास के दौर की एक नई शुरुआत है.”

देशवासियों को दी शिवरात्रि और होली की शुभकामनाएं
आखिर में पीएम मोदी ने देशवासियों को शिवरात्रि और होली की शुभकामनाएं दी. पीएम ने कहा-“शिवरात्रि के महोत्सव के बाद अब मार्च का महीना लहलहाते फसलों से सजे खेत, अठखेलियां करती गेहूं की सुनहरी बालियां और मन को पुलकित करने वाली आम के मंजर की शोभा इस महीने की विशेषता है.”

उन्होंने कहा, “2 मार्च को होली का उत्सव हर्षोल्लास से मनाया जाएगा. होली में जितना महत्व रंगों का है उतना ही महत्व ‘होलिका दहन’ का भी है, क्योंकि यह दिन बुराइयों को अग्नि में जलाकर नष्ट करने का दिन है. आप सभी देशवासियों को होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं. यह पर्व देशवासियों के जीवन में रंगबिरंगी खुशियों से भरा हुआ रहे. यही शुभकामना है.”

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