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‘भारत में पारदर्शिता के साथ कोयले के दोहन और आवंटन संबंधी योजना (शक्ति)’ नामक नई नीति के बाद अगले कदम के रूप में कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने स्वतंत्र विद्युत उत्‍पादकों (आईपीपी) के लिए नीलामी की

देश-विदेश

नई दिल्ली: 17 मई, 2017 को आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने विद्युत क्षेत्र को भविष्य में कोयला लिंकेज का पारदर्शी तरीके से आवंटन करने के लिए एक नई नीति को मंजूरी प्रदान की। इस नीति को ‘भारत में पारदर्शिता के साथ कोयले के दोहन और आवंटन संबंधी योजना (शक्ति)’ का नाम दिया गया। यह नीति विद्युत क्षेत्र की एक प्रमुख चुनौती यथा ‘कोयला लिंकेज के अभाव’ से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है और इससे अनेक गैर निष्‍पादित परिसंपत्तियों के समाधान में सकारात्मक योगदान मिलने की उम्‍मीद है। इस नीति के तहत सीआईएल/एससीसीएल घरेलू कोयला आधारित विद्युत खरीद समझौता (पीपीए) पहले ही कर चुके स्वतंत्र विद्युत उत्‍पादकों (आईपीपी) के लिए नीलामी के आधार पर अधिसूचित मूल्य पर कोयले के लिंकेज मंजूर करेगी। इसके साथ ही बोली का मापदंड मौजूदा शुल्‍क पर वह औसत नियत एवं परिवर्तनीय छूट है जो आईपीपी प्रदान करने को तैयार हैं। ऐसे में अपने पसंदीदा स्रोत से कोयले की दीर्घकालिक आपूर्ति सुरक्षा सुनिश्चित कर चुके आईपीपी के लिए यह लाभ्रप्रद साबित होने की उम्‍मीद है, जबकि शुल्‍क दर अपेक्षाकृत कम होने से उपभोक्ता भी लाभान्वित होंगे।

तदनुसार, भारत सरकार के कोयला मंत्रालय के एक पीएसयू यानी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने संभावित बोलीदाताओं से 19 अगस्त 2017 तक अभिरुचि पत्र आमंत्रित किए। कुल मिलाकर 31 आवेदन प्राप्त हुए। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) ने इन सभी आवेदनों पर गौर किया और अंतत: कुल 14 बोलीदाता इसके पात्र पाए गए।

इसके बाद सीआईएल ने पीपीए कर चुके आईपीपी के लिए एक ऐसी स्वीकृत कार्यप्रणाली के अनुसार 11 से 12 सितंबर 2017 के बीच नीलामी का आयोजन किया जिसका उपयोग संभवत: पहली बार भारत में किया गया। इसके तहत अपने मौजूदा शुल्‍क (टैरिफ) पर ज्‍यादा डिस्‍काउंट या छूट देने वाले बोलीदाताओं को अपने पसंदीदा स्रोत को चुनने में प्राथमिकता दी जा रही है।

 14 पात्र बोलीदाताओं में से 10 ने लगभग 9044 मेगावाट की संचयी क्षमता की नीलामी में हिस्सा लिया और उन्होंने 8 उपलब्ध स्रोतों से 27.18 मिलियन टन प्रति वर्ष (टीपीए) की संचयी मात्रा की बुकिंग की तथा शुल्‍क पर छूट बढ़कर 4 पैसे प्रति यूनिट तक हो गई। इसके परिणामस्‍वरूप लिंकेज वाले कोयले से हर वर्ष 47 अरब से भी अधिक यूनिटों का उत्पादन होने तथा 25 वर्षों तक की अवधि के दौरान शुल्क में लगभग 125 करोड़/सालाना की बचत होने की उम्‍मीद है।

बुक की गई मात्रा और औसत नियत एवं परिवर्तनीय छूट का सार निम्‍नलिखित तालिका में दिया गया है

 औसत नियत एवं परिवर्तनीय छूट (पैसा / किलोवाट घंटा) बुक की गई मात्रा (एमटीपीए)
4p 6.00
3p 9.07
2p 9.22
1p 2.89
27.18

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