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भारत में समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए आईसीटी महत्वपूर्ण है- मनोज सिन्हा

वित्तीय दबाव की खबरों के बीच संचार मंत्री श्री मनोज सिन्हा ने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के प्रर्वतकों के साथ इस विषय पर चर्चा की। इस अवसर पर वित्तीय सेवा विभाग तथा भारतीय स्टेट बैंक के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। उद्योग जगत ने दूरसंचार क्षेत्र की समस्याओं के कारण आने वाली वित्तीय चिंताओं के बारे में मंत्री महोदय को अवगत कराया तथा स्थिति से निपटने के रोडमैप के बारे में जानकारी दी। मंत्री महोदय ने जानकारी दी की दूरसंचार क्षेत्र में व्यवहार्यता और पुर्नभुगतान क्षमता को प्रभावित करने वाले मुद्दों का हल करने के लिए एक अंतर मंत्रालय समूह (आईएमजी) का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि जल्द ही उद्योग जगत की चिंताओं को हल करने के लिए यह समूह अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगा। आईएमजी बैंकों और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के साथ व्यापक विचार विमर्श करेगा और शीघ्र की अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। मंत्री महोदय ने आश्वासन दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों सहित आम आदमी को बेहतर सेवाऐं प्रदान करने के मामले में सरकार इस क्षेत्र के सुदृढ़ विकास सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठायेगी।
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नई दिल्ली: संचार मंत्री श्री मनोज सिन्हा ने कहा कि देश में सबका साथ सबका विकास के सिद्धांतों के आधार पर शासन के प्रमुख संयोजक के रूप में आईसीटी का उपयोग किया गया है। जिनेवा में आयोजित विश्व सूचना सोसाइटी सम्मेलन, डब्लूएसआईएस फोरम- 2017 में संबोधित करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के तहत उचित समय और विश्वसनीय तरीक से नागरिक केन्द्रित सूचना और सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए आईसीटी का लाभ उठाने में भारत की सफलता की कहानी के बारे में जानकारी दी।

श्री सिन्हा ने 2018 के अंत तक देश में विकसित गीगाबाइट पेसिव ऑप्टिकल नेटवर्क के जरिए 250 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के उद्देश्य वाली महत्वाकांक्षी भारत नेट परियोजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। महत्वाकांक्षी डिजिटल कनेक्टिविटी परियोजना, जो विश्व की सबसे बड़ी कनेक्टिविटी परियोजना है और अपने अनेक आयामों में विशिष्ट है, ग्रामीण क्षेत्रों में विश्वसनीय और गुणवत्तायुक्त ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी उपलब्ध कराएगी।

भारत की आधार के माध्यम से सीधे लाभ हस्तांतरण, भीम के माध्यम से ई-भुगतान सुविधा, राष्ट्रीय डिजिटल साक्षरता मिशन का उपयोग और राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस मंच, एम-गवर्नेंस, सरकारी ई-मार्केट प्लेस जैसी सफलता की कहानी के बारे में भी उन्होंने प्रकाश डाला। नागरिक केंद्रित सेवाएं सुनिश्चित करने में डिजिटल इंडिया की सफलता की कहानी और ज्ञान आधारित समाज का निर्माण करने में इसकी भूमिका के बारे में उन्होंने अपने संबोधन में विशेष रूप से उल्लेख किया है। अनेक प्रतिभागियों, देशों और संगठनों ने शासन की परम्परागत प्रणाली से शासन की डिजिटल प्रणाली में लंबी छलांग लगाने के लिए भारत द्वारा अपनाई गई प्रौद्योगिकियों को समझने के लिए दिलचस्पी जाहिर की।

भारत और अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए श्री मनोज सिन्हा ने आईटीयू के महासचिव श्री हौलीन झाओ और आईटीयू के उप महासचिव माल्कम जॉनसन के साथ मुलाकात की। आईटीयू ने भारत के साथ सहयोग बढ़ाने और आधार, डिजिटल वित्तीय सेवाओं जैसे प्रमुख कार्यक्रमों का अध्ययन करने में गहरी दिलचस्पी दिखाई। आईटीयू ने स्मार्ट सिटी परियोजना सहित भारत के आईसीटी आधारित विकासात्मक और सामाजिक कार्यक्रमों और प्रौद्योगिकियों और अच्छी प्रक्रियाओं की पहचान करने में काफी रूची दिखाई ताकि इन्हें विश्व के अन्य भागों में भी लागू किया जा सके। श्री सिन्हा ने आईटीयू के प्रस्तावों का स्वागत करते हुए भारत में आईटीयू का स्थानीय क्षेत्र कार्यालय खोलने के लिए भारत की सहायता के बारे में प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने डार्कनेट, डार्कवेब्स और अन्य उपकरणों के माध्यम से आतंकवादियों और साइबर अपराधियों द्वारा आईसीटी के दुरुप्रयोग को रोकने में आईटीयू से नेतृत्व करने के लिए कहा। केन्द्रीय संचार (स्वतंत्र प्रभार) और रेल राज्य मंत्री श्री मनोज सिन्हा जिनेवा में 12-16 जून 2017 तक आयोजित किए जा रहे विश्व सूचना सोसाइटी सम्मेलन, डब्लूएसआईएस फोरम- 2017 की बैठक के लिए एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं।

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