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भारत 17 फरवरी 2017- अप्रैल 08, 2018 तक विश्व के सबसे बड़े 8वें थियेटर ओलंपिक्स की मेजबानी करेगा

भारत 17 फरवरी 2017- अप्रैल 08, 2018 तक विश्व के सबसे बड़े 8वें थियेटर ओलंपिक्स की मेजबानी करेगा
देश-विदेशमनोरंजन

नई दिल्ली: संस्कृति और पर्यावरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. महेश शर्मा ने आज भारत द्वारा फरवरी 2017- अप्रैल 08, 2018 तक विश्व के सबसे बड़े थियेटर समारोह 8वें थियेटर ओलंपिक्स की मेजबानी की घोषणा की। यह थियेटर कार्निवल देश के विभिन्न भागों में एक साथ होगा। आज यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए डॉ. महेश शर्मा ने कहा कि कार्निवल में विश्व के 500 नाटक और 700 एंबीयेंस  प्रदर्शन होंगे। इसके अतिरिक्त प्रदर्शनियां, सेमीनार, गोष्टियां, सक्रिय संवाद तथा शिक्षाविदों, लेखकों, अभिनेताओं, डिजाइनरों तथा निर्देशकों के साथ कार्यशाला भी आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि विश्व नाट्य मंच की प्रमुख हस्तियां इसमें भाग लेंगी। इस अवसर पर एनएसडी सोसाइटी के अध्यक्ष श्री रतन थियम और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक प्रो. वामन केंद्रे उपस्थित थे।

      भारत को विश्व थियेटर के मानचित्र पर सबसे ऊपर रखने के लिए देश प्रसिद्ध थियेटर ओलंपिक्स के अगले संस्करण की मेजबानी के लिए तैयार है। 1993 में स्थापित थियेटर ओलंपिक अग्रणी राष्ट्रीय थियेटर समारोह है और इसमें जाने-माने थियेटर कर्मियों की बेहतरीन कृतियों को प्रस्तुत किया जाता है।

      भारत में पहली बार आयोजित होने वाले थियेटर ओलंपिक का आयोजन संस्कृति मंत्रालय का राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय कर रहा है। विश्व का सबसे बड़ा यह थियेटर समारोह 17 फरवरी से 8 अप्रैल, 2018 तक भारत के 15 शहरों में एक साथ आयोजित किया जाएगा।

      नई दिल्ली में थियेटर ओलंपिक के भव्य उद्घाटन समारोह के आयोजन की घोषणा भी की गई। इस समारोह में सैंकड़ों कलाकार अपनी कला दिखाएंगे। समापन समारोह मुम्बई में होगा। थियेटर ओलंपिक 2018 8वां संस्करण है और इसमें अधिक से अधिक संख्या में अंतर्राष्ट्रीय थियेटरों को दिखाया जाएगा। इसमें प्रदर्शनियां, सेमीनार, गोष्टियां, सक्रिय संवाद तथा शिक्षाविदों, लेखकों, अभिनेताओं, डिजाइनरों तथा निर्देशकों के साथ कार्यशाला जैसे एंबीयेंस  प्रदर्शन होंगे।

      थियेटर ओलंपिक्स की स्थापना यूनान के डेल्फी में 1993 में पहले अंतर्राष्ट्रीय थियेटर समारोह के रूप में हुई थी। ‘क्रोसिंग मिलेनिया’ शीर्षक इस पहल का उद्देश्य वर्तमान और भविष्य के साथ अतीत की संस्कृति को जोड़ना, थियेटर की समृद्ध और विविध विरासत को एक साथ लाना और समकालीन शोध है।

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