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भारत-कनाडा व्‍यापार और निवेश संबंध

देश-विदेश

नई दिल्ली: भारत की यात्रा पर आए कनाडा के अंतर्राष्‍ट्रीय व्‍यापार मंत्री श्री फ्रैंकोइस-फिलिप चैंपाग्‍ने और वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण के बीच दिनांक 03.07.2017 को नई दिल्‍ली में एक द्विपक्षीय बैठक हुई।

दोनों मंत्रियों ने जनवरी, 2017 में डावोस में विश्‍वआर्थिक मंच की बैठक के अवसर पर दोनों देशों के बीच हुए विचार-विमर्श को आगे बढ़ाया। बातचीत में दोनों देशों के बीच आपसी व्‍यापार और निवेश का विस्‍तार करने पर ध्‍यान केंद्रित किया गया। दोनों मंत्रियों ने इस बात पर सहमति व्‍यक्‍त की कि द्विपक्षीय निवेश प्रोत्‍साहन और संरक्षण समझौता (बीआईपीपीए) और व्‍यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) को मुकाम तक पहुंचाने के काम में तेजी लाई जाए। कनाडा के व्‍यापार मंत्री ने बैठक में बताया कि कनाडा के पेंशन फंड भारतीय बाजार में निवेश के इच्‍छुक हैं। उन्‍होंने एफआईपीएकी आवश्‍यकता पर बल दिया, जिससे निवेश को भरोसा और संरक्षण प्राप्‍त हो सकेगा। सर्वाधिक वरीयता वाले देश का दर्जा यानी एमएफएन, रैचिट, आईएसडीएस जैसे मुद्दों के बारे में वाणिज्‍य मंत्री श्रीमती सीतारमण ने स्‍पष्‍ट किया कि बातचीत परिधीय मुद्दों में नहीं अटकनी चाहिए और इसमें प्रोत्‍साहन और संरक्षण जैसे मुद्दों पर ध्‍यान केंद्रित किया जाना चाहिए। इससे दोनों देशों के बीच निवेश को स्थिरता और विश्‍वसनीयता प्राप्‍त होगी। उन्‍होंने कहा कि भारत ने नमूने के रूप में मॉडल टेक्‍स्‍ट का अनुमोदन कर दिया है और एफआईपीए संबंधित बातचीत मॉडल टेक्‍सट के अनुसार आगे बढ़नी चाहिए। परंतु दोनों देशों को समझौते के लिए बातचीत करते समय निवेश संरक्षण के अनिवार्य तत्‍वों को शामिल करने पर लचीला रूख अपनाना चाहिए।

वाणिज्‍य और उद्योग मंत्री श्रीमती सीतारामण ने स्‍थायी विदेशी श्रमिक कार्यक्रम में सुधारों का मुद्दा भी उठाया जिसे कनाडा ने अधिक सख्‍त बना दिया है और उसका भारत से सेवा व्‍यापार पर दुष्‍प्रभाव पड़ा है। उन्‍होंने ढांचागत कंपनी हस्तांतरितियों के लिए अल्‍पवावधि वीजा पर आवागमन आसान बनाने के महत्‍व पर विचार किया। उन्‍होंने कुछ भारतीय कंपनियों के उदाहरण दिए जिन्‍होंने कनाडा में निवेश किया है लेकिन उनके लिए इंट्रा–कंपनी हस्तांतरितियों के रूप में भारत से कर्मचारी जुटाना कठिन है। कनाडा के व्‍यापार मंत्री ने कहा कि कनाडा में व्‍यवसाइयों के आवागमन को आसान बनाने के लिए अनेक उपाय किए गए हैं। उन्‍होंने ग्‍लोबल स्किल स्‍ट्रैटेजी प्रोग्राम के अंतर्गत हाल में किए गए उपायों की चर्चा की जिनमें उच्‍च प्रशिक्षित तकनीशियनों प्रोफ्रेसरों, अनुसंधानकर्ताओं आदि को दो हफ्ते के भीतर वीजा देने का प्रावधान है। उन्‍होंने कहा कि एक वर्ष से कम समय के लिए कनाडा की यात्रा करने वाले व्‍यवसाइयों को वीजा जारी करने के लिए एक फास्‍ट ट्रैक प्रक्रिया जारी की गई है,जो कंसीयज सर्विस के समान है। यह सेवा प्राथमिकता के आधार पर कनाडा में निवेश करने वाली कंपनियों पर लागू होगी।

कनाडा के व्‍यापार मंत्री ने भारत में आयात की जा रही दालों के लिए सुगंधीकरण की आवश्‍यकता का मुद्दा उठाया और इसके समाधान की आवश्‍यकता पर बल दिया। वाणिज्‍य और उद्योग मंत्री ने इस मुद्दे पर कृषि मंत्रालय के साथ सलाह-‍मश्विरा करने का आश्‍वासन दिया। श्रीमती सीतारामण ने भारत के राष्‍ट्रीय कार्बनिक उत्‍पादन कार्यक्रम के प्रति कार्बनिक समानता का मुद्दा भी उठाया। कनाडा के व्‍यापार मंत्री ने इस मुद्दे को कनाडा के कृषि मंत्रालय के साथ बातचीत से हल करने पर सहमति जताई।

दोनों मंत्रियों ने दोनों देशों के व्‍यापारियों के बीच परस्‍पर संपर्क की संभावनाओं पर भी विचार किया। इस संदर्भ में सीईओ फोरम के महत्‍व पर विचार किया गया ताकि द्विपक्षीय व्‍यापार और निवेश में सुधार के लिए अपेक्षित परिप्रे‍क्ष्‍य उपलब्‍ध कराता है। सीईओ फोरम के भारतीय पक्ष का पुनर्गठन किया गया है, जबकि कनाडा को अभी इस फोरम का पुनर्गठन करना है। कनाडा के व्‍यापार मंत्री ने मार्च के अंत तक सीईओ फोरम का पुनर्गठन करने पर सहमति जताई। दोनों मंत्रियों ने इस बात पर भी सहमति व्‍यक्‍त की कि दोनों देशों के व्‍यापार प्रतिनिधियों  को शीघ्र बैठक करनी चाहिए और आपसी संबंधों को बढ़ाने के लिए महत्‍वपूर्ण  जानकारी प्रात करनी चाहिए

दोनों देशों ने अंतरराष्‍ट्रीय मंच पर समान हित के मुद्दों पर बेहतर आपसी सहयोग करने पर भी सहमति जताई। दोनों मंत्रियों ने संकल्‍प व्‍यक्‍त किया कि वे द्विपक्षीय व्‍यापार बढ़ाने के लिए काम करेंगे।

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